कोविड-19: संक्रमण व मौतों के 70 फ़ीसदी से ज़्यादा मामले केवल 10 देशों में
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि वैसे तो सभी देश कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुए हैं लेकिन यह भी ध्यान रखा जाना होगा कि यह एक असमान ढँग से फैली हुई महामारी है. कोरोनावायरस के संक्रमण और उसके कारण हुई मौतों के 70 फ़ीसदी से ज़्यादा मामले महज़ 10 देशों में हुए हैं, और एक अनुमान के मुताबिक वैश्विक आबादी का क़रीब दस फ़ीसदी हिस्सा अब तक इससे संक्रमित हो चुका है.
कोरोनावायरस संक्रमण के अब तक लगभग साढ़े तीन करोड़ मामलों की पुष्टि हो चुकी है और दस लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है. लेकिन संक्रमितों व मृतकों की वास्तविक संख्या इससे कहीं ज़्यादा होने की आशंका जताई गई है.
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DrTedros
विश्व स्वास्थ्य संगठन महानिदेशक ने सोमवार को संगठन के कार्यकारी बोर्ड के एक विशेष सत्र को सम्बोधित करते हुए बताया कि अब तक कुल जितने मामलों और मौतों की पुष्टि हुई है उनमें 70 प्रतिशत से ज़्यादा मामले 10 देशों में सामने आए हैं. लगभग 50 फ़ीसदी मामलों की पुष्टि महज़ तीन देशों में हुई है.
“सभी देशों ने समान रूप से जवाबी कार्रवाई नहीं की है, और ना ही सभी देश समान रूप से प्रभावित हुए हैं.”
यूएन एजेंसी में आपात मामलों के निदेशक डॉक्टर माइकल रायन ने बताया है कि महामारी अपना स्वरूप लगातार बदल रही है.
दक्षिण-पूर्व एशिया, योरोप और पूर्वी भूमध्यसागर के क्षेत्रों में मामलों व मृतकों की संख्या बढ़ रही है, वहीं अफ़्रीका और पश्चिमी प्रशान्त महासागर क्षेत्र में हालात सकारात्मक हैं.
“हमारे मौजूदा सर्वश्रेष्ठ अनुमान हमें बताते हैं कि वैश्विक आबादी के 10 फ़ीसदी हिस्से के संक्रमित होने की सम्भावना है. यह हर देश में स्थिति पर निर्भर करता है; शहरी व ग्रामीण इलाक़ों में अलग है; यह विभिन्न समुदायों में अलग है.”
लेकिन उनके मुताबिक यह स्पष्टता से दर्शाता है कि दुनिया की अधिकाँश आबादी के सामने इस वायरस से संक्रमित होने का जोखिम है.
डॉक्टर रायन ने ज़ोर देकर कहा कि महामारी अपना रूप बदल रही है लेकिन संक्रमणों पर क़ाबू पाने व जीवन बचाने के लिये औज़ार भी उपलब्ध हैं.
“हमारा भविष्य हमारे द्वारा लिये गए फ़ैसलों पर निर्भर करता है कि हम उन औज़ारों का किस तरह इस्तेमाल करते हैं, उन्हें विकसित करके उनका दायरा बढ़ाते हैं और वितरण करते हैं.”
चार प्रकार की परिस्थितियाँ
महानिदेशक घेबरेयेसस के मुताबिक सभी देशों में समान रूप से जवाबी कार्रवाई नहीं हुई है और चार अलग-अलग प्रकार की परिस्थितियाँ दिखाई दे रही हैं.
उन्होंने कहा कि जिन देशों ने वायरस पर क़ाबू पाने के तेज़ी और निर्णायक ढँग से प्रयास किये, वहाँ बड़ी संख्या में फैलाव को टालने में सफलता मिली है.
कुछ देशों में संक्रमण व्यापक स्तर पर फैला लेकिन फिर वे देश वायरस पर क़ाबू पाने में सफल रहे और वहाँ हालात अब भी नियन्त्रण में हैं.
