गुणवत्तापरक मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश बढ़ाने की पुकार

वैश्विक महामारी कोविड-19 से उपजे गहरे संकट से तेज़ी से उबरने के लिये यह ज़रूरी है कि सभी ज़रूरतमन्दों को गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराई जाए. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने शनिवार, 10 अक्टूबर, को ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ के अवसर पर आगाह किया है कि कोरोनावायरस के कारण लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भारी असर हुआ है और इसके दुष्परिणामों से निपटने के लिये संसाधन निवेश की तत्काल सख़्त ज़रूरत है.
130 countries reported widespread disruptions to #mentalhealth services due to #COVID19:>60% for vulnerable people67% to counseling & psychotherapy35% to emergency interventions30% to access for medications3/4 to 🏫 & workplace servicesMore:https://t.co/8TnBJHU5uf
WHO
विश्व में लगभग एक अरब लोग किसी ना किसी रूप में मानसिक समस्या से पीड़ित हैं. हर 40 सेकण्ड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है. मानसिक अवसाद को अब बच्चों व किशोरों में बीमारी और विकलाँगता के एक अहम कारण के रूप में देखा जाता है.
महासचिव गुटेरेश ने इस दिवस पर अपने सन्देश में कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से पहले भी यही हालात थे, लेकिन महामारी से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर हुए दुष्परिणामों का सामने आना अब शुरू हो रहा है.
यूएन विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि कोविड-19 महामारी के कारण भय, अलगाव, दुख, आर्थिक तनाव, और समर्थन सेवाओं की अनुपलब्धता से दुनिया भर में लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा है.
“कार्रवाई के अभाव में उम्रदराज़ वयस्कों, महिलाओं, बच्चों और मौजूदा मानसिक स्वास्थ्य अवस्थाओं के साथ रह रहे लोगों सहित अनेक समूहों को मध्यम और दीर्घकालीन ख़राब स्वास्थ्य का जोखिम है.”
यूएन प्रमुख ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य कवरेज को हासिल करने के लिये मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना बेहद अहम है और इसके लिये संकल्प लिया जाना होगा.
“बहुत कम लोगों की गुणवत्तापरक मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच है. निम्न और मध्य आय वाले देशों में मानसिक स्वास्थ्य अवस्थाओं के साथ रहे 75 फ़ीसदी लोगों को कोई भी उपचार नहीं मिल पाता है.”
महासचिव ने चिन्ता जताई है कि सरकारें औसतन अपने स्वास्थ्य बजट का दो प्रतिशत से भी कम हिस्सा मानसिक स्वास्थ्य पर ख़र्च करती हैं और ये हालात जारी नहीं रह सकते.
एंतोनियो गुटेरेश ने स्पष्ट किया है कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश का दायरा व स्तर बढ़ाना आवश्यक और अब इसे और ज़्यादा नज़रअन्दाज़ नहीं किया जा सकता.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से उपजे संकट से तेज़ी से उबरने के लिये यह ज़रूरी है कि सभी ज़रूरतमन्दों को गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराई जाए.
इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने वैश्विक महामारी के दौरान जीवनकाल में मानसिक स्वास्थ्य के लिये एक आन्दोलन की आवश्यकता पर बल दिया है.
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में इसकी ज़रूरत पहले से कहीं अधिक है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि हमें अपने साथ-साथ, हमारे परिवारों, मित्रों, व सहकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिये प्रयासों की ज़रूरत है.
इसके लिये उन्होंने राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश बढ़ाने का आहवान किया है.
ग़ौरतलब है कि विश्व भर में मानसिक स्वास्थ्य पर बोझ लगातार बढ़ रहा है लेकिन उसके निदान व सेवा ज़रूरतों को पूरा कर पाना उन स्वास्थ्य सेवाओं के लिये मुश्किल साबित हो रहा है, जो पहले से ही कम संसाधनों की उपलब्धता की चुनौती का सामना कर रही हैं.
हाल के वर्षों में कुछ बढ़ोत्तरी के बावजूद, मानसिक स्वास्थ्य के लिये अन्तरराष्ट्रीय विकास सहायता भी स्वास्थ्य के लिये कुल अन्तरराष्ट्रीय मदद के एक फ़ीसदी से आगे नहीं बढ़ी है.