नागोर्नो-काराबाख़ में जारी युद्धक हिंसा की निन्दा, तुरन्त युद्धविराम की अपील

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने नागोर्नो-काराबाख़ संघर्ष क्षेत्र में जारी तनाव और हिंसा की निन्दा की है. उन्होंने सभी सम्बद्ध पक्षों को अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत उनकी ज़िम्मेदारियाँ निभाने की याद दिलाते हुए कहा है कि नागरिक बुनियादी ढाँचे के साथ-साथ आम लोगों की हिफ़ाज़त सुनिश्चित की जाए. ये इलाक़ा आर्मीनिया और अज़रबैजान देशों के बीच अनेक वर्षों से विवादित है.
यूएन प्रमुख के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने सोमवार को जारी एक वक्तव्य में कहा, “यूएन महासचिव युद्धक गतिविधियों में बढ़ोत्तरी की ख़बरों पर गम्भीर रूप से चिन्तित हैं, जिनमें नागरिक आबादी वाले इलाक़ों को भी निशाना बनाए जाने की ख़बरें शामिल हैं.”
Secretary-General @antonioguterres condemns the continuing escalation of violence in the Nagorno-Karabakh conflict zone, despite repeated appeals from the international community to immediately stop the fighting.https://t.co/Uwbl3Umqyh
UN_Spokesperson
वक्तव्य के अनुसार, “महासचिव ने सभी पक्षों को अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत उनकी ज़िम्मेदारियों के अनुसार आम आबादी व नागरिक बुनियादी ढाँचे की हिफ़ाज़त सुनिश्चित करने की याद भी दिलाई.”
महासचिव ने ज़ोर देकर ये भी कहा कि इस संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता, साथ ही सभी पक्षों से तमाम युद्धक गतिविधियाँ तुरन्त रोकने का आहवान भी किया.
यूएन प्रमुख ने सभी प्रासंगिक क्षेत्रीय व अन्तरराष्ट्रीय पक्षों से युद्ध तुरन्त रुकवाने के लिये अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने की भी अपील की है. वक्तव्य में शान्ति वार्ता तुरन्त शुरू किये जाने की भी अपील की गई है.
यूएन प्रमुख के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजारिक ने सोमवार को नियमित प्रैस वार्ता में नागोर्नो-काराबाख़ की ताज़ा मानवीय स्थिति के बारे में भी अवगत कराया.
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का मानवीय सहायता कार्यों में संयोजन कार्यालय लगातार जारी युद्धक गतिविधियों के बारे में गम्भीर रूप से चिन्तित है जिसमें संघर्ष वाले इलाक़ों में सम्पर्क मार्ग भी चपेट में आए हुए हैं.
प्रवक्ता ने कहा, “हमारे मानवीय सहायता सहयोगियों ने जानकारी दी है कि युद्धक गतिविधियों के कारण आम लोगों के हताहत होने की भी ख़बरें मिल रही हैं, साथ ही नागरिक सम्पत्तियों और बुनियादी ढाँचे को भी भारी नुक़सान पहुँच रहा है.
यूएन प्रमुख के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा कि युद्धक गतिविधियों का ये ताज़ा दौर शुरू होने से लेकर सोमवार तक, दोनों तरफ़ 40 आम लोगों के मारे जाने और 200 से ज़्यादा के घायल होने की ख़बरें मिली हैं. सैकड़ों आवास भी बुरी तरह तबाह हो गए हैं.
प्रवक्ता ने सभी पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून व अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का पालन करने का आहवान किया.
इन ज़िम्मेदारियों के तहत, ख़ासतौर पर नागरिक आबादी की हिफ़ाज़त सुनिश्चित की जाए और ज़रूरी नागरिक बुनियादी ढाँचे को नुक़सान नहीं पहुँचाया जाए.
प्रवक्ता ने कहा, “येरेवाँ और बाकू में संयुक्त राष्ट्र की टीमें मानवीय ज़रूरतों की माँगों पर सहायता मुहैया कराने के लिये मुस्तैद हैं. किसी भी तरफ़ की सरकार ने अभी संयुक्त राष्ट्र से अन्तरराष्ट्रीय सहायता का अनुरोध नहीं किया है.”
नागोर्नो-काराबाख़ क्षेत्र के मालिकाना हक़ को लेकर आर्मीनिया और अज़रबैजान के बीच 1994 तक छह साल तक युद्ध चला था.
1994 में युद्ध विराम हुआ मगर उसके बाद से दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर युद्धविराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाते रहे हैं.
सितम्बर में ताज़ा युद्धक गतिविधियाँ शुरू होने से पहले के महीनों में अनेक सैनिकों व आम नागरिकों के मारे जाने की ख़बरें मिली थीं.