संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि भ्रष्टाचार ना केवल एक अपराध है, बल्कि अनैतिक होने के साथ-साथ लोक विश्वास भंग करने का एक वृहद रूप भी है. यूएन महासचिव ने भ्रष्टाचार नामक वैश्विक अभिशाप को जड़ से मिटाने के लिये हर स्थान पर, हर एक इनसान से एकजुट होने का आहवान किया है.
महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को जारी एक वक्तव्य में कहा कि कोविड-19 महामारी के दौर में भ्रष्टाचार सबसे कमज़ोर हालात वाले लोंगों के लिये और भी ज़्यादा विनाशकारी साबित हो रहा है.
शोषण के ‘नए मौक़े’
महासचिव ने कहा, “कोरोनावायरस का मुक़ाबला करने की कार्रवाइयों में सटीक निगरानी की कमी और अपर्याप्त पारदर्शिता जैसी स्थितियों का दोहन करने के मौक़े बनाए जा रहे हैं. लोगों तक पहुँचने वाला धन ऐसे समय में उनसे छीना जा रहा है जब उन्हें इस धन की बहुत ज़्यादा ज़रूरत है.”
उन्होंने कहा, “महामारी के दौरान भ्रष्टाचार की मौजूदगी से वैश्विक प्रशासनिक क्षमताओं पर गम्भीर असर पड़ सकता है, और ये स्थिति दुनिया को टिकाऊ विकास लक्ष्य प्राप्ति के प्रयासों में पटरी से उतार सकती है.”
महासचिव ने कहा कि भ्रष्टाचार से स्वास्थ्य के लिये भी बहुत सीधे जोखिम जुड़े हुए हैं: भ्रष्ट व बेईमान व्यापारी ख़राब वैण्टिलेटर, ख़राब गुणवत्ता वाली परीक्षण किटें और नक़ली दवाओं जैसे त्रुटिपूर्ण उत्पाद बेचने की कोशिश कर रहे हैं.
जो पक्ष आपूर्ति श्रृंखला को नियन्त्रित करते हैं, उनके साथ ऐसे भ्रष्ट व्यापारियों की मिली-भगत के कारण क़ीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है, बाज़ार एकतरफ़ा हुए हैं, जिसके कारण बहुत से लोगों को जीवनरक्षक इलाज नहीं मिल पा रहा है.
महासचिव ने संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र पारदर्शिता और जवाबदेही को कोविड-19 से निपटने के उपायों और उसके बाद के दौर में भी प्राथमिकता देना जारी रखेगा.
विक्रेताओं की जाँच, व सही दाम
यूएन महासचिव ने तमाम देशों की सरकारों का आहवान करते हुए कहा कि इस मामले में सावधानी बरतें और जल्दबाज़ी से काम ना लें, विक्रेताओं और व्यापारियों की साख़ के बारे में सघन जाँच-पड़ताल करें, और ज़रूरी चीज़ों के उचित दाम सुनिश्चित करने की कोशिश करें. ऐसा करना इसलिये भी ज़रूरी है क्योंकि आपूर्ति श्रृंखलाओं पर काफ़ी बोझ है.
उन्होंने सभी लोगों से भी अपील की है कि भ्रष्टाचार व शोषणकारी तत्वों के ख़िलाफ़ एकजुटता के लिये हाथ मिलाएँ.
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “इस तरह की चोरी और शोषण का मुक़ाबला करने के लिये हमें एकजुट होकर काम करना होगा जिसमें ग़ैर-क़ानूनी वित्तीय लेन-देन व टैक्स बचाने वाले स्थानों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी होगी; गोपनीयता व भ्रष्टाचार से फ़ायदा उठाने वालों से निपटा जाए; और राष्ट्रीय स्तर पर संसाधन किस तरह ख़र्च किये जा रहे हैं, उस पर सर्वाधिक निगरानी रखी जाए.
उन्होंने कहा कि हमें जवाबदेही, पारदर्शिता और ईमानदारी की ज़्यादा मज़बूत व्यवस्था बनाने के लिये, बिना और देरी किये, काम करना होगा.
हर किसी की भूमिका
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने तमाम देशों की सरकारों और नेतृत्व कर्ताओं का आहवान करते हुए भी कहा कि वो ख़ुद भी पारदर्शिता और जवाबदेरी भरा बर्ताव करें, और कारोबारियों से भी ज़िम्मेदार दिखाने का आहवान किया. उन्होंने जीवन्त नागरिक स्थान और सूचनाओं के लिये आसान पहुँच की महत्ता को भी रेखांकित किया.
महासचिव ने कहा कि भ्रष्टाचार का मुक़ाबला करने के प्रयासों के तहत जो लोग ग़लत काम व ग़लत बर्ताव का भण्डाफोड़ करते हैं, उन्हें क़ानूनी संरक्षण मुहैया कराया जाए.
उन्होंने कहा कि प्रोद्योगिकी क्षेत्र में हुई प्रगति के सहारे पारदर्शिता और चिकित्सा सामान की ख़रीद-फ़रोख़्त पर बेहतर तरीक़े से निगरानी रखी जा सकती है.
उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी संस्ताओं को भी समर्थन देने और उन्हें सशक्त बनाए जाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया.
भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ यूएन मुहिम
महासचिव ने भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई में संयुक्त राष्ट्र द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज़ों और औज़ारों का इस्तेमाल किये जाने भी आहवान किया है.
इनमें यूएन महासभा द्वारा 2003 में पारित संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक कन्वेन्शन भी है जो दिसम्बर 2005 में लागू हुई. फ़िलहाल 187 देश इस कन्वेन्शन से सम्बद्ध हैं.
भ्रष्टाचार का मुक़ाबला करने के लिये वैश्विक स्तर पर क़ानूनी रूप से बाध्य यही एक मात्र औज़ार उपलब्ध है. इसका अनिवार्य चरित्र और अनेक प्रावधान भ्रष्टाचार का मुक़ाबला करने के लिये बहुत सटीक रणनीति और औज़ार मुहैया कराते हैं.