#PledgetoPause: शेयर करने से पहले ज़रा ठहरें और सोचें
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरश ने दुनिया भर के लोगों को ऑनलाइन सामग्री शेयर करने यानि आगे बढ़ाने से पहले ठहरकर सोचने का आग्रह किया है क्योंकि कोविड-19 महामारी ने एक संचार आपदा भी पैदा कर दी है जिसमें सोशल मीडिया पर झूठी सूचनाएँ और ग़लत जानकारी फैलाई जा रही है.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बड़े पैमाने पर फैली झूठी जानकारी के प्रभाव का मुक़ाबला करने के लिये सोशल मीडिया पर जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों के तहत बुधवार को #PledgetoPause नामक अभियान शुरू किया है.
During the #COVID19 pandemic, the wrong information can be deadly.Join me in taking the #PledgetoPause before sharing and help stop the spread of misinformation online. https://t.co/Rj0dg5OiZb pic.twitter.com/xeX8hoisXv
antonioguterres
ये अभियान एक ऐसे शोध पर आधारित है जिसमें संकेत दिया गया है कि कोई सूचना या जानकारी शेयर करने या आगे बढ़ाने से पहले अगर ज़रा ठहर कर सोच लिया जाए तो चौंकाने वाली या भावनात्मक सामग्री शेयर करने का उतावलापन कम किया जा सकता है, और झूठी सूचना या ग़लत जानकारी के फैलाव की रफ़्तार धीमी की जा सकती है.
घातक परिणाम
यूएन प्रमुख ने इस अभियान के लिये जारी एक वीडियो सन्देश में कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान, झूठी सूचना या ग़लत जानकारी फैलाना घातक साबित हो सकता है. ऐसी जानकारी शेयर करने से पहले ठहरकर सोचने का संकल्प लें और ग़लत जानकारी का फैलाव रोकने में मदद करें.
ये वीडियो सन्देश पाँच सेकण्ड के ठहराव के साथ शुरू होता है और इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया जाएगा. इसी तरह का सन्देश अन्य नेता, प्रभावशाली हस्तियाँ और आमजन भी रिकॉर्ड कराएँगे.
#PledgetoPause अभियान का लक्ष्य मीडिया के बारे में जागरूकता बढ़ाना है ताकि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लोग झूठी सूचना व ग़लत जानकारी की पहचान करें और ख़ुद को भी उसे आगे बढ़ाने या शेयर करने से रोक सकें.
ग़लत जानकारी का सिलसिला तोड़ें
ये नया अभियान संयुक्त राष्ट्र द्वारा मई 2020 में शुरू की गई वैरीफ़ाइड (Verified) पहल का हिस्सा है. वैरीफ़ाइड अभियान विज्ञान आधारित स्वास्थ्य जानकारी और कोविड-19 के बारे में वैश्विक एकजुटता बयान करने वाली कहानियाँ शेयर करने के लिये शुरू किया गया है.
संयुक्त राष्ट्र ने वैरीफ़ाइड अभियान को झूठी सूचना व ग़लत जानकारी पर लोगों के बर्ताव में बदलाव लाने वाला पहला वैश्विक अभियान क़रार दिया है.
वैरीफ़ाइड अभियान के तहत विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, सरकारों, प्रभावशाली हस्तियों, सिविल सोसायटी, कारोबारों, नियामकों और मीडिया को एक ही सन्देश #PledgetoPause के तहत सक्रिय बनाने का लक्ष्य है.
संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग की अध्यक्ष अवर महासचिव मेलिसा फ़्लेमिंग ने इस मौक़े पर कहा, “कोविड-19 केवल एक स्वास्थ्य संकट नहीं है, बल्कि एक संचार आपदा भी है."
"जब झूठी सूचना व ग़लत जानकारी फैलती है तो आमजन का भरोसा टूटता है और अक्सर ऐसे फ़ैसले लिये जाते हैं जिनसे लोक कार्रवाई प्रभावित होती है, जिसमें उनकी ख़ुद की ज़िन्दगी भी शामिल होती है.”
उन्होंने कहा, “ये बिल्कुल स्पष्ट है कि हम महामारी का मुक़ाबला ऑनलाइन मंचों पर ग़लत जानकारी का मुक़ाबला किये बिना नहीं कर सकते. हम सभी झूठी सूचना व ग़लत जानकारी की श्रृंखला को तोड़ने में मदद कर सकते हैं, शेयर करने से पहले कुछ ठहरें.”
मेलिसा फ़्लेमिंग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ज़रूरी बदलाव करने के लिये सोशल मीडिया मंचों के साथ भी सम्पर्क में है.
सिविल सोसायटी समर्थन
#PledgetoPause अभियान का लक्ष्य दिसम्बर 2020 के अन्त तक दुनिया भर में कम से कम एक अरब लोगों तक पहुँचना है, और ये लक्ष्य ऑनलाइन व साझीदारों के सहयोग से हासिल किया जाना है.
Pause यानि ठहराव या ठहरें नामक इस अभियान को दुनिया भर के सिविल सोसायटी संगठनों का सहयोग मिल रहा है जो जो झूठी सूचना व ग़लत जानकारी का मुक़ाबला करने में जुटे हैं.