कोविड-19 के कारण बढ़ी लैंगिक हिंसा के ख़िलाफ़ दोगुने प्रयासों की ज़रूरत

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के कलेमाई में लिंग आधारित हिंसा से बची एक महिला.
UNOCHA/Alioune Ndiaye
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के कलेमाई में लिंग आधारित हिंसा से बची एक महिला.

कोविड-19 के कारण बढ़ी लैंगिक हिंसा के ख़िलाफ़ दोगुने प्रयासों की ज़रूरत

महिलाएं

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि घरेलू हिंसा से लेकर यौन उत्पीड़न,ऑनलाइन उत्पीड़न, बाल विवाह में वृद्धि और लिंग आधारित हिंसा (GBV) ऐसा वैश्विक संकट है, जो महामारी के कारण और ज़्यादा बढ़ गया है. 

यूएन महासचिव ने कोविड-19 के सन्दर्भ में लिंग आधारित हिंसा पर मंगलवार को एक उच्च स्तरीय वर्चुअल आयोजन के दौरान एक वीडियो सन्देश में कहा, "शान्ति और सुरक्षा, मानव अधिकारों व टिकाऊ विकास के लिये हमारे सभी प्रयासों के बावजूद लाखों महिलाएँ भय में जी रही हैं जिसके दीर्घकालिक परिणाम उनके परिवारों और समुदायों को भुगतने पड़ेंगे."

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युद्ध विराम से लेकर लोगों के घरों तक संघर्ष विराम करने और सभी हिंसाओं की समाप्ति के उनके वैश्विक आहवान की पृष्ठभूमि के मद्दनेनज़र, उन्होंने स्वीकार किया कि लगभग 146 सदस्य देशों ने संसाधनों में वृद्धि की है और महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिये काम किया है. लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये उपाय अब भी पर्याप्त नहीं हैं.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने जवाबदेही बढ़ाने, हिंसक व्यवहार पर सवाल उठाने और महिलाओं के अधिकारों के लिये लड़ने वाले संगठनों को अतिरिक्त संसाधन मुहैय्या कराने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा, "हमें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर नई सोच और गति की आवश्यकता है."

क्षितिज पर

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि आने वाले महीनों में, वह महिलाओं और लड़कियों के ख़िलाफ़ सभी प्रकार की हिंसा समाप्त करने में मदद करने के लिये ‘स्पॉटलाइट इनिशिएटिव’ और योरोपीय संघ (ईयू) साझेदारी का निर्माण करने जैसे क़दम उठाकर इस दिशा में प्रगति हासिल करने के प्रयास करेंगे.

उन्होंने कहा, “साथ मिलकर, हमें कोविड-19 और उसके परे, लिंग आधारित हिंसा ख़त्म करने के अपने प्रयास दोगुने करने होंगे.”

कथनी को करनी में तब्दील करें

यूएन वीमेन की कार्यकारी निदेशक, फूमज़िले म्लाम्बो-न्गूका ने कहा कि कोविड-19 सम्बन्धित लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने में सभी को अहम भूमिका निभानी होगी.

उन्होंने जोर देकर कहा, "महामारी ने हमें अलग तरीक़े से सोचने और बेहतर पुनर्निर्माण के लिये मजबूर किया है और यही बात हमें महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के सन्दर्भ में और अधिक विस्तार से बताने की आवश्यकता है." 

म्लाम्बो-न्गूका ने उल्लेख किया कि लैंगिक हिंसा पर पीढ़ी समानता कार्रवाई गठबन्धन (Generation Equality Action Alliance) राजनैतिक सहमति बनाने और दीर्घकालिक परिवर्तन लाने के लिये बना पहला बहु-प्रतिभागी,अन्तर-पीढ़ीगत मंच है - जो संयुक्त राष्ट्र में सदस्य देशों और निजी क्षेत्र के संस्थानों समेत इच्छुक भागीदारों की एक बेहतरीन श्रृँखला उपलब्ध कराता है.

उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा, "उदाहरण के लिये, 28 देशों में हमने सरकारों के साथ काम करते हुए लैंगिक हिंसा का सामना करने के उपायों को अपनी कोविड-19 प्रतिक्रियाओं और राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेजों में एकीकृत करने का काम किया."

