कोविड-19: धनी देशों में बच्चों के लिये पर्याप्त वित्तीय समर्थन का अभाव
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने कड़े शब्दों में कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान धनी देशों द्वारा बच्चों के लिये आबंटित वित्तीय संसाधनों का स्तर पूर्ण रूप से अपर्याप्त है. बाल निर्धनता पर शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
रिपोर्ट दर्शाती है कि सम्पन्न देशों ने फ़रवरी और अगस्त 2020 के दौरान, घरेलू वित्तीय पुनर्बहाली के लिये 14 ट्रिलियन डॉलर से ज़्यादा की धनराशि ख़र्च की है. लेकिन इसका महज़ दो फ़ीसदी हिस्सा ही बच्चों और उनका पालन-पोषण कर रहे परिवारों के लिये आबंटित किया गया.
जबकि, यूएन एजेंसी के मुताबिक तथ्य दर्शाते हैं कि उच्च आय वाले देशों में, कम से कम अगले पाँच सालों तक, बाल निर्धनता, कोविड-19 महामारी से पहले के स्तर से ज़्यादा रहेगी.
इसके बावजूद बच्चों के लिये पर्याप्त मात्रा में वित्तीय समर्थन का अभाव देखा गया है.
इस रिपोर्ट के लिये योरोपीय संघ और आर्थिक सहयोग एवँ विकास संगठन (OECD) की जिन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सर्वेक्षण किया गया उनमें से लगभग एक तिहाई देशों ने बच्चों को सहारा देने के लिये विशिष्ट रूप से लक्षित नीतियाँ लागू नहीं की हैं.
इटली के फ़्लोरेन्स शहर में यूएन एजेंसी के शोध कार्यालय में निदेशक गुनीला ओलसन ने बताया कि बच्चों और उनके परिवारों के लिये आबंटित वित्तीय राहत की मात्रा महामारी के गम्भीर दुष्प्रभावों के अनुरूप नहीं है.
व्यवसायों को ज़्यादा लाभ
यूएन एजेंसी का अध्ययन बताता है कि आर्थिक स्फूर्ति प्रदान करने वाले राहत पैकेजों में व्यवसायों को सबसे अधिक लाभ मिला है.
इस अवधि के दौरान उपलब्ध धनराशि में से लगभग 80 फ़ीसदी रक़म, उन्हीं तक पहुँची है और इसके परिणामस्वरूप हाशियेकरण का शिकार बच्चों के लिये पीड़ा बढ़ी है.
यह सर्वेक्षण कोरोनावायरस संकट के दौरान संक्रमण की पहली लहर के दौरान जवाबी कार्रवाई के आकलन पर आधारित है.
बच्चों और उनके परिवारों के लिये जो सामाजिक संरक्षा उपाय अन्य देशों में अपनाए गए, वे भी औसतन तीन महीने के लिये लागू रहे. इन प्रयासों के तहत बाल देखभाल, स्कूलों के भरण-पोषण और परिवार भत्ते उपलब्ध कराए गए थे.
विशेषज्ञों का मानना है कि संकट के प्रभावों और बाल निर्धनता के जोखिमों से निपटने के लिये यह बेहद संक्षिप्त अवधि है.
शीत ऋतु के आगमन से अनेक देशों में तापमान में गिरावट आई है और संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ रही है.
यूनीसेफ़ ने, इन हालात के मद्देनज़र संक्रमण के मामलों की दूसरी लहर के दौरान, सरकारों से पुनर्बहाली योजनाओं को ज़्यादा सन्तुलित ढँग से लागू करने की अपील की है.
इसके तहत बच्चों के लिये सामाजिक संरक्षा पर ज़्यादा ध्यान देने, निर्धनतम परिवारों को बिना शर्त आय सम्बन्धी सहारा प्रदान करने और भोजन, बाल देखरेख व अन्य ज़रूरतों के लिये भत्ते सुनिश्चित करने की बात कही गई है.