निजेर में, दो गाँवों पर हुए जानलेवा हमलों की तीखी भर्त्सना
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शनिवार को, निजेर के पश्चिमी क्षेत्र के दो गाँवों में, कुछ अज्ञात बन्दूकधारियों द्वारा किये गए हमलों की तीखी भर्त्सना की है. इन हमलों में लगभग 100 लोगों के मारे जाने और सैकड़ों अन्य लोगों को अपनी जान बचाने के लिये पैदल ही, वहाँ से भागना पड़ा है.
महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता द्वारा रविवार को जारी एक वक्तव्य में, निजेर की सरकार से, इन हमलों के लिये ज़िम्मेदार तत्वों को न्याय के कटघरे में लाने का आग्रह किया गया है.
Secretary-General @antonioguterres strongly condemns yesterday’s attacks by unidentified gunmen on two villages in Niger. He reaffirms the solidarity and support of @UN to the Government and people of Niger. https://t.co/wQN8pLqF2H
UN_Spokesperson
वक्तव्य में कहा गया है, “महासचिव को पूरा भरोसा है कि निजेर सरकार इन हमलों के लिये ज़िम्मेदार लोगों की पहचान करने और उनकी जवाबदेही तय करने के लिये, कोई क़सर बाक़ी नहीं छोड़ेगी. साथ ही, आम नागरिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी.”
महासचिव ने, आतंकवाद, हिंसक अतिवाद और संगठित अपराध के ख़िलाफ़ लड़ाई में, निजेर के लोगों व सरकार के प्रति एकजुटता व पूरा समर्थन भी जताया है.
यूएन महासभा के अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर ने भी निजेर में हुए इन हमलों की निन्दा की है.
निजेर के पश्चिमी इलाक़े में स्थित दो गाँवों में हुए इन हमलों को, बेहद घातक व जानलेवा हमलों में गिना जा रहा है. ध्यान रहे कि निजेर को बोको हराम संगठन की हिंसा का भी सामना करना पड़ रहा है.
ये गाँव निजेर की राजधानी नियामे से लगभग 120 किलोमीटर (75 मील) दूर हैं.
स्थानीय मीडिया की ख़बरों के अनुसार, अनेक बन्दूकधारी, मोटरसाइकिलों पर सवार, दो समूहों में आए, और दोनों गाँवों पर एक साथ अन्धाधुन्ध हमला कर दिया.
इन हमलों में, त्चोम्बान्गो गाँव में 70 और ज़ारूम्बारेये गाँव में 30 लोगों की मौत हो गई. कम से कम 75 लोग घायल भी बताए गए हैं.
दिसम्बर 2020 में, निजेर के दक्षिण-पूर्वी दिफ़ा क्षेत्र में, हुए एक हमले में, कम से कम 28 लोग मारे गए थे और सैकड़ों अन्य घायल हुए थे. उस हमले की ज़िम्मेदारी बोको हराम संगठन ने स्वीकार की थी.
जान बचाने की ख़ातिर
यूएन शरणार्थी एजेंसी UNHCR ने इन हमलों की यथासम्भव कड़े शब्दों में निन्दा की है. इन हमलों में घायल हुए कुछ लोगों को उआलम और राजधानी नियामे पहुँचाने का इन्तज़ाम किया गया है जोकि 80 और 120 किलोमीटर दूर हैं.
निजेर में शरणार्थी एजेंसी की प्रतिनिधि अलेस्सान्द्रा मोरेली ने इन हमलों को शान्तिप्रिय समुदायों पर की गई घातक चोट क़रार देते हुए, पीड़ितों के परिवारों के साथ गहरी सम्वेदना व्यक्त की है.
उन्होंने कहा कि क्रूरता से पीड़ित बहुत से समुदाय अब ऐसे क्षेत्रों में पनाह लेने के लिये दौड़ रहे हैं जहाँ हिंसा के कारण विस्थापित लाखों लोगों को सहारा मिला हुआ है और जो अपनी ज़िन्दगी को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं.
स्थानीय मीडिया ख़बरों ने एजेंसी के हवाले से ख़बरें दी हैं कि इन हमलों के जीवित बचे लोग और चार अन्य पड़ोसी गाँवों के लोग सुरक्षा की ख़ातिर, वहाँ से भाग रहे हैं.
इस समय कम से कम 1000 लोग उआलम पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं, जिनमें अनेक तो पैदल ही चलने को मजबूर हैं.
यूएन शरणार्थी एजेंसी और उसके साझीदार संगठन, प्रभावित इलाक़ों में शरणार्थियों, आन्तरिक विस्थापितों और प्रभावित लोगों को सहारा व आश्रय देने वाले ज़रूरतमन्द परिवारों को मानवीय सहायता मुहैया करा रहे हैं.
यूएन शरणार्थी एजेंसी की प्रतिनिधि अलेस्सान्द्रा मोरेली ने बताया कि प्रभावित और ज़रूरतमन्द लोगों के लिये तत्काल देखभाल, आश्रय और सुरक्षा के लिये मदद दी जा रही है, साथ ही, उन्हें तकलीफ़, डर और सदमे के माहौल से निकालने के लिये, मनोवैज्ञानिक सहायता भी मुहैया कराई जा रही है.