"हमने महिलाओं के प्रति हिंसा और हानिकारक प्रथाओं के ख़िलाफ़ क़ानूनी और नीतिगत सुधार जारी रखने के लिये 44 देशों को सहयोग दिया.”

यूएन वीमेन ने यह भी रेखांकित किया कि दुनिया भर में उनके कार्यालयों ने लैंगिक हिंसा से निपटने के लिये गूगल, ट्विटर और फेसबुक जैसे तकनीकी दिग्गजों के साथ भागीदारी की है.

उन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा को ख़त्म करने के लिये बने संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फण्ड का रुख़ करते हुए घोषणा की कि यह तेज़ी से 144 नागरिक समाज संगठनों के अपने नेटवर्क का समर्थन कर रहा है – जिसमें 69 देशों में 59 प्रतिशत महिला संगठन हैं. 

उन्होंने विस्तार से बताया, "इनमें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाली अभूतपूर्व महिलाएँ शामिल हैं." 

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हालाँकि उन्होंने स्वीकार किया कि इस मुद्दे पर "महत्वपूर्ण कार्रवाई" तो हुई है, लेकिन फिर भी "उतनी ही चुनौतियाँ" भी मौजूद हैं. यही कारण है कि यूएन वीमेन प्रमुख ने कहा कि सभी को "योगदान करने, सहयोग करने और हमारे कार्य का विस्तार" करने की आवश्यकता है.

उन्होंने आश्वासन दिया, "यूएन वीमेन संस्था लम्बे समय तक मिलकर काम करने के लिये यहाँ है." 

प्रगति बेकार न होने दें

कार्रवाई गठबन्धन के नेताओं ने संयुक्त बयान में सभी भागीदारो को लिंग आधारित हिंसा के विभिन्न रूपों के लिये लक्षित और प्रभावी, तात्कालिक कार्रवाई करने का आहवान करते हुए कहा कि वे लिंग समानता को आगे बढ़ाने पर कड़ी मेहनत से हुई प्रगति को कोविड-19 महामारी के कारण पलटने नहीं देंगे और इसके लिये पूरी लगन के साथ करेंगे. 

इस बीच, युवा मामलों की परिषद और यूएन वीमेन की बीजिंग+25 युवा कार्यदल की सदस्य, ज़हरा अल हिलाली ने कहा कि महिलाओं और लड़कियों को ‘सत्ता संरचना को चुनौती देनी चाहिये.’ “हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहाँ वास्तव में इतिहास में कभी भी युवा महिलाओं और लड़कियों को कोई लाभ नहीं मिला है.”

उपलब्धियों पर ख़ुश होकर कार्य न रोकें

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA)की सहायक महासचिव और उप-कार्यकारी निदेशक, डायनी कीता ने कहा कि "डेटा और सबूत सामान्य रूप से और विशेष रूप से लिंग आधारित हिंसा में कोविड-19 को वैश्विक और राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की रीढ़ बनाते हैं."

यूएनवीमेन के अनुसार,कोविड-19 महामारी ने लैंगिक समानता के रास्ते में बाधाएँ खड़ी कर दी हैं और पहले से मौजूद असमानताओं को और ज़्यादा गहरा कर दिया है.
Agência Brasil/Elza Fiuza
यूएनवीमेन के अनुसार,कोविड-19 महामारी ने लैंगिक समानता के रास्ते में बाधाएँ खड़ी कर दी हैं और पहले से मौजूद असमानताओं को और ज़्यादा गहरा कर दिया है.

उन्होंने कहा, "हमें साथ मिलकर ,एक सुसंगत और साक्ष्य संचालित तरीक़े से काम करने की आवश्यकता है."

ब्रिटेन की विदेश और विकास मामलों की मन्त्री और लड़कियों की शिक्षा के लिये विशेष दूत, बैरोनेस लिज़ सुग्ग ने ज़ोर देकर कहा, "हिंसा को रोका जा सकता है."

उन्होंने कहा, “हम सभी को सामूहिक रूप से अपने-आप को और ज़्यादा चुनौती देने की आवश्यकता है. इसे रोकना बहुत ज़रूरी है.”