अनेक देश ऐसे हैं जहाँ शुरुआती फैलाव पर क़ाबू पा लिया गया था लेकिन उसके बाद आर्थिक व सामाजिक जीवन में पाबन्दियों में छूट देने से संक्रमितों की संख्या फिर बढ़ रही है.
कुछ देश ऐसे हैं जहाँ कोरोनावायरस का फैलाव अभी तेज़ गति से हो रहा है.
महानिदेशक घेबरेयेसस ने स्पष्ट किया कि मज़बूत नेतृत्व, स्पष्ट व व्यापक रणनीतियों, एकरूपता भरे सन्देशों और सशक्त व सक्षम जनसमूहों के ज़रिये हालात को बदल पाना और और वायरस पर क़ाबू पाना सम्भव है.
एकजुट प्रयासों की अहमियत
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने बताया कि 10 महीने पहले दुनिया इस वायरस से पूरी तरह अनजान थी लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने व्यक्तियों, समुदायों, स्कूलों, व्यवसायों, उद्योगों, स्वास्थ्यकर्मियों, स्वास्थ्य केन्द्रों व सरकारो के लिये 400 दिशा-निर्देश सम्बन्धी दस्तावेज़ जारी किये हैं.
इसके अतिरिक्त संक्रमण की रोकथाम से लेकर आँकड़े जुटाने सम्बन्धी विषयों पर कोविड-19 पर आधारित 133 पाठ्यक्रमों में निशुल्क प्रशिक्षण मुहैया कराए जा रहे हैं.
यूएन एजेंसी और साझीदार संगठनों ने 130 से ज़्यादा देशों में विशेषज्ञों की टीमें भेजी हैं ताकि प्रभावित देशों को ज़रूरी मदद सुनिश्चित की जा सके.
177 देशों व क्षेत्रों में मास्क, दस्तानों, साँस यन्त्रों, गाउन, टैस्ट किटों, वैण्टीलेटर सहित अन्य मेडिकल सामग्री का इन्तज़ाम किया गया है.
कोविड-19 के प्रभावी उपचार की तलाश करने के प्रयासों के तहत ‘एकजुटता परीक्षण’ में 29 देशों के 500 अस्पतालों में 12 हज़ार से ज़्यादा मरीज़ हिस्सा ले रहे हैं.
समन्वित जवाबी कार्रवाई के तहत ‘Access to COVID-19 Tools Accelerator’ नामक पहल शुरू की गई जिसके तहत कोविड-19 के ख़िलाफ़ असरदार उपचार, वैक्सीन व निदान के प्रयास किये जा रहे हैं.
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निम्न व मध्य आय वाले देशों के लिये 12 करोड़ त्वरित परीक्षण किटें तैयार की जा रही हैं और 9 वैक्सीन विकसित करने के प्रयासों को आगे बढाया जा रहा है.
महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि यह सब मज़बूत साझेदारियों और सदस्य देशो के सहयोग से ही सम्भव हो पाया है.
“पिछले नौ महीनों में हमने साथ मिलकर जो कुछ भी हासिल किया है वो गहराई से समाए रूपान्तरकारी बदलावों के ज़रिये ही सम्भव हो पाया है जिसे हमने पिछले तीन वर्षों में तैयार और लागू किया था.”
यूएन एजेंसी के कार्यकारी बोर्ड की बैठक कोविड-19 से निपटने की रणनीति और जवाबी कार्रवाई पर विचार-विमर्श करने का एक अवसर प्रदान करती है. साथ ही एक स्वतन्त्र आयोग इस सम्बन्ध में उठाए गए क़दमों की भी समीक्षा करेगा.
कार्यकारी बोर्ड के 34 सदस्यों को मंगलवार को महामारी की तैयारी व कार्रवाई के लिये नियुक्त अन्तरराष्ट्रीय पैनल जानकारी देगा.
इसके अलावा अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामक समीक्षा समिति और यूएन एजेंसी के आपात स्वास्थ्य कार्यक्रमों की निगरानी करने वाली स्वतन्त्र समिति भी इस सम्बन्ध में अवगत कराएगी.