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75वाँ सत्र: जर्मनी ने कहा, कोविड-19 के ख़िलाफ़ अन्तरराष्ट्रीय सहयोग से दिखे नतीजे

जर्मनी के विदेश मन्त्री हाइको मास जनरल असेम्बली के 75वें सत्र को सम्बोधित करते हुए.
UN Photo/ Rick Bajornas
जर्मनी के विदेश मन्त्री हाइको मास जनरल असेम्बली के 75वें सत्र को सम्बोधित करते हुए.

75वाँ सत्र: जर्मनी ने कहा, कोविड-19 के ख़िलाफ़ अन्तरराष्ट्रीय सहयोग से दिखे नतीजे

यूएन मामले

जर्मनी के विदेश मन्त्री हाइको मास ने कहा है कि विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 ने यह बात उजागर कर दी है कि किस तरह हिंसा व टकरावों को सुलझाने के प्रयासों में अन्तरराष्ट्रीय सहयोग से नतीजे हासिल किये जाते हैं. उन्होंने मंगलवार को यूएन महासभा के 75वें सत्र में जनरल डिबेट के लिये पहले से रिकॉर्ड किये गए वीडियो सन्देश में माना कि अभी इस दिशा में एक लम्बा रास्ता तय करना है. 

जर्मन विदेश मन्त्री हाइको मास ने हाल के शान्ति प्रयासों का उदाहरण देते हुए यूक्रेन में युद्धविराम, लीबिया में युद्धरत पक्षों के बीच नए सिरे से वार्ता की सम्भावनाओं और खाड़ी क्षेत्र में इसराइल व अरब देशों के बीच सम्बन्धों में हुई प्रगति का उल्लेख किया. 

“यह संकट दर्शाता है कि अन्तरराष्ट्रीय सहयोग, ना तो एक विचारधारा है और ना ही स्वयं में कोई मंज़िल है. इसके विपरीत, इससे परिणाम हासिल होते हैं.”

जर्मन विदेश मन्त्री ने सचेत किया कि इस सम्बन्ध में प्रगति होने के बावजूद नए वैश्विक रुख़ व रवैयों से अभी हम बहुत दूर हैं. 

युद्धविराम की अनसुनी पुकार 

उनके मुताबिक संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश द्वारा कोविड-19 की पृष्ठभूमि में वैश्विक एकजुटता की पुकार अनेक स्थानों पर अनसुनी कर दी गई है. 

हाइको मास ने ज़ोर देकर कहा कि सहेल क्षेत्र में हिंसा और चरमपंथ के ख़िलाफ़ और सीरिया में एक दशक लम्बे टकराव के समाधान के लिये व्यापक प्रयासों की ज़रूरत है.

उन्होंने कहा कि स्थायी शान्ति हासिल करने के लिये न्याय की अहमियत है. उन्होंने मानवता के ख़िलाफ़ अपराधों के दोषियों की जवाबदेही तय किये जाने और इन अपराधों की जाँच के लिये संयुक्त राष्ट्र तन्त्रों के प्रति जर्मनी के संकल्प को दोहराया है. 

जर्मन विदेश मन्त्री के अनुसार जो सही व ग़लत के बीच की रेखा को धुँधला करते हैं, वे अन्तरराष्ट्रीय व्यवस्था और शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व को ख़तरे में डालते हैं. 

उन्होंने कहा कि यह बात उन पर भी लागू होती है तो अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय जैसी संस्थाओं के काम में रुकावट बनते हैं.

“उनके लिये जो एक के बाद दूसरे वीटो के ज़रिये सुरक्षा परिषद में अवरोध पैदा करते हैं और जो निरन्तर नई तिकड़मों से इसमें तात्कालिक आवश्यक सुधारों को रोकते हैं.”  

“और यह विशेष रूप से उनक लिये मान्य है जो अन्तरराष्ट्रीय क़ानून की अवहेलना करते हैं, जबकि सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के तौर पर उसे बरक़रार रखने की विशिष्ट ज़िम्मेदारी उन्हीं की है.”

हाइको मास ने रूस के एक विपक्षी नेता अलेक्सी नवॉलनी को ज़हर दिये जाने के मामले की जाँच के सम्बन्ध में और क़दम उठाने का आग्रह किया है. 

“इस तरह के मामले के लिये नतीजे तय किये जाने होंगे. योरोपीय संघ के पास इस सम्बन्ध में प्रतिबन्ध लगाने का अधिकार है.”

जनता केन्द्रित जवाबी कार्रवाई

जर्मन विदेश मन्त्री ने अपने वीडियो सन्देश में वैश्विक महामारी कोविड-19 पर अपनी चिन्ताएँ ज़ाहिर करते हुए कहा कि भुखमरी, ग़रीबी, विस्थापन और हिंसा व टकराव पर इसका दीर्घकालीन असर होने की आशंका है.  

ग़ौरतलब है कि यूएन महासभा के ऐतिहासिक 75वें सत्र में उच्चस्तरीय खण्ड की चर्चा मंगलवार को समाप्त हो रही है.

कोविड-19 से बचाव के लिये ऐहतियाती उपायों के कारण ये उच्चस्तरीय सप्ताह वर्चुअली आयोजित किया गया जिसके लिये राष्ट्राध्यक्षों, सरकार प्रमुखों व मन्त्रियों ने पहले से रिकॉर्ड किये गए अपने वीडियो सन्देश भेजे. 

ये वीडियो सन्देश न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महासभा हॉल में बड़े पर्दे पर प्रसारित किये गए.

विदेश मन्त्री मास ने कहा, “जब तक यह वायरस फैल रहा है, यह हम में से हर एक को प्रभावित कर सकता है. इसलिये जब हम महामारी पर पूरे विश्व में क़ाबू पाने में सफल होंगे, तभी दीर्घकालीन तौर पर इसके ख़िलाफ़ कामयाबी मिलेगी.”

हाइको मास ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि जो लोग कोविड-19 से प्रभावित हुए हैं, जवाबी कार्रवाई के केन्द्र में उन्हें ही रखना होगा. साथ ही वैक्सीन विकसित करने के प्रयासों को प्रतिस्पर्धा या सौन्दर्य प्रतियोगिता में तब्दील नहीं होने दिया जा सकता.

उन्होंने भरोसा दिलाया कि जर्मनी सम्भावित वैक्सीन या उपचार के न्यायोचित वितरण के लिये स्पष्ट रूप से संकल्पित है.