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लीबिया: आईसीसी अभियोजक की युद्धविराम समझौते को लागू किये जाने की पुकार

लीबिया के बेनग़ाज़ी में एक ध्वस्त टैन्क पर बच्चे खेल रहे हैं. (मार्च 2011)
UNMAS/Maximilian Dyck
लीबिया के बेनग़ाज़ी में एक ध्वस्त टैन्क पर बच्चे खेल रहे हैं. (मार्च 2011)

लीबिया: आईसीसी अभियोजक की युद्धविराम समझौते को लागू किये जाने की पुकार

शान्ति और सुरक्षा

अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) की मुख्य अभियोजक फ़तू बेन्सूडा ने लीबिया में युद्धरत पक्षों से उस ऐतिहासिक युद्वविराम समझौते को लागू करने का आग्रह किया है जिस पर हाल ही मे सहमति बनी है. आईसीसी अभियोजक ने कहा है कि शान्ति की प्रतीक्षा कर रही लीबियाई जनता के लिये यह समझौता एक ठोस प्रगति को दर्शाता है और स्वागत-योग्य है. 

फ़तू बेन्सूडा ने अपनी यह अपील मंगलवार को सुरक्षा परिषद को मौजूदा हालात से अवगत कराते हुए जारी की है. 

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ग़ौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के फलस्वरूप, लीबिया में अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार और लीबियाई नेशनल आर्मी के बीच, कुछ ही सप्ताह पहले जिनीवा में एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे.   

आईसीसी की मुख्य अभियोजक फ़तू बेन्सूडा ने वर्चुअल बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा, “यह वास्तव में एक ठोस स्वागत-योग्य प्रगति है. हम सभी पक्षों से पूरी लगन के साथ इस समझौते को लागू किये जाने का आग्रह करते हैं ताकि लीबिया की जनता के लिये बहुप्रतीक्षित शान्ति व स्थिरता को एक वास्तविकता बनाया जा सके.”

आईसीसी अभियोजक ने कहा कि लीबिया में अत्याचार के पीड़ितों को यह भरोसा दिलाया जाना चाहिये कि युद्धविराम या किसी भावी समझौते के बावजूद अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के अधिकार-क्षेत्र में हुए अपराधों के गम्भीर मामलों के दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा और आरोपों का सामना करने के लिये उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा. 

आईसीसी पिछले कई वर्षों से लीबिया सहित अन्य देशों में मानवता के ख़िलाफ़ अपराधों और युद्धापराध के मामलों की जाँच-पड़ताल कर रहा है. 

वर्ष 2011 में पूर्व तानाशाह मुअम्मार ग़द्दाफ़ी को सत्ता से हटाए जाने के बाद से ही देश अस्थिरता के दौर से गुज़र रहा है. लीबिया में में दो प्रतिद्वन्द्वी प्रशासन हैं – राजधानी त्रिपोली में अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार और देश के पूर्वी हिस्से में लीबियाई नेशनल आर्मी का नियन्त्रण है. 

मुख्य अभियोजक ने सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बावजूद आईसीसी की मिशन टीम सुदृढ़ता से मई महीने से जाँच में जुटी है. 

जून में अनेक सामूहिक क़ब्रों की बरामदगी के बाद से उनका कार्यालय स्थानीय प्रशासन के साथ सम्पर्क में है. अब तक 100 से ज़्यादा शव क़ब्रों से निकाले जा चुके हैं – अनेक मृतकों की आँखों पर पट्टी और हाथ बाँधे गए थे. 

फ़तू बेन्सूडा ने बताया कि युद्धरत पक्षों में लड़ाई के दौरान अन्धाधुन्ध तरीक़े से नागरिक इलाक़ों पर हवाई हमले और बमबारी की गई. मनमाने ढँग से लोगों को अगवा किया गया, उन्हें हिरासत में रखा गया, आम लोगों को प्रताड़ित किया गया और न्यायेतर हत्याओं व जबरन गुमशुदगी के मामले भी सामने आए हैं. 

मुख्य अभियोजक के मुताबिक आम लोगों के ख़िलाफ़ बारूदी सुरंग का इस्तेमाल किये जाने के सम्बन्ध में भी विश्वसनीय जानकारी मिली है.

त्रिपोली और आस-पास के इलाक़ों से सुरक्षा बलों के पीछे हटने के बाद ये बारूदी सुरंगें और विस्फोटक इस्तेमाल किये जाने की बात सामने आई है.