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अफ़ग़ानिस्तान के लिये चन्दे के वादे और टिकाऊ युद्धविराम की पुकार

अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मामलों के मन्त्री मोहम्मद हनीफ़ अतमर (बाएँ), अफ़ग़ानिस्तान के लिये महासचिव की विशेष दूत डैबोराह लियोन्स के साथ जिनीवा में यूएन स्थल पर.
UN Photo/Violaine Martin
अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मामलों के मन्त्री मोहम्मद हनीफ़ अतमर (बाएँ), अफ़ग़ानिस्तान के लिये महासचिव की विशेष दूत डैबोराह लियोन्स के साथ जिनीवा में यूएन स्थल पर.

अफ़ग़ानिस्तान के लिये चन्दे के वादे और टिकाऊ युद्धविराम की पुकार

शान्ति और सुरक्षा

अन्तरराष्ट्रीय दानदाताओं ने जिनावा में हुए सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान शान्ति प्रक्रिया के लिये वित्तीय और राजनैतिक समर्थन व सहायता का संकल्प व्यक्त किया है. मंगलवार को सम्पन्न हुए इस 2020 अफ़ग़ानिस्तान सम्मेलन में ये भी उम्मीद नज़र आई कि एक टिकाऊ युद्धविराम से देश को दशकों के संघर्ष की तबाही से निकालकर पुनर्निर्माण करने और घावों पर मरहम लगाने में मदद मिलेगी.

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के सहायता मिशन की प्रमुख डैबोराह लियोन्स ने एक प्रेस वार्ता में कहा, “आज का दिन, मेरा विश्वास है, अफ़ग़ानिस्तान के लिये, और अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के लिये, एक शुभ दिन है.” 

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उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के लोगों को स्पष्ट सन्देश देने के लिये दुनिया एक मंच पर आ गई है, और वो सन्देश क्या है – कि हम आपके साथ हैं.”

मिशन के अनुसार सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान के लिये 3 अरब 30 करोड़ का चन्दा इकट्ठा किये जाने के वादे व्यक्त किये गए हैं.

दशकों से जारी हिंसा

सितम्बर में अफ़ग़ान शान्ति वार्ता शुरू होने के बावजूद, देश में हिंसा लगातार जारी है. 

मीडिया ख़बरों के अनुसार, मंगलवार को, मध्य अफ़ग़ान शहर बामियान में दो विस्फोट होने के कारण कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और 45 से ज़्यादा घायल हो गए.

डैबोराह लियोन्स ने कहा कि जिनीवा में सम्पन्न हुए अफ़ग़ान सम्मेलन 2020 में व्यक्त किये वित्तीय सहायता के संकल्पों में अरबों डॉलर की रक़म इकट्ठा होने की उम्मीद जताई गई है.

लेकिन ये वित्तीय सहायता मुफ़्त में नहीं मिलेगी: दानदाताओं की अपेक्षा है कि ये रक़म सही तरीक़े से ख़र्च की जाएगी और सरकार को ये रक़म ख़र्च करने के बारे में जवाबदेह ठहराया जाएगा.  

साथ ही ये भी अपेक्षा व्यक्त की गई है कि देश अतीत की सफलताओं से फ़ायदा उठाएगा और प्रशासन की संस्थाओं को मज़बूत किया जाता रहेगा, और मानवाधिकारों का संरक्षण भी सुनिश्चित किया जाएगा.

फ़िनलैण्ड के विदेश मामलों के मन्त्री पैक्का हाविस्तो ने कहा कि 66 देशों की सरकारों और 30 अन्तरराष्ट्रीय संगठनों ने इस सम्मेलन में शिरकत की, ज़्यादातर ने कोविड-19 महामारी के कारण, ऑनलाइन माध्यमों से.

इस सम्मेलन का आयोजन, संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से, फ़िनलैण्ड और अफ़ग़ानिस्तान ने संयुक्त रूप से किया था.

अफ़ग़ानिस्तान के वित्त उप मन्त्री अब्दुल हबीब ज़रदान ने कहा, “अफ़ग़ानिस्तान में सभी लोगों की नज़रें जिनीवा पर टिकीं हैं. वो अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से बहुत उम्मीदें लगाए हुए हैं.”

गुटेरेश: बिनाशर्त युद्धविराम की पुकार

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इससे पहले इस सम्मेलन को एक वीडियो सन्देश में कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के लोगों ने बहुत लम्बे समय तक, बहुत तकलीफ़ें उठाई हैं, और अफ़ग़ान महिलाओं ने तो संघर्ष की बहुत भारी क़ीमत चुकाई है, बहुत से लोगों को अत्यधिक हिंसा का सामना करना पड़ा है, बहुत से लोगों के घर, प्रियजन और पूरे समुदाय ही छिन गए हैं. 

उन्होंने कहा कि ये बहुत ज़रूरी है कि शान्ति प्रक्रिया का नतीजा निर्धारित करने की प्रक्रिया में महिलाएँ भी सार्थक और समान भूमिका निभाएँ.

महासचिव ने अफ़ग़ानिस्तान में लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने और कोविड-19 महामारी का और ज़्यादा फैलाव रोकने के लिये तुरन्त और बिना शर्त युद्धविराम लागू किये जाने की पुकार लगाई है.

उन्होंने कहा, “शान्ति की राह में आगे बढ़ने से पूरे क्षेत्र के विकास में योगदान मिलेगा और ये लाखों विस्थापित अफ़ग़ान लोगों की सुरक्षित, व्यवस्थित और गरिमामय वापसी के लिये भी एक महत्वपूर्ण क़दम होगा.”

“संयुक्त राष्ट्र शान्ति, विकास और आत्म निर्भरता की तरफ़ जाने वाले रास्ते में, अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है.”

यूएन महासचिव के सन्देश के बाद अफ़ग़ान राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने वीडियो लिंक के ज़रिये मुख्य भाषण दिया.

शान्ति की चाह

अफ़ग़ान राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने वीडियो लिंक के ज़रिये दिये अपने भाषण में सम्मेलन के प्रतिभागियों से कहा कि ये सरकार भ्रष्टाचार, महामारी, ग़रीबी, अनिश्चितता और असुरक्षा की चुनौतियों का सामना कर रही है, और ये कि, वो तुरन्त युद्धविराम चाहते हैं.

अफ़ग़ान राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने कहा, “अफ़ग़ान लोगों की मुख्य प्राथमिकता क्या है? शान्ति की एक चाह. आज, हम अफ़ग़ान लोग, सरकार, और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, एक ऐसे सम्प्रभु, एकजुट, लोकतान्त्रिक अफ़ग़ानिस्तान का सपना देख रहे हैं जिसमें ख़ुद के भीतर, क्षेत्र में और विश्व में शान्ति हो, जो पिछले दो दशकों के दौरान हासिल की गई प्रगति और कामयाबियों को सहेजने और उनका विस्तार करने में सक्षम हो.”

राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने कहा, “हमें हिंसा पर लगाम लगानी होगी जिसने हमारी ज़िन्दगियाँ तबाह और बर्बाद कर रखी हैं और हमारे बच्चों से बचपन की ख़ुशी और सुकून छीन लिये हैं.”