आपराधिक तत्व कोविड-19 की स्थिति से फ़ायदा उठाने की ताक में
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि ऐसे में जबकि आपराधिक समूह कोविड-19 महामारी से उत्पन्न संकटपूर्ण स्थिति का दोहन अपने फ़ायदे के लिये करने की जुगत में लगे हैं, ये बहुत ज़रूरी है कि तमाम देश मानव तस्करी, हथियारों की तस्करी और सीमा-पार के अपराधों का मुक़ाबला करने के लिये संयुक्त राष्ट्र की सन्धि के मुताबिक़ कार्रवाई करें.
महासचिव की ये टिप्पणी उनके एक वीडियो सन्देश में आई है जो देशीय संगठित अपराध के ख़िलाफ़ संयुक्त राष्ट्र कन्वेन्शन पर दस्तख़त करने वाले देशों की ताज़ा बैठक को जारी किया गया है.
The 🌍 comes together this week to take fight against organized crime to next level. Important work ahead of #COP10 to @UN Convention to step up joint action, address emerging threats; record 7 resolutions under discussion, nearly 60 virtual side events: https://t.co/UYeTNVREPI pic.twitter.com/zZFa3aB44P
GhadaFathiWaly
इस सन्धि को पलेर्मो कन्वेन्शन भी कहा जाता है और वर्ष 2020 में इस कन्वेन्शन की 20वीं वर्षगाँठ मनाई जा रही है. यूएन प्रमुख ने मौजूदा दौर में इस कन्वेन्शन की महत्ता को रेखांकित किया है.
कोविड-19 के कारण अपराध को बढ़ावा
यूएन महासचिव ने कहा, “आपराधिक तत्व कोविड-19 महामारी संकट से फ़ायदा उठाने पर नज़रें टिका रहे हैं.”
“महामारी ने प्रवासियों के लिये भी मानव तस्करी और प्रवासी तस्करी का जोखिम बढ़ा दिया है. पार-देशीय संगठित अपराध के ख़िलाफ़ कन्वेन्शन के ज़रिये अन्तरराष्ट्रीय सहयोग की पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरत है.”
सप्ताह भर की इस बैठक का आयोजन मादक पदार्थों (ड्रग्स) और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय (UNODC) ने किया है जिसे कन्वेन्शन के लिये कान्फ्रेन्स ऑफ़ पार्टीज़ (कॉप) का 10वाँ सत्र भी कहा गया है.
फ़र्ज़ी दवाएँ व इण्टरनेट घपले
यूएनओडीसी की कार्यकारी निदेशक ग़ादा वॉली ने अपने उदघाटन भाषण में ध्यान दिलाया कि कोविड-19 महामारी किस तरह से आपराधिक गतिविधियों के लिये गतिवर्धक बन गया है.
उन्होंने कहा, “एक ऐसा ही ख़तरा जो मानव जीवन के लिये गम्भीर जोखिम पैदा कर रहा है, वो है फ़र्ज़ी चिकित्सा उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री.”
“संगठित आपराधिक गुट घटिया क़िस्म के और फ़र्ज़ी चिकित्सा उत्पाद व्यक्तियों, स्वास्थ्य संस्थाओं और सार्वजनिक एजेंसियों को बेच रहे हैं जिसने एक इण्टरनेट घपले का रूप ले लिया है."
ग़ादा वॉली ने कहा, "कोविड-19 की फ़र्ज़ी वैक्सीन भी जल्दी ही एक भयावह वास्तकिता बन जाएगी, इसलिये देशों की सरकारों को इसका मुक़ाबला करने के लिये ठोस तैयारी करनी होगी.”
जवाबी प्रतिक्रिया व पुनर्बहाली ख़तरे में
सुश्री ग़ादा वॉली ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर साइबर हमले हो रहे हैं, जबकि तालाबन्दी व पाबन्दियों ने बाल यौन शोषण के मामलों में बढ़ोत्तरी कर दी है.
इस बीच, यात्रा पर लगी पाबन्दियों ने प्रवासियों के लिये शोषण व तस्करी के जोखिम पैदा कर दिये हैं.
इससे भी ज़्यादा, आपराधिक गतिविधियों ने कोविड-19 महामारी का मुक़ाबला करने के प्रयासों के लिये जोखिम पैदा करने के साथ-साथ पुनर्बहाली के प्रयासों को कमज़ोर करने के हालात पैदा कर दिये हैं.
आपारधिक गुट ज़रूरतन्दों के लिये निर्धारित आपात धन की चोरी कर रहे हैं, और हवाला के ज़रिये क़ानूनी अर्थव्यवस्था में सेन्ध लगा रहे हैं.
पार-देशीय संगठित अपराध के ख़िलाफ़ यूएन कन्वेन्शन में लगभग 190 देश शामिल हैं और इस ख़तरे के ख़िलाफ़ केवल एक यही क़ानूनी और वैश्विक उपकरण मौजूद है.
इस कन्वेन्शन को यूएन महासभा ने नवम्बर 2000 में पारित किया था और उसके तीन साल बाद ये कन्वेन्शन लागू हो गई थी. इस कन्वेन्शन की तीन उपसन्धियाँ भी हैं जो इनसानों की तस्करी, प्रवासियों की तस्करी और हथियारों का ग़ैर-क़ानूनी निर्माण और तस्करी के ख़िलाफ़ हैं.