अफ़ग़ानिस्तान में ताज़ा लड़ाई से सैक़ड़ों लोग हताहत, हज़ारों विस्थापित
संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता कार्यालय ने बताया है कि अफ़ग़ानिस्तान के दक्षिणी प्रान्त हेलमण्ड में 11 अक्टूबर को लड़ाई भड़क उठने के बाद हज़ारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है और ज़रूरी स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन में बाधा उत्पन्न हुई है. इस लड़ाई में लगभग 200 लोगों के हताहत होने की ख़बरें हैं.
Today, joint assessment teams are continuing to evaluate the humanitarian impact of fighting and displacement of thousands of people near Lashkargah city, Southern Afghanistanhttps://t.co/35pMQzNrlT pic.twitter.com/YsagtXWmXH
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संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता संयोजन कार्यालय (OCHA) द्वारा मंगलवार को जारी ताज़ा जानकारी में बताया गया है कि हेलमण्ड प्रान्त के अनेक ज़िले प्रभावित हुए हैं. इनमें प्रान्तीय राजधानी लश्करगाह के आसपास के इलाक़े और पड़ोसी कन्धाहार प्रान्त के भी कुछ इलाक़े शामिल हैं.
इस जानकारी में बताया गया है कि लश्करगाह और कन्धाहार के बीच की सड़क पर संवर्धित विस्फोटक उपकरणों की मौजूदगी के कारण ये मार्ग कुछ स्थानों पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कन्धाहार अफ़ग़ानिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है.
स्थिति के आकलन में चुनौतियाँ
सोमवार से ही दो मानवीय सहायता दल विस्थापित लोगों की ज़रूरतों का आकलन करने के लिये सक्रिय हैं. उन्होंने अभी तक पता लगाया है कि लगभग 500 लोग विस्थापित हुए हैं जिनमें से कुछ को भोजन, पानी और जीवन जीने के लिये अन्य अत्यावश्यक चीज़ों की तुरन्त ज़रूरत हो सकती है.
स्थानीय अधिकारियों की सूचनाओं के अनुसार लगभग 5 हज़ार परिवारों के क़रीब 35 हज़ार लोग विस्थापित हुए हो सकते हैं, जबकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने सैकड़ों लोगों के हताहत होने की ख़बरें दी हैं.
अलबत्ता, प्रभावित इलाक़ों में बिजली और संचार माध्यमों में बाधाओं के कारण हताहतों और विस्थापितों की सही संख्या की पुष्टि करना एक मुश्किल व जटिल काम है.
संगठन की जानकारी में बताया गया है कि इस स्थिति से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिये मानवीय सहायता एजेंसियाँ खाना-पानी व अन्य ज़रूरी सामान की ख़रीदारी कर रहे हैं.
जबकि स्वास्थ्य साझीदारों ने लगभग 10 हज़ार लोगों के तीन महीनों तक काम आने वाली कुछ आपात किटों तैयार कर ली हैं.
कुछ अन्य एजेंसियाँ इस लड़ाई के कारण पैदा हुई लोगों की ज़रूरतें पूरी करने के लिये आन्तरिक संसाधन तैयार कर रही हैं.
इनमें तकनीकी व मार्ग बाधाओं पर पार पाना भी शामिल है जिनके कारण ज़रूरतों का आकलन कर पाने में देर हो रही है.