बोसनिया हरज़ेगोविना: 'प्रवासियों के जीवन को तत्काल ख़तरा'

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों और मानवीय सहायता साझीदार संगठनों ने बोसनिया हरज़ेगोविना में, बर्फ़ीले तापमान और कड़ाके की सर्दी के मौसम में फँसे और आश्रय हीन सैकड़ों प्रवासियों की मदद करने के लिये, देश के प्रशासन से तुरन्त कार्रवाई करने का आहवान किया है.
इन प्रवासियों का ठिकाना, 23 दिसम्बर को उस समय छिन गया था जब देश के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में स्थित लीपा आपदा टैन्ट शिविर को बन्द कर दिया गया था, और बाद में, वो शिविर आग लगने के कारण तबाह हो गया था.
Lipa location in #Bihac #BiH has become a winter prison. #Migrants are not allowed to leave site, and are now making fires inside the remaining tents to keep warm. We have seen a few days ago how quickly fire can spread. This is a totally unnecessary tragedy. @UNmigration @UN_BiH pic.twitter.com/KOeHrOmYMf
PeterAuweraert
संयुक्त राष्ट्र के अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) और यूएन शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि हाल के समय में भारी बर्फ़बारी और तापमान बहुत नीचे चले जाने के कारण, इस समय लगभग 500 प्रवासी लोग, पूर्व लीपा शिविर स्थल पर ही फँसे हुए हैं.
उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य और हिफ़ाज़त के लिये तत्काल जोखिम पैदा हो गया है.
एजेंसियों ने बताया है कि उस स्थल पर वातावरण गरम रखने का कोई साधन नहीं होने के कारण, पहले ही, प्रवासियों की त्वचा में बर्फ़ जम जाने, शरीर में गर्माहट की कमी हो जाने, व अन्य गम्भीर स्वास्थ्य समस्याएँ सामने आ रही हैं.
अनेक सहायता एजेंसियों द्वारा आपदा राहत मुहैया कराने के प्रयासों के बावजूद, इन प्रवासियों के लिये तत्काल ख़तरा पैदा हो गया है.
यूएन एजेंसियों की मदद के लिये, मानवीय सहायता संगठन – डेनिश शरणार्थी परिषद, सेव द चिल्ड्रन और मेडिसिन डू माँडे संगठन भी सक्रिय हैं.
देश के अन्य इलाक़ों में स्थित आश्रय स्थलों में क्षमता से ज़्यादा भीड़ हो जाने के कारण, वर्ष 2020 के आरम्भ में, लीपा में, ये आपात टैन्ट शिविर बनाया गया था.
इस शिविर में, सर्दी का मुक़ाबला करने के साधन नहीं मुहैया कराए गए थे.
इस प्रक्रिया में, सर्दी का सामना करने के लिये, टैन्टों में मोटी गर्म चादरें और ज़मीन पर भी मोटी गर्म चटाइयाँ लगाई जाती हैं. साथ ही लोगों को कम्बल, गर्मी पैदा करने वाले स्टोव और ईंधन मुहैया कराए जाते हैं.
मानवीय सहायता एजेंसियाँ, हाल के समय में, इस आशय की चेतावनी जारी करती रही हैं कि अगर समय रहते, उपयुक्त क़दम नहीं उठाए गए तो, प्रवासियों और आश्रय आवेदकों के लिये गम्भीर ख़तरा उत्पन्न हो सकता है.
यूएन एजेंसियों और उसके साझीदार संगठनों ने कहा है, “एक टिकाऊ विकल्प के लिये, हमारे सामूहिक और सर्वसक्षम प्रयासों और तैयारियों के बावजूद, स्थानीय प्रशासन ने अभी तक भी, अस्थायी या कोई अन्य, समाधान नहीं सुझाया है.”
बोसनिया हरज़ेगोविना में, प्रवासी संगठन के मिशन प्रमुख पीटर वैन डेर ऑवेराएर्त के अनुसार, तबाह हुए टैन्ट शिविर स्थल पर, प्रवासी जन, अस्थाई इन्तज़ाम कर रहे हैं, जिनमें गर्माहट बनाए रखने के लिये, बचे-खुचे शिविरों के भीतर आग जलाना शामिल है, जबकि इससे किसी अन्य अनहोनी का भी ख़तरा पैदा होता है.
उन्होंने कहा, “हमने कुछ ही दिन पहले देखा है कि आग, कितनी तेज़ी से भड़क और फैल सकती है. ये एक बिल्कुल अनावश्यक आपदा है.”