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कोविड-19: महामारी अभी ख़त्म नहीं हुई है, अब भी चौकसी बहुत ज़रूरी

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस जिनीवा में विश्व स्वास्थ्य असेम्बली के 73वें सत्र को सम्बोधित करते हुए.
WHO/Christopher Black
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस जिनीवा में विश्व स्वास्थ्य असेम्बली के 73वें सत्र को सम्बोधित करते हुए.

कोविड-19: महामारी अभी ख़त्म नहीं हुई है, अब भी चौकसी बहुत ज़रूरी

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडनेहॉम घेबरेयेसस ने इन बढ़ती अवधारणाओं के ख़िलाफ़ चेतावनी जारी की है जिसमें लोग ये समझने लगे हैं कि कोविड-19 महामारी अब ख़त्म हो गई है, जबकि कुछ देशों में महामारी के संक्रमण के मामले बहुत ज़्यादा हो रहे हैं, और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बहुत बढ़ रहा है. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक ने शुक्रवार को जिनीवा में नियमित प्रेस वार्ता में कहा कि हाल के दिनों में, वैक्सीन की खोज, परीक्षणों और मंज़ूरी के मामलों में हुई प्रगति, हम सभी का हौसला बढ़ा है, और अब हमें सुरंग के दूसरे छोर पर कुछ रौशनी नज़र आने लगी.

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उन्होंने फ़ाइज़र/ बायो-एन-टैक की वैक्सीन को त्वरित मंज़ूरी देने के लिये ब्रिटेन के अधिकारों की सराहना की. ये वैक्सीन एक सप्ताह में जारी कर दी जानी और महानिदेशक ने पूरी दुनिया के लिये एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि क़रार दिया है. 

संगठन के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, “हालाँकि विश्व स्वास्थ्य संगठन इन बढ़ती अवधारणों पर चिन्तित है कि महामारी जैसे ख़त्म हो गई है.”

उन्होंने योरोपीय देशों के अनुभव का ज़िक्र करते हुए कहा कि वहाँ सफल तालाबन्दी की गई और उसके बाद धीरे-धीरे छूट दी गई.

इसलिये जैसे-जैसे पाबन्दियाँ हटाई जाती हैं, तो ये बहुत ज़रूरी है कि सभी लोग राष्ट्रीय स्तर पर लागू की जा रही पाबन्दियों का नियमित व ईमानदारी से पालन करें ताकि संक्रमण के मामले फिर से सिर ना उठाएँ.

टैड्रॉस ने कहा, “अब, जबकि वैक्सीन उपलब्ध होने वाली हैं, तब भी लोगों को सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों पर सख़्ती से अमल करते रहना होगा, ताकि सभी लोग सुरक्षित रह सकें.”

बेशक, ये बहुत कठिन दौर है

WHO के महानिदेशक टैड्रॉस ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि ये बहुत कठिन वर्ष रहा है लोग तंग आ चुके हैं, मगर ये भी देखने की बात है कि तमाम अस्पताल अपनी पूर्ण क्षमता या उससे भी ज़्यादा भर रहे हैं, और ये स्थिति सम्भवतः बहुत की कठीन है.”

उन्होंने हर एक स्थान पर, हर एक इनसान से निजी करूणापूर्वक अपील करते हुए कहा कि सभी लोग सावधान रहें, स्वास्थ्यकर्मियों के बारे में सोचें, और वृहत्तर भलाई के लिये काम करें.

“ये महामारी अभी बहुत लम्बे समय तक चलेगी और आने वाले दिनों में, नेतृत्वकर्ता और आम लोग जो निर्णय लेंगे, उनसे इस वायरस का निकट भविष्य में, और दीर्घकालीन तौर पर मिज़ाज तय होगा कि ये महामारी आख़िर कब ख़त्म होगी.”

समझदारी व अक़्लमन्दी

अब, जबकि वैक्सीन, इस्तेमाल के लिये उपलब्ध होने जा रही है, तो महानिदेशक ने इसकी सर्वसुलभता सुनिश्चित किये जाने की महत्ता पर ज़ोर दिया है. वैक्सीन जारी होने के पहले चरण में, स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल कर्मियों को ये वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी.

“जैसे-जैसे वैक्सीन की मात्रा और आपूर्ति बढ़ेगी तो भागीदार देशों की 20 प्रतिशत आबादी को ये वैक्सीन उपलब्ध कारकई जाएगी, जहाँ ये सुनिश्चित किया जाएगा कि उच्च जोखिम वाले समूहों व लोगों को ये वैक्सीन मुहैया कराई जाएगा. इस रणनीति से बहुत से फ़ायदे होंगे.”

उन्होंने कहा कि वैक्सीन का न्यायसंगत व समान वितरण ही सही विकल्प है और यही समझदारी भी.