हानिकारक खाद्य प्रणालियों की कायापलट करने के लिये नई योजना

माली में विश्व खाद्य कार्यक्रम के क्षमता निर्माण प्रोजेक्ट के तहत एक महिला सामुदायिक बाग की देखभाल कर रही है.
WFP/Simon Pierre Diouf
माली में विश्व खाद्य कार्यक्रम के क्षमता निर्माण प्रोजेक्ट के तहत एक महिला सामुदायिक बाग की देखभाल कर रही है.

हानिकारक खाद्य प्रणालियों की कायापलट करने के लिये नई योजना

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने दुनिया की खाद्य प्रणालियों में रूपान्तरकारी बदलाव लाने के लक्ष्य से सोमवार को एक नई योजना शुरू  की है. ‘विश्व खाद्य सप्ताह’ के दौरान इस सन्दर्भ में कार्यक्रमों की शुरुआत हुई जिनकी अन्तिम कड़ी के रूप में अगले वर्ष सितम्बर में एक शिखर बैठक आयोजित की जाएगी. 

महासचिव गुटेरेश ने अपने वीडियो सन्देश में खाद्य प्रणालियों की अहमियत को रेखांकित करते हुए उनसे अर्थव्यवस्थाओं, पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर पर जानकारी दी. 

साथ ही उन्होंने सचेत किया कि मौजूदा खाद्य प्रणालियों के कारण ही दुनिया अपनी पारिस्थितिकीय सीमाएँ तय कर पाने में विफल हो रही है.   

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इस वर्ष कोरोनावायरस संकट ने विश्व में खाद्य आपूर्ति की नाज़ुक हालत को उजागर कर दिया है. लाखों लोग भुखमरी का शिकार हैं और जलवायु संकट से वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर ख़तरा मँडरा रहा है. 

महासचिव गुटेरेश इन चुनौतियों से निपटने के प्रयासों के तहत वर्ष 2021 में खाद्य प्रणाली शिखर बैठक का आयोजन कर रहे हैं. 

इस बैठक के ज़रिये खाद्य प्रणालियों पर पुनर्विचार करने, वैश्विक जागरूकता का प्रसार करने और कार्रवाई तेज़ करने पर ज़ोर दिया जाएगा ताकि भुखमरी का अन्त करने के लिये, और आहार सम्बन्धी रोगों व जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ लड़ाई को मज़बूत किया जा सके. 

यह बैठक सितम्बर 2021 में न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में यूएन महासभा के सत्र के दौरान आयोजित की जाएगी जिसके ज़रिये विश्व नेताओं का ध्यान इस मुद्दे पर आकर्षित किया जाएगा. 

उन्होंने कहा, “इस वर्ष विश्व खाद्य कार्यक्रम को नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया जाना इस शिखर बैठक की सामयिकता को दर्शाता है.”

यूएन प्रमुख ने समावेशी व टिकाऊ खाद्य प्रणालियों के लिये वैश्विक स्तर पर सम्वाद और कार्रवाई की आवश्यकता पर बल देते हुए हर किसी से इस मुहिम का हिस्सा बनने का आहवान किया है. 

महत्वाकाँक्षा बढ़ाएँ, दिशा बदलें

इस शिखर बैठक के आयोजन की ज़िम्मेदारी यूएन महासचिव की विशेष दूत और रवाँडा की पूर्व कृषि मन्त्री एग्नेस कालीबाटा पर है जिन्होंने सोमवार को एक प्रैस वार्ता के दौरान खाद्य प्रणालियों में बदलाव की ज़रूरत पर ध्यान आकर्षित किया. 

उन्होंने आगाह किया कि मौजूदा प्रणालियों में अरबों डॉलर का भोजन बर्बाद हो रहा है और बड़ी मात्रा में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन हो रहा है. 

विशेष दूत के मुताबिक आगामी शिखर बैठक भोजन व खाद्य प्रणालियों को यूएन के "कार्रवाई के दशक" के केेन्द्र में रखेगी. 

ग़ौरतलब है कि टिकाऊ विकास के 2030 एजेण्डा के तहत टिकाऊ विकास लक्ष्यों को पाने में 10 वर्षों का समय शेष है और इन प्रयासों में तेज़ी के लिये कार्रवाई के दशक की शुरुआत की गई है. 

आगामी शिखर वार्ता के लिये एक वैज्ञानिक समूह का गठन किया गया है जिसमें विविध पृष्ठभूमि के विशेषज्ञ शामिल किये गए हैं. 

शुक्रवार, 16 अक्टूबर, को विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर 24 घण्टों के लिये एक वैश्विक चर्चा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें अभिनेता, मशहूर खानसामा और युवा प्रतिनिधि आपसी बातचीत के ज़रिये वैश्विक खाद्य प्रणालियों की ग़ैर-टिकाऊ प्रकृति पर जागरूकता फैलाएँगे. 

इस कार्यक्रम के ज़रिये ही शिखर बैठक के लिये सम्वाद की शुरुआत की जाएगी.