कोविड-19 ने बदली ऑनलाइन शॉपिंग की तस्वीर, नया सर्वेक्षण

उभरती हुई और विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में हुआ एक नया सर्वेक्षण दर्शाता है कि विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 ने ऑनलाइन ख़रीदारी के रूप को हमेशा के लिये बदल दिया है और यह रुझान बरक़रार रहने की सम्भावना है. व्यापार एवँ विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) और साझीदार संगठनों द्वारा नौ देशों में साढ़े तीन हज़ार से ज़्यादा उपभोक्ताओं पर आधारित इस सर्वेक्षण में यह तस्वीर उभरी है.
"COVID-19 and E-commerce" नामक इस सर्वेक्षण में पड़ताल की गई है कि महामारी के कारण ई-कॉमर्स और डिजिटल समाधानों ने उपभोक्ताओं के ऑनलाइन व्यवहार को किस तरह बदला है.
📲 🛒#COVID19 has changed online shopping forever.The pandemic has accelerated the shift towards a more #digital world and triggered changes in online shopping behaviours that are likely to have lasting effects, our new survey with @netcommsuisse finds. https://t.co/PtUdLmQ6EN pic.twitter.com/c2ldjXGw4x
UNCTAD
यह सर्वेक्षण ब्राज़ील, चीन, जर्मनी, इटली, कोरिया गणराज्य, रूस, दक्षिण अफ़्रीका, स्विट्ज़रलैण्ड और तुर्की में किया गया.
सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले आधे से ज़्यादा संख्या में लोग महामारी के बाद भी बार-बार ऑनलाइन ख़रीदारी कर रहे हैं और ख़बरों, स्वास्थ्य-सम्बन्धी जानकारी व डिजिटल मनोरंजन के लिये इण्टरनेट पर निर्भर हैं.
सर्वेक्षण के मुताबिक उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में उपभोक्ताओं का ऑनलाइन शॉपिंग के लिये रुख़ में सबसे बड़ा बदलाव आया है.
व्यापार एवँ विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) के महासचिव मुखीसा किटुयी ने बताया, "कोविड-19 महामारी ने डिजिटल जगत की ओर बढ़ने की रफ़्तार तेज़ कर दी है."
"ऐसे समय जब विश्व अर्थव्यवस्था का उबरना शुरु हुआ है, हम जो बदलाव अभी अपनाएँगे, उनका आगे दीर्घकालीन असर होगा."
यूएन एजेंसी प्रमुख के मुताबिक वैश्विक स्तर पर ऑनलाइन ख़रीदीरी में आई तेज़ी दर्शाती है कि सभी देश डिजिटलीकरण से उपजे अवसरों का लाभ उठा सकते हैं, विशेष रूप से तब जब दुनिया महामारी पर जवाबी कार्रवाई से पुनर्बहाली की दिशा में बढ़ रही है.
सर्वेक्षण बताता है कि अधिकाँश उत्पादों की श्रेणियों में ऑनलाइन ख़रीदारी में छह से 10 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है.
सबसे ज़्यादा सूचना व संचार टैक्नॉलॉजी, इलैक्ट्रॉनिक्स, बागवानी औज़ार, शिक्षा, फ़र्नीचर और सौन्दर्य प्रसाधन उत्पादों सहित अन्य वस्तुओं की ख़रीदारी में बढ़ोत्तरी हुई है.
लेकिन प्रति उपभोक्ता ऑनलाइन ख़रीदारी पर किये जाने वाले औसत मासिक ख़र्च में गिरावट आई है. उभरती और विकसित, दोनों अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में उपभोक्ताओं ने बड़ा ख़र्च फ़िलहाल टाल दिया है.
साथ ही, उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में लोग बेहद ज़रूरी उत्पाद सम्बन्धी ज़रूरतों को पूरा करने पर ही ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं.
पर्यटन और यात्रा सैक्टरों में सबसे ज़्यादा गिरावट दर्ज की गई है जहाँ उपभोक्ताओं द्वारा औसत ऑनलाइन ख़र्च 75 फ़ीसदी तक लुढ़क गया है.
कोविड-19 के दौरान देशों में ऑनलाइन शॉपिंग में बढ़ोत्तरी के स्तर में भिन्नताएँ हैं. सबसे ज़्यादा वृद्धि चीन और तुर्की में दर्ज की गई है जबकि स्विट्ज़रलैण्ड व जर्मनी में यह सबसे कम है जहाँ लोग पहले से ही ई-कॉमर्स का हिस्सा हैं.
सर्वेक्षण में पाया गया कि महिलाएँ व तृतीयक (Tertiary) यानि उच्च शिक्षा प्राप्त उपभोक्ताओं ने अन्य लोगों की अपेक्षा अपनी ऑनलाइन ख़रीदारी में इज़ाफ़ा किया है.
25 से 44 वर्ष आयु वर्ग में इससे कम उम्र के लोगों की तुलना में ज़्यादा बढ़ोत्तरी दर्ज की गई.
वहीं ब्राज़ील से मिले आँकड़े दर्शाते हैं कि कमज़ोर तबके के जनसमूहों व महिलाओं में ऑनलाइन शॉपिंग की वृद्धि अधिक देखी गई.
सर्वेक्षण में स्पष्ट किया गया है कि चीन में छोटे व्यापारी अपनी वस्तुओं को ऑनलाइन बेचने के लिये सबसे ज़्यादा तैयार थे जबकि दक्षिण अफ़्रीका के व्यापारी इसके लिये सक्षम नज़र नहीं आए.
सर्वेक्षण के मुताबिक संचार मंचों में सबसे ज़्यादा व्हाट्सऐप, इन्स्टैग्राम और फ़ेसबुक मैसेन्जर का प्रयोग हुआ – इन सभी का स्वामित्व फ़ेसबुक के पास है.
लेकिन कार्यस्थलों पर वीडियो संचार (सम्पर्क व मीटिंग वग़ैरा) ऐप्स में ज़ूम और माइक्रोसॉफ़्ट टीम्स को सबसे अधिक लाभ हुआ है.
सर्वेक्षण दर्शाता है कि ऑनलाइन गतिविधियों में महामारी के दौरान आया बदलाव कोविड-19 के गुज़र जाने के बाद भी जारी रहने की सम्भावना है.
अधिकाँश उपभोक्ताओं ने बताया कि वे भविष्य में भी ऑनलाइन ख़रीदारी करना जारी रखेंगे, इनमें विशेष रूप से चीन और तुर्की के उपभोक्ता ज़्यादा थे.
साथ ही उनकी योजना स्थानीय स्तर पर ज़्यादा यात्रा करने की है जिससे अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन पर असर पड़ने की सम्भावना जताई गई है.