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आपदा जोखिम प्रबन्धन के बिना हालात बद से बदतर होते हैं, यूएन प्रमुख

फ़िलीपीन्स में आपदा जोखिम न्यूनीकरण की तैयारी के लिये ट्रेनिंग का एक दृश्य.
COSE/Artemio Andaya
फ़िलीपीन्स में आपदा जोखिम न्यूनीकरण की तैयारी के लिये ट्रेनिंग का एक दृश्य.

आपदा जोखिम प्रबन्धन के बिना हालात बद से बदतर होते हैं, यूएन प्रमुख

आर्थिक विकास

ऐसे में जब तमाम देश एक साथ अनेक संकटों का सामना कर रहे हैं और हाल के दशकों में मौसम की चरम घटनाओं में बहुत तेज़ बढ़ोत्तरी हुई है, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने एक ज़्यादा मज़बूत, अनुकूलन में निपुण व सुरक्षित विश्व का निर्माण करने के लिये आपदा जोखिम प्रबन्धन मज़बूत किये जाने का आहवान किया है.

अन्तरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर दिये अपने सन्देश में यूएन प्रमुख ने आगाह किया है कि अच्छी क़िस्म के आपदा जोखिम प्रबन्धन के बिना बुरी परिस्थितियाँ और भी ज़्यादा ख़राब होती हैं.

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महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि आपदा जोखिम प्रबन्धन केवल स्थानीय या राष्ट्रीय प्रशासन की ही ज़िम्मेदारी नहीं है, इसलिये टिकाऊ विकास लक्ष्यों और आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर सेण्डाई फ़्रेमवर्क के लक्ष्य हासिल करने के लिये उच्च स्तर पर राजनैतिक प्रतिबद्धता की ज़रूरत है.

उन्होंने कहा, “एक अच्छे आपदा जोखिम प्रबन्धन की मौजूदगी का मतलब है विज्ञान और सबूतों पर आधारित कार्रवाई करना.”

कोविड-19 और आपदा जोखिम न्यूनीकरण

यूएन महासचिव ने कोरोनावायरस महामारी और उसके प्रभावों का भी ज़िक्र करते हुए ध्यान दिलाया कि इस संकट से सीखे गए सबक़ आपदा जोखिम प्रबन्धन को मज़बूत करने के लिये इस्तेमाल किये जा सकते हैं.

महासचिव ने कहा, “कोविड-19 महामारी ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण को मज़बूत किये जाने की महत्ता की तरफ़ ध्यान ताज़ा कर दिया है... कोविड-19 ने हमें दिखा दिया है कि आपदा जोखिम को कम करने के लिये अन्तरराष्ट्रीय सहयोग की ज़रूरत है.”

उन्होंने कहा, “ग़रीबी का ख़ात्मा करने और जलवायु प्रभावों को कम करने के लिये, हमें आमजन की बेहतरी को सर्वोपरि रखना होगा.”

बहु-आयामी नीतियाँ

इस बीच, आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये महासचिव की विशेष प्रतिनिधि मामी मिज़ूतोरी ने भी कोविड-19 से सीखे गए सबक़ों की तरफ़ ध्यान आकर्षित किया है.

एक अलग सन्देश में उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने स्पष्ट भविष्य दृष्टि, योजनाएँ और ऐसे सक्षम, सशक्त संस्थानों की ज़रूरत को उजागर कर दिया है जो वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर काम करें.

उन्होंने कहा, “हमें ऐसी रणनीतियों की ज़रूरत है जो ना केवल बाढ़ या तूफ़ान जैसी इक्का-दुक्का प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के उपाय सुझाएँ, बल्कि जो वायरस और बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों, जलवायु के झटकों और पर्यावरणीय गतिरोध के कारण पैदा हुए व्यवस्थागत आपदा जोखिमों का भी मुक़ाबला कर सकें.”

मामी मिज़ूतोरी संयुक्त राष्ट्र के आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय (UNDRR) की अध्यक्ष भी हैं. 

अन्तरराष्ट्रीय दिवस

इस वर्ष के आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस की थीम है – आपदा जोखिम प्रबन्धन को मज़बूत करना. एक बेहतर, लचीले व मज़बूत विश्व के निर्माण के लिये, यही थीम, सेण्डाई फ़्रेमवर्क की कार्रवाई में एक प्राथमिकता भी है.

आपदा जोखिम प्रबन्धन दरअसल उस व्यवस्था या प्रणाली को कहा जाता है जिसमें सार्वजनिक प्रशासन, अधिकारीगण, सिविल सेवक, मीडिया, निजी सैक्टर, और सिविल सोसायटी आपदा व जलवायु सम्बन्धी जोखिम का ख़तरा कम करने के प्रयासों के तहत, सामुदायिक, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर तालमेल बिठाते हैं.

अन्तरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस हर वर्ष 13 अक्टूबर को मनाया जाता है. इस मौक़े पर उन लोगों व समुदायों की कामयाबियों का जश्न मनाया जाता है जिन्होंने आपदाओं का जोखिम कम करने और इस बारे में जानकारी बढ़ाने के लिये ख़ास काम किया है. 

इस अन्तरराष्ट्रीय दिवस को यूएन महासभा ने 2009 में मनाए जाने की घोषणा की थी.