दक्षिण-पूर्व एशिया में यूएन के साथ साझेदारियों की अहमियत पर बल

यूएनडीपी थाईलैण्ड और एक स्थानीय एनजीओ फ़ुकेट प्रान्त में स्थानीय समुदायों को मास्क वितरित कर रहे हैं.
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यूएनडीपी थाईलैण्ड और एक स्थानीय एनजीओ फ़ुकेट प्रान्त में स्थानीय समुदायों को मास्क वितरित कर रहे हैं.

दक्षिण-पूर्व एशिया में यूएन के साथ साझेदारियों की अहमियत पर बल

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि वैश्विक चुनौतियों और अनिश्चितताओं के दौर में संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय निकायों के बीच साझेदारियाँ बेहद अहम हैं. महासचिव ने बुधवार को दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) के विदेश मन्त्रियों की एक वर्चुअल बैठक को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है. 

यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा है कि कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन और बढ़ते भू-राजनैतिक तनावों सहित अन्य चुनौतियों का सामने करने के लिये साथ मिलकर प्रयास करने की बहुत अहमियत है. 

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उन्होंने बहुपक्षवाद के लिये मज़बूत सकंल्प दिखाने और महामारी के दौरान युद्धरत पक्षों से हथियार डालने की अपील का समर्थन देने के लिये सभी देशों का आभार जताया. 

“मैं वैश्विक युद्धविराम के लिये मेरी अपील को मिले आपके समर्थन का स्वागत करता हूँ, जिसे मैंने पिछले महीने जनरल असेम्बली के दौरान भी नए सिरे से दोहराया था.”

“मैं दुनिया भर में दुश्मनी का अन्त करने के लिये आपके पैरोकारी प्रयास देखने के लिये तत्पर हूँ, जिनमें आपके अपने क्षेत्र में जारी टकराव भी शामिल हैं.”

महामारी से मुक़ाबला और पुनर्बहाली

महासचिव गुटेरेश ने संतोष ज़ाहिर किया है कि संयुक्त राष्ट्र की तरह आसियान के सदस्य देशों का भी यह मानना है कि कोविड-19 के लिये वैक्सीन को लोक कल्याण के रूप में देखा जाना और सभी लोगों को उपलब्ध कराया जाना होगा. 

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि लोगों की ज़िन्दगियों और रोज़गारों की रक्षा करने व अर्थव्यवस्था और व्यवसायों को आगे बढ़ाने के लिये मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है. 

साथ ही पुनर्बहाली की प्रक्रिया को समावेशी और टिकाऊ बनाया जाना होगा. 

“महामारी से पुनर्बहाली की प्रक्रिया में वर्ष 2050 तक कार्बन तटस्थ विश्व के लिये जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाने की सम्भावना है.”

“जीवाश्म ईंधनों पर सब्सिडी और कोयला चालित ऊर्जा संयन्त्रों पर निर्भरता के बजाय नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश सबसे किफ़ायती विकल्प है.”

“साथ ही हमें जैवविविधता, वनों की कटाई और भूमि क्षरण में रुझानों को पलटना होगा, और समुद्री संसाधनों के ग़ैर-टिकाऊ दोहन पर रोक लगानी होगी.”

भू-राजनैतिक प्रतिस्पर्धा में तेज़ी

यूएन प्रमुख ने आसियान क्षेत्र में शान्ति व सुरक्षा हालात का उल्लेख करते हुए चिन्ता जताई कि यहाँ भू-राजनैतिक प्रतिस्पर्था बढ़ रही है. 

उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव को दूर करने के लिये सम्वाद का सहारा लेने और हालात को और ज़्यादा ख़राब ना होने देने की ज़रूरत है. 

“कोरियाई प्रायद्वीप में, आसियान के विदेश मन्त्रियों की सम्बन्धित पक्षों से आग्रह करने में एक अहम भूमिका है, विशेष रूप से डीपीआरके (उत्तर कोरिया) से, ताकि जो प्रक्रिया शुरू की गई थी उसे जारी रखा जा सके.”

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि शान्ति प्रयासों व प्रक्रिया में संयुक्त राष्ट्र हर सम्भव सहयोग के लिये आसियान देशों के साथ तैयार खड़ा है. 

रोहिंज्या संकट

महासचिव गुटेरेश ने अपने सम्बोधन में म्याँमार में रोहिंज्या सहित अन्य समुदायों के विस्थापन का भी उल्लेख किया. 

ग़ौरतलब है कि लगभग 10 लाख रोहिंज्या लोगों ने पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण ली हुई है, जिनमें से अधिकाँश लोगों ने अगस्त 2017 में म्याँमार के सुरक्षा बलों द्वारा शुरू किये गए अभियान के बाद जान बचाने के लिये वहाँ का रुख़ किया था. 

यूएन प्रमुख ने अपनी पुरानी अपीलों के बारे में ध्यान दिलाते हुए कहा कि रोहिंज्या संकट के बुनियादी कारणों को सुलझाए जाने की आवश्यकता है और ऐसा माहौल भी बनाना होगा जिससे शरणार्थी स्वैच्छिक रूप से अपने घर लौट सकें.  

टिकाऊ विकास को बढ़ावा

बुधवार को संयुक्त राष्ट्र और आसियान ने एक नई पाँच-वर्षीय कार्ययोजना शुरू की है जिसके ज़रिये युवा मामलों, शान्ति व सुरक्षा एजेण्डा, साइबर-सुरक्षा और नफ़रत भरे सन्देशों व भाषणों की रोकथाम के लिये कार्रवाई पर ज़ोर दिया जाएगा.    

अन्य प्राथमिकताओं के तहत जलवायु आपदाओं के प्रति सहनक्षमता का निर्माण करने और सामाजिक संरक्षा का दायरा बढ़ाने की दिशा में भी प्रयास किये जाएँगे. 

वर्ष 2020 में टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने के लिये कार्रवाई के दशक की शुरुआत हो रही है और यूएन प्रमुख ने सभी देशों से इन लक्ष्यों को पाने में पेश होने वाली चुनौतियों पर पार पाने का आहवान किया है.