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नोबेल मंच पर यूएन प्रमुख – कोविड ने दर्शाई एकजुटता की तात्कालिक ज़रूरत 

फ़िलिपींस के एक सामुदायिक अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी निजी बचाव के लिये पोशाक पहन कर मरीज़ों की जाँच करते हैं.
UN Women/Louie Pacardo
फ़िलिपींस के एक सामुदायिक अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी निजी बचाव के लिये पोशाक पहन कर मरीज़ों की जाँच करते हैं.

नोबेल मंच पर यूएन प्रमुख – कोविड ने दर्शाई एकजुटता की तात्कालिक ज़रूरत 

स्वास्थ्य

कोविड-19 महामारी ने वैश्विक एकजुटता और अन्तरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया है, और इस संकट को दुनिया में बुनियादी बदलाव लागू करने के अवसरों में तब्दील किया जाना होगा. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को नोबेल शान्ति पुरस्कार मंच को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है. 

इस कार्यक्रम के आयोजन से एक दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) को आधिकारिक रूप से वर्ष 2020 के नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

यूएन एजेंसी को यह पुरस्कार दुनिया के अनेक देशों में भुखमरी के शिकार लाखों-करोड़ों लोगों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिये दिया गया है. 

यूएन प्रमुख ने कार्यक्रम को वर्चुअली सम्बोधित करते हुए कहा, “कोविड-19 संकट ने सर्वप्रथम मानवीय एकजुटता की तत्काल ज़रूरत को दर्शाया है. हम साझा ख़तरों का मुक़ाबला साझा संकल्प से ही कर सकते हैं.”

नोबेल परिचर्चा में कोविड-19 के बाद के दौर में बहुपक्षवाद और वैश्विक शासन पर ध्यान केन्द्रित किया गया – इस संकट से दुनिया का हर कोना प्रभावित हुआ है. 

कोरोनावायरस संकट से दुनिया के अनेक देशों में आर्थिक और सामाजिक चुनौतियाँ पनपी हैं और पिछले 80 वर्षों में दुनिया सबसे बड़ी आर्थिक मन्दी, ग़रीबी के बढ़ते स्तर और अकाल का सामना कर रही है. 

इन हालात के मद्देनज़र यूएन प्रमुख ने कहा कि दुनिया को फिर से बदलने की ज़रूरत है. “हम इस संकट से निपटने में फिर पुराने ढर्रे पर नहीं लौट सकते, और ना ही राष्ट्रीय सीमाओं में सिमट सकते हैं.”

“हमें ज़्यादा अन्तरराष्ट्रीय सहयोग और मज़बूत अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं की आवश्यकता है.”

सर्वजन के लिये वैक्सीन

कोविड-19 संक्रमण का पहला मामला लगभग एक वर्ष पहले चीन में सामने आया था और अब तक दुनिया भर में, इस महामारी के संक्रमण के, छह करोड़ 80 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है. 15 लाख लोगों की मौत हुई है. 

महासचिव गुटेरेश ने कहा है कि सभी देश एक साझा दुश्मन का सामना कर रहे हैं लेकिन देशों ने एक साझा जवाबी कार्रवाई नहीं अपनाई है. ज़रूरी सामग्री और अग्रिम मोर्चे पर डटे कर्मचारियों के लिये भी आपसी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है.

“ऐसा ही हम कोविड-19 की नई वैक्सीनों की उपलब्धता में नहीं होने दे सकते, जिसे वैश्विक कल्याण के रूप में देखा जाना होगा.” 

यूएन प्रमुख ने उन अन्य नीतियों का भी ज़िक्र किया जिनकी पैरवी वह कोरोनावायरस संकट के दौरान करते रहे हैं. 

यूएन प्रमुख ने कोविड-19 को महामारी के रूप में परिभाषित किये जाने के कुछ ही दिनों के भीतर वैश्विक युद्धविराम की अपील जारी की थी और युद्धरत पक्षों को बन्दूकें शान्त करने और वायरस रूपी साझा दुश्मन के ख़िलाफ़ लड़ाई का आहवान किया था. 

महासचिव गुटेरेश ने जलवायु आपात हालात का उल्लेख करते हुए कहा कि मानवता आत्मघाती रास्ते पर चल रही है लेकिन उम्मीद की किरण भी नज़र आ रही है. 

बड़ी संख्या में लोग अब कार्रवाई की माँग कर रहे हैं और 100 से ज़्यादा देशों ने अगले तीन दशकों में नैट कार्बन उत्सर्जन शून्य करने का संकल्प लिया है.

वर्ष 2020 में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 75वीं वर्षगाँठ है और इस अवसर पर यूएन महासचिव ने देशों की सरकारों, नागरिक समाज, बड़ी हस्तियों और अन्य पक्षकारों से बहुपक्षवाद को बढ़ावा दिये जाने के रास्तों की तलाश करने की पुकार लगाई है.   

उन्होंने कहा कि वैश्विक शक्ति सम्बन्धों की नींव में समाई विषमताओं को दूर किया जाना होगा ताकि एक ज़्यादा समावेशी और न्यायसंगत विश्व का  सपना साकार किया जा सके.