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महासभा: जनरल डिबेट सम्पन्न, कोविड-19 के कारण 75वाँ सत्र इतिहास में दर्ज

यूएन महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर जनरल डिबेट का समापन करते हुए. (29 सितम्बर 2020)
UN Photo/Loey Felipe
यूएन महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर जनरल डिबेट का समापन करते हुए. (29 सितम्बर 2020)

महासभा: जनरल डिबेट सम्पन्न, कोविड-19 के कारण 75वाँ सत्र इतिहास में दर्ज

यूएन मामले

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष (PGA) वोल्कान बोज़किर ने जनरल डिबेट का समापन करते हुए कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि वैश्विक नेता व प्रतिनिधि महासभा के वार्षिक सत्र में व्यक्तिगत मौजूदगी के साथ शिरकत नहीं कर पाए. मंगलवार को उन्होंने कहा कि फिर भी कोविड-19 से बचने के लिये किये गए ऐहतियाती उपाय बहुपक्षवाद को उच्चतम स्तर पर होने से नहीं रोक पाए.

वोल्कान बोज़किर ने महासभा की 75वीं वर्षगाँठ से सम्बन्धित उच्चस्तरीय खण्ड का समापन करते हुए कहा, “ये बैठक सार्थक और असाधारण रही है”, जो वैश्विक महामारी कोविड-19 के माहौल में आयोजित हुई.

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यूएन महासभा ने कोविड-19 महामारी का सामना करने के ऐहतियाती उपायों के तहत जुलाई 2020 में ये निर्णय लिया था कि विश्व नेताओं को यूएन मुख्यालय आने के बजाय, उनके पहले से रिकॉर्ड किये गए वीडियो सन्देशों के ज़रिये जनरल डिबेट में शिरकत कराई जाएगी.

इसका मतलब ये हुआ कि इस बार सदस्य देशों के मिशनों के प्रतिनिधि ही महासभा हॉल में मौजूद रहे जिनकी संख्या तुलनात्मक रूप में काफ़ी कम थी. उन्होंने सभागार में सामाजिक दूरी बनाए रखने का भी पालन किया.

न्यूयॉर्क शहर के मैनहैटन इलाक़े में रहने वालों को भी काफ़ी राहत महसूस हुई क्योंकि वहाँ देशों के प्रतिनिधिमण्डलों के आगमन से होने वाले यातायाता जाम व भीड़ से असुविधा नहीं हुई.

लेकिन इस बार ज़्यादा सदस्य देशों ने जनरल डिबेट में शिरकत की और बड़ी संख्या में मुद्दों पर अपनी राय रखी.

इनमें कोविड-19 का मुक़ाबला करने और उसकी वैक्सीन के लिये सहयोग की ज़रूरत पर ज़ोर दोने से लेकर वैश्विक बहुपक्षवाद में फिर से जान फूँकने, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामन करने जैसे मुद्दे शामिल रहे. 

महासभा अध्यक्ष ने कहा कि पिछले छह दिनों के दौरान देशों व सरकारों के अध्यक्षों और मन्त्री प्रतिनिधियों ने एक सम्पूर्ण एजेण्डा सामने रखा जो ना केवल उन प्राथमिकताओं को बल देगा जो मैंने पेश की हैं, बल्कि हमारे सामने मौजूद चुनौतियों का मुक़ाबला करने के लिये बेहतर रास्ता भी दिखाएगा.

संयुक्त राष्ट्र की शक्ति व प्रासंगिकता

वोल्कान बोज़किर ने कहा, “ये तथ्य कि इतनी बड़ी संख्या में विश्व नेताओं ने यूएन महासभा को वीडियो सन्देश के ज़रिये सम्बोधित करने का विकल्प चुना, ये ख़ुद में संयुक्त राष्ट्र की शक्ति व प्रासंगिकता का सबूत है."

"अन्तरराष्ट्रीय कैलेण्डर में कोई अन्य मंच के पास इतनी बड़ी आयोजक क्षमता मौजूद नहीं है. कोई अन्य संगठन इतनी बड़ी संख्या में वैश्विक नेताओं को एक साथ नहीं ला सकता. कोई अन्य संस्था वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में इतनी सक्षम नहीं है, जितना कि संयुक्त राष्ट्र.”

महासभा अध्यक्ष ने कहा कि हमारे राजनैतिक नेताओं ने अपनी वर्चुअल मौजूदगी से बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र के लिये अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है.

बहुत से वैश्विक नेताओं ने ये पहचाना है कि महामारी और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिये बहुपक्षवाद एक प्रभावी व्यवस्था पेश करता है.

“मैं नियम आधारित एक अन्तरराष्ट्रीय व्यवस्था और संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित सिद्धान्तों की पूर्ण व व्यापक सन्तुति करने के लिये आप सबको धन्यवाद देता हूँ.”

उन्होंने कुछ सदस्य देशों की इस माँग का भी उल्लेख किया कि वो संयुक्त राष्ट्र में सुधारों के साथ-साथ उसका एक लगातार प्रभावी होता रूप देखना चाहते हैं, जो 21 वीं सदी की वास्तविकताओं के अनुरूप हो.

कोविड-19 का मुक़ाबला करने के लिये एकजुटता

महासभा अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर ने कहा, “मौजूदा महामारी कोविड-19 के सन्दर्भ में एकजुटता की पुकार को नज़रअन्दाज़ करना असम्भव है.” हर एक सदस्य देश ने अपने सन्देशों में इस महामारी के विनाशकारी परिणामों का ज़िक्र किया.

अध्यक्ष ने कहा कि कोरोनावायरस का फैलाव रोकने के एक-पक्षीय प्रयास नाकाम हो गए हैं.

मौजूदा स्वास्थ्य संकट का मुक़ाबला करने और भविष्य में इसी तरह की आपदाओं से निपटने की तैयारी करने के लिये बहुत ज़्यादा प्रयासों की ज़रूरत है.