वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

मिट्टी में समाहित जीवन के बारे में अभी बहुत कम जानकारी

लाओस में एक प्राइमरी स्कूल में, बच्चे एक सब्ज़ी बाग़ीचे में, पौधों की सिंचाई करते हुए.
©FAO/Manan Vatsyayana
लाओस में एक प्राइमरी स्कूल में, बच्चे एक सब्ज़ी बाग़ीचे में, पौधों की सिंचाई करते हुए.

मिट्टी में समाहित जीवन के बारे में अभी बहुत कम जानकारी

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने कहा है कि वैसे तो मिट्टी जीव, खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देने, पोषक ख़ुराक, मानव स्वास्थ्य की संरक्षा और जलवायु परिवर्तन का मुक़ाबला करने में अहम भूमिका निभाते हैं, मगर इन नन्हें कीटों के योगदान को अभी तक सही पहचान नहीं मिली है.

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हर वर्ष, 5 दिसम्बर को विश्व मिट्टी दिवस मनाया जाता है और संगठन ने इस मौक़े पर, मिट्टी विविधता के ज्ञान की स्थिति के बारे में अपनी तरह की पहली रिपोर्ट जारी की है.

रिपोर्ट में, टिकाऊ कृषि आधारित खाद्य प्रणालियाँ सुनिश्चित करने और जलवायु परिवर्तन का असर कम करने में, मिट्टी में पाए जाने वाले जीवों और कीटों की क्षमता का आकलन किया गया है.

खाद्य और कृषि संगठन की उप महानिदेशक मारिया हेलेना सेमेडो का कहना है, “मृदा-जैवविविधता और टिकाऊ मिट्टी प्रबन्धन, दरअसल टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये पूर्व शर्त है."

"इसलिये, इस कम प्रचारित विषय पर प्रबन्धन रणनीतियाँ कुशल तरीक़े से बनाने के लिये, मृदा जैवविविधता के बारे में, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर, आँकड़े और सूचनाएँ, ज़रूरी हैं.”

सतही जैवविविधता

रिपोर्ट के अनुसार, जैवविविधता क्षरण, वैसे तो वैश्विक चिन्ताओं में अहम मुद्दा है, मगर ज़मीन के अन्दर की जैवविविधता को वो महत्व नहीं दिया जा रहा है, जो उसे मिलना चाहिये और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने की योनजाएँ बनाने में इसे बहुत ज़्यादा महत्व दिये जाने की ज़रूरत है.

मारिया हेलेना सेमेडो ने कहा, “हमें उम्मीद है कि इस रिपोर्ट में प्रस्तुत की गई जानकारी व ज्ञान से, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तरों पर जैवविविधता की रिपोर्टिंग और सर्वेक्षणों के एक अहम हिस्से के रूप में, मृदा जैवविविधता की स्थिति का आकलन करने में मदद मिलेगी.”

जैवविविधता के मुख्य भण्डारों में शामिल, मिट्टी में, विश्व की 25 प्रतिशित जैविक विविधता वास करती है.

जैवविविधता की ख़ातिर...

खाद्य और कृषि संगठन का कहना है कि मिट्टी के भीतर, पौधे, छोटे-छोटे जीवों की एक अलग दुनिया को सींचते हैं, उसके बदले में वो नन्हें-नन्हें कीट, उन पौधों को ख़ुराक मुहैया कराते हैं और उन्हें जीवित रखते हैं.

इन जीवित प्राणियों की ये विविधता भरी दुनिया, मिट्टी को स्वस्थ और उर्वर बनाए रखने में मदद करती है, इसी से मिट्टी की जैवविविधता बनती है. 

अन्ततः इसी से मुख्य जैव, भौगोलिक-रसायनिक प्रक्रियाओं का निर्धारण होता है जिससे पृथ्वी पर जीवन सम्भव होता है.