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कोविड-19: संयुक्त राष्ट्र म्याँमार में लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिये तत्पर   

म्याँमार में यूनीसेफ़ कर्मचारी एयरपोर्ट पर निजी बचाव उपकरणों व सामग्री की खेप विमान से उतार रहे हैं.
© UNICEF/Nyan Zay Htet
म्याँमार में यूनीसेफ़ कर्मचारी एयरपोर्ट पर निजी बचाव उपकरणों व सामग्री की खेप विमान से उतार रहे हैं.

कोविड-19: संयुक्त राष्ट्र म्याँमार में लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिये तत्पर   

स्वास्थ्य

म्याँमार में संयुक्त राष्ट्र की 20 से ज़्यादा एजेंसियाँ वैश्विक महामारी कोविड-19 पर जवाबी कार्रवाई के तहत समन्वित प्रयासों में जुटी है. अग्रिम मोर्चे पर डटे यूएन कर्मचारी लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने और उनकी आजीविकाओं की रक्षा करने के लिये संगठन के प्रयासों को मज़बूती दे रहे हैं.  म्याँमार में अब तक कोविड-19 के संक्रमण के 26 हज़ार से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हुई है और 598 लोगों की मौत हुई है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन में आँकड़े एकत्र करने वाली 32 वर्षीय म्यात मॉन यी ने बताया, “मुझे चिन्ता थी कि मैं संक्रमित हो सकती हूँ. सभी डरे हुए थे.”



