पाकिस्तान: पेशावर में धार्मिक स्कूल पर हमले की कड़ी निन्दा
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने पाकिस्तान के पेशावर शहर में मंगलवार को एक धार्मिक स्कूल पर हुए हमले की कड़ी शब्दों में निन्दा की है. इस हमले में सात से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है और 130 के घायल होने की ख़बर है.
पाकिस्तान में यूनीसेफ़ की प्रतिनिधि एयदा गिरमा ने कहा कि स्कूल को निशाना बनाये जाने पर गहरा क्षोभ जताया है.
“शिक्षा हर स्थान पर हर लड़की और लड़के का बुनियादी अधिकार है. स्कूलों को कभी निशाना नहीं बनाया जाना होगा.”
उन्होंने कहा कि स्कूलों में शिक्षा के लिये सदैव सुरक्षित माहौल को स्थापित किया जाना होगा जिससे बच्चों, किशोरों और युवाओं के स्वस्थ विकास को सुनिश्चित करने में मदद मिलती है.
न्यूज़ रिपोर्टों के मुताबिक पेशावर शहर की दीर कॉलोनी इलाक़े में यह हमला तब हुआ जब जामिया ज़ुबैरिया मदरसे में छात्र सुबह अपनी कक्षाओं में जा रहे थे.
रिपोर्टों के अनुसार लगभग 500 छात्र स्कूल में एकत्र हुए थे और अधिकाँश की उम्र 20 से 30 वर्ष के बीच थी.
इस हमले में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई है और 130 से ज़्यादा घायल हुए हैं - हताहतों में बच्चे और शिक्षक भी हैं.
पाकिस्तान में यूएन कार्यालय ने ट्विटर पर अपने सन्देश में जामिया ज़ुबैरिया मदरसे पर हुए हमले को जघन्य क़रार देते हुए गहरा शोक और अफ़सोस ज़ाहिर किया है.
पेशावर पाकिस्तान के ख़ाइबर पख़्तूनख़्वा प्रान्त की राजधानी है जोकि अफ़ग़ानिस्तान की सीमा के नज़दीक स्थित है. अभी तक किसी गुट ने इस हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है.
इससे पहले अक्टूबर 2018 में चित्राल में स्थित एक स्कूल को भी निशाना बनाया गया था.
अगस्त 2018 में गिलगिट-बाल्टिस्तान दियामेर ज़िले में दस से ज़्यादा हमलों पर सिलसिलेवार हमले हुए थे.
इनमें से अधिकाँश हमलों में लड़कियों के स्कूलों को निशाना बनाया गया.