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कोलम्बिया में, महिलाएँ ले जा रही हैं - शान्ति प्रक्रिया को आगे

कोलम्बिया में महिलाएँ एक दीवार पर शान्ति सन्देश लिख रही हैं.
UN Verification Mission in Colombia/Daniel Sandoval
कोलम्बिया में महिलाएँ एक दीवार पर शान्ति सन्देश लिख रही हैं.

कोलम्बिया में, महिलाएँ ले जा रही हैं - शान्ति प्रक्रिया को आगे

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र की उपमहासचिव आमिना जे मोहम्मद ने कोलम्बिया में वर्ष 2016 में हुए ऐतिहासिक शान्ति समझौते को पूर्ण व व्यापक रूप से लागू किये जाने की अहमियत को रेखांकित किया है. यूएन उपप्रमुख ने कहा कि कोरोनावायरस संकट के मद्देनज़र टिकाऊ और सहनशील समुदायों को सामर्थ्य प्रदान करने के लिये ऐसा किया जाना आवश्यक है.

 

 

उपमहासचिव आमिना मोहम्मद ने लातिन अमेरिकी देश की दो दिन की वर्चुअल यात्रा के समापन पर, गुरूवार को ध्यान दिलाते हुए कहा कि हिंसा और कोविड-19 महामारी से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष रूप से प्रयास केन्द्रित किये जाने होंगे. 

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वरिष्ठ यूएन अधिकारी ने गुरूवार को एक वर्चुअल प्रैस कॉन्फ्रेंस में कहा, “ऐसा करना नए सिरे से विकास अवसरों, सुरक्षा हालात को बेहतर बनाने और ऐसे देश में राज्यसत्ता की उपस्थिति को रेखांकित करने के लिये अहम है जोकि हिंसक संघर्ष की पीड़ा से गुज़र चुका है और अब महामारी का असर झेल रहा है.”

“यह समय बेहतर पुनर्निर्माण के उपायों के बारे में सोचने, किसी को भी पीछे ना छूटने देने और टिकाऊ शान्ति हासिल करने का है.”

उन्होंने इस विशाल कार्य को पूरा करने के लिये महिलाओं की भूमिका को अहम बताया.

ग़ौरतलब है कि महिलाएँ शान्ति समझौते पर हस्ताक्षर होने के चार वर्ष बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं. 

महिला शान्ति निर्माता 

यूएन उपप्रमुख ने कोलम्बिया के दक्षिण-पूर्व हिस्से में स्थित क्षेत्र ‘विस्टा हरमोसा’ (सुन्दर दृश्य) की भी वर्चुअल यात्रा की जो महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है.  

“हमें विस्टा हरमोसा में महिला युवा शान्ति निर्माताओं से मुलाक़ात का अवसर भी मिला, जोकि हिंसक संघर्ष से बहुत प्रभावित हैं और अपने समुदायों के लिये शान्ति व गरिमा की तलाश में संकल्पबद्ध हैं.”

उन्होंने भरोसा दिलाया कि यूएन समझौता लागू करने की चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया में उनके साथ एकजुट है ताकि सभी के लिये आर्थिक व सामाजिक पुनर्एकीकरण को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा सके. 

आमिना मोहम्मद ने महिला मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और महिला नेताओं से भी मुलाक़ात की और शान्ति समझौते को लागू करने में पेश आने वाली चुनौतियों व अब तक हुई प्रगति के सम्बन्ध में चर्चा की. 

उपमहासचिव के मुताबिक असुरक्षित हालात में शान्ति निर्माण को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने वाले महिला संगठनों और महिला नेत्रियों से मिलना प्रेरणादायी अनुभव था. 

कोविड से पुनर्बहाली और लैंगिक समानता 

यूएन उपप्रमुख ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिन्ग के ज़रिये राष्ट्रपति इवान डुकू के साथ बैठक की और देश पर कोरोनावायरस संकट से हुए सामाजिक-आर्थिक असर पर चर्चा की.  

उन्होंने समावेशी, हरित और टिकाऊ पुनर्बहाली को बढ़ावा देते हुए सबसे निर्बलों की रक्षा करने का आग्रह किया. 

यूएन अधिकारी ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, कोविड-19 से पुनर्बहाली की कार्रवाई और शान्ति प्रक्रिया के केन्द्र में महिलाओं को रखने के कोलम्बिया के संकल्प की सराहना की.

इस वर्चुअल यात्रा के ज़रिये कोलम्बिया में संयुक्त राष्ट्र के कामकाज और राष्ट्रीय, स्थानीय प्रशासन व नागरिक समाज संगठनों के साथ सहयोग को दर्शाया गया है. 

कोविड-19 के बाद पहली वर्चुअल यात्रा

कोरोनावायरस संकट के बाद 28-29 अक्टूबर को आयोजित यह पहली वर्चुअल यात्रा थी. 

इस बैठक में महिलाएँ, शान्ति और सुरक्षा पर सुरक्षा परिषद के ऐतिहासिक प्रस्ताव 1325 की अहमियत को रेखांकित किया गया जिसकी इस वर्ष 20वीं वर्षगाँठ है.

इस वर्चुअल यात्रा के दौरान यूएन उपमहासचिव के साथ यूएन महिला संस्था (UN Women) पुमज़िले म्लाम्बो-न्गुका, राजनैतिक और शान्तिनिर्माण मामलों की यूएन अधिकारी रोज़मैरी डिकार्लो, और हिंसक संघर्ष में यौन हिंसा पर महासचिव की विशेष प्रतिनिधि प्रमिला पैटन ने भी शिरकत की. 

इससे पहले आमिना मोहम्मद ने टिकाऊ विकास लक्ष्यों के लिये अन्तर-संस्थागत आयोग की शुरुआत के लिये वर्ष 2015 में कोलम्बिया का दौरा किया था.