<p>मॉन यी ने येन्गोन में साउथ डेगन टाउनशिप से कम्पयूटर की पढ़ाई की है और अब साउथ ओक्कालापा अस्पताल में मार्च 2020 से कार्यरत हैं.  </p>&#13;
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<p>ये अस्पताल महिलाओं व बच्चों के अस्पताल के रूप में तैयार किया गया था लेकिन अब इसे कोविड-19 उपचार केन्द्र में तब्दील कर दिया गया है. </p>&#13;
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<p>यह हैरानी की बात नहीं है कि उन्हें पहले एक ऐसी संक्रामक बीमारी के दौरान काम करते हुए चिन्ता हो रही थी जिसके बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन यह स्पष्ट था कि उससे लोगों की मौत हो रही है और वे गम्भीर रूप से बीमार हो रहे हैं. </p>&#13;
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<p>विश्व भर में स्वास्थ्यकर्मियों के कोविड-19 से संक्रमित होने का जोखिम अन्य समूहों की तुलना में कहीं ज़्यादा है. अनेक डॉक्टरों, नर्सों व प्रशासनिक कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. </p>&#13;
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<p>मॉन यी ने कहा, “लेकिन मैंने अन्य स्वास्थ्यकर्मियों व चैरिटी कर्मचारियों के बारे में सोचा जो काम करने के इच्छुक थे, और स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं के बारे में भी. और उससे मेरा डर कुछ कम हो गया.”</p>&#13;
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<p>“और जब मैंने काम शुरू किया तो मैंने पाया कि सुविधाओं का बड़ा अच्छा ध्यान रखा जा रहा था जिससे मेरा भय और भी कम हो गया.”</p>&#13;
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<h3>आँकड़ों की अहमियत</h3>&#13;
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<p>किसी भी राष्ट्रीय आपात स्वास्थ्य योजना को प्रभावी बनाने के लिये, सरकारों व स्वास्थ्यकर्मियों के पास विश्वसनीय आँकड़ों का होना बेहद ज़रूरी है. इस कार्य में मॉन यी जैसे कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.</p>&#13;
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<p>यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के म्याँमार कार्यालय में एचआईवी, वायरल हेपेटाइटिस और टीबी टीम के प्रमुख डॉक्टर फ़ैबियो काल्डास द मैसक्विता के मुताबिक, “डेटा एक सुरंग के आख़िर में दिखाई देने वाली रौशनी है.”</p>&#13;
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<p>“हमें यह जानने की ज़रूरत है कि कितने लोगों का इलाज चल रहा है, और नए मरीज़ों के लिये कितने बिस्तर उपलब्ध हैं. कुछ मरीज़ों के लिंग, उम्र, और उनकी बीमारी की अवस्था के बारे में जानकारी, और वे कहाँ रहते हैं, किससे मिलते रहे हैं. और हमें यह जानने की आवश्यकता है कि कितने टैस्ट किये जा रहे हैं और कितनी परीक्षण किटें उपलब्ध हैं.”</p>&#13;
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<p>“हमें यह जानने की ज़रूरत है कि मरीज़ों द्वारा किन दवाइयों का इस्तेमाल किया जा रहा है; स्वास्थ्यकर्मियों के लिये किन बचाव उपकरणों की आवश्यकता है; और कितने कर्मचारी उपचार व जवाबी कार्रवाई पर काम कर रहे हैं. ये महज़ एक संख्या दिखाई दे सकती है लेकिन संकट के दौरान निर्णय प्रक्रिया में अहम हैं.”</p>&#13;
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<h3>“निडर बनने की आवश्यकता”</h3>&#13;
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<p>फ़रवरी 2020 में ही यह स्पष्ट हो गया कि देश के स्वास्थ्य व खेल मन्त्रालय के पास तकनीकी ज़िम्मेदारियाँ निभाने के लिये पर्याप्त संख्या में लोग उपलब्ध नहीं थे. इसलिये विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तीन लोगों को अस्पताल कार्यों की ज़िम्मेदारी सौंपी. इनमें मॉन यी भी थीं.  </p>&#13;
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<p>डॉक्टर द मैसक्विता ने बताया कि संक्रामक बीमारियों पर काम करते समय आपको निडरता की ज़रूरत होती है. </p>&#13;
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<p>“म्याँमार में रोज़गारों के लिये बहुत से आवेदकों को जब पता चला कि उन्हें अस्पतालों में कोविड-19 पर काम करना होगा, तो उन्होंने काम करने से मना कर दिया.”</p>&#13;
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<p>“1987 में भी यही स्थिति थी जब मैंने एचआईवी पर काम करना शुरू किया और हमें नहीं मालूम था कि लोग इससे किस तरह संक्रमित होते थे.”</p>&#13;
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<p>मॉन यी कार्यस्थल पर मास्क व फ़ेस शील्ड पहनती हैं, अपने साथ सैनिटाइज़र रखती हैं और नियमित रूप से अपने हाथ धोती हैं. </p>&#13;
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<p>उन्हें टोपी और गाउन सहित बचाव पोशाकें भी उपलब्ध कराई गई हैं और केन्द्र नियमित रूप से विसंक्रमित (Disinfect) किये जा रहे हैं. </p>&#13;
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<p>लेकिन उन्हें घर लौटने पर भी ऐहतियात बरतनी पड़ती है जहाँ वह अपनी 95 वर्षीया नानी, 70 वर्षीया माँ और अपनी भाँजी के साथ रहती हैं. </p>&#13;
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<p>“जब मैं घर पहुँचती हूँ तो मैं किसी से बात नहीं करती हूँ. मैं जल्दी से स्नान करती हूँ और अपने कपड़ों को साबुन के पानी में धोकर सुखाती हूँ.”</p>&#13;
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<p>“मैं अपनी सभी वस्तुओं पर कीटाणुनाशकों का छिड़काव करती हूँ, और मैं लगभग एक घण्टे तक अलग रहती हूँ.”</p>&#13;
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<h3>संक्रमण की दूसरी लहर की तैयारी</h3>&#13;
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<p>इन ऐहतियाती उपायों के बावजूद, मॉन यी को यह अहसास है कि कोविड-19 का कोई उपचार उपलब्ध नहीं है और साथ ही उन्हें म्याँमार के संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में आने की चिन्ता है. </p>&#13;
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“मैं हाल के दिनों में संक्रमण की दर में बढ़ोत्तरी होने से परेशान हूँ. सरकार और WHO के जवाबी कार्रवाई में योगदान देने में सक्षम होने की मुझे ख़ुशी है और मैं इस अवसर के प्रति अनुग्रहित भी हूँ.”


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<p>“लेकिन मुझे अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के बारे में चिन्ता होती है जो अब थकान का शिकार हो रहे हैं.”</p>&#13;
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<p>“हम बस आशा करते हैं कि मरीज़ कोविड-19 से जल्द उबरेंगे. मैं चाहती हूँ कि महामारी जल्द ख़त्म हो और सभी लोग सुरक्षित रहे.”</p>&#13;