कोविड-19: घर से कामकाज: संरक्षा का अभाव, कम पगार और स्वास्थ्य जोखिम

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की नई रिपोर्ट में कोविड-19 महामारी के दौरान घर से काम कर रहे करोड़ों कर्मचारियों की बेहतर मान्यता सुनिश्चित किये जाने और उन्हें संरक्षण प्रदान करने के उपायों पर ज़ोर दिया गया है. कोरोनावायरस संकट के कारण उठाए गए ऐहतियाती क़दमों के मद्देनज़र घर से काम कर रहे लोगों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है और यह रुझान आने वाले समय में भी जारी रहने की सम्भावना जताई गई है.
यूएन श्रम एजेंसी के मुताबिक कोविड-19 से पहले विश्व भर में घर से काम करने वाले लोगों की संख्या क़रीब 26 करोड़ थी, जोकि वैश्विक कार्यबल का 7.9 फ़ीसदी हिस्सा था.
लेकिन महामारी फैलने के शुरुआती महीनों में हर पाँच में से एक कर्मचारी को घर से काम करना पड़ रहा था.
The #COVID19 crisis has highlighted poor working conditions of those working from home. @ilo report shows #homeworkers face greater safety & health risks and often lack social protection. 90% of homeworkers in low & middle income countries work informally. https://t.co/nXN5RqMJ27
ilo
वर्ष 2020 के आँकड़े पूरी तरह उपलब्ध होने के बाद, पिछले वर्ष की तुलना में इस संख्या में ठोस बढ़ोत्तरी होने की सम्भावना जताई गई है.
कोविड-19 के फैलाव से बचाव के लिये अनेक देशों में आवाजाही पर सख़्त पाबन्दियाँ और तालाबन्दी के लागू होने के बाद, घरों से काम करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है.
बताया गया है कि कोविड-19 के लिये वैक्सीन आने के बावजूद आने वाले वर्षों में यह रुझान जारी रहने का अनुमान है.
बुधवार को जारी रिपोर्ट दर्शाती है कि घर में होने वाला कामकाज अक्सर बाहरी दुनिया की नज़रों से दूर होता है.
बहुत से ‘अदृश्य’ कामगारों को ख़राब परिस्थितियों में काम करना पड़ता है, उनके स्वास्थ्य व सुरक्षा पर जोखिम मँडराता है और प्रशिक्षण तक पहुँच ना होने के कारण भविष्य में उनके लिये अवसरों पर असर हो सकता है.
घर से बाहर कार्यरत अपने समकक्षों की तुलना में उनकी आमदनी कम होने की सम्भावना ज़्यादा होती है, उच्च-कौशल वाले पेशों में भी.
“औसतन, घर से काम कर रहे लोगों की आमदनी ब्रिटेन में 13 फ़ीसदी, अमेरिका में 22 फ़ीसदी, दक्षिण अफ़्रीका में 25 फ़ीसदी, और अर्जेन्टीना, भारत व मैक्सिको में 50 फ़ीसदी कम होती है.”
“Working from home. From invisibility to decent work” शीर्षक वाली इस रिपोर्ट के मुताबिक घर बैठकर काम करने वाले कर्मचारियों को अन्य कर्मचारियों के समान सामाजिक संरक्षा का स्तर हासिल नहीं है.
साथ ही उनके किसी व्यापार संघ का हिस्सा होने या समझौतों से होने वाले फ़ायदों का लाभ मिलने की सम्भावना भी कम होती है.
घरों से काम कर रहे कर्मचारियों से तात्पर्य नियमित रूप से टैलीवर्किंग करने वाले लोगों और उन सामानों के उत्पादन में जुटे बड़ी संख्या में कामगारों से है जिनका स्वचालित उत्पादन सम्भव नहीं है, जैसेकि हस्तशिल्प, कढाई, इलैक्ट्रॉनिक सामग्री का संयोजन.
एक श्रेणी उन डिजिटल प्लैटफ़ॉर्म कर्मचारियों की भी है जोकि बीमा, सम्पादन, आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस सहित अन्य आधुनिकतम सेवाएँ प्रदान करने वाले कर्मचारियों से है.
आईएलओ का अनुमान है कि घर से काम करने का रुझान आने वाले समय में भी जारी रहेगा और आगामी वर्षों में इसकी अहमियत और ज़्यादा बढ़ने की सम्भावना है.
इसके मद्देनज़र घरों से काम करने वाले कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं (Employers) के समक्ष मौजूद चुनौतियों से तत्काल निपटे जाने की ज़रूरत है.
घर से कामकाज के सम्बन्ध में फ़िलहाल नियमन कमज़ोर हैं और मौजूदा क़ानूनों का पूर्ण रूप से पालन नहीं किया जाता है.
घर से काम करने वाले लोगों को अक्सर ‘स्वतन्त्र अनुबन्धक’ (Independent Contractor) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है. इसका अर्थ यह है कि वे श्रम सम्बन्धी क़ानूनों के दायरे से बाहर होते हैं.
इसके जवाब में यूएन एजेंसी ने स्पष्ट सिफ़ारिशें पेश की हैं ताकि घरों से होने वाले कामकाज की बेहतर शिनाख़्त और संरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
बताया गया है कि औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत लेकिन घर से काम करने वाले कर्मचारियों को औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाया जाना चाहिये.
साथ ही उनके लिये क़ानूनी और सामाजिक संरक्षा के उपाय किये जाने होंगे और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाया जाना होगा.
इसी तरह, टैलीवर्कर्स को काम पूरा होने के बाद कामकाज से अलग होने का भी अधिकार (Right to disconnect) देना होगा ताकि कामकाजी जीवन और निजी जीवन के बीच के सीमाओं का भी सम्मान किया जा सके.
रिपोर्ट में सरकारों से आग्रह किया गया है कि कर्मचारी और नियोक्ता संगठनों के साथ मिलकर प्रयास किये जाने होंगे, जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि घरों से काम करने वाले कर्मचारी ‘अद्श्यता’ से निकलकर अच्छे एवं उपयुक्त रोज़गार की दिशा में बढ़ पाएँ.