'तेज़ बुखार में तप रही दुनिया' के लिये महत्वाकाँक्षी जलवायु कार्रवाई की पुकार

विश्व मौसम संगठन के अनुसार वर्ष 2019 रिकॉर्ड पर वर्ष 2016 के बाद दूसरा सबसे ज़्यादा गर्म साल रिकॉर्ड किया गया है.
WMO/Jordi Anon
विश्व मौसम संगठन के अनुसार वर्ष 2019 रिकॉर्ड पर वर्ष 2016 के बाद दूसरा सबसे ज़्यादा गर्म साल रिकॉर्ड किया गया है.

'तेज़ बुखार में तप रही दुनिया' के लिये महत्वाकाँक्षी जलवायु कार्रवाई की पुकार

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरुवार को जलवायु कार्रवाई पर आयोजित एक गोलमेज़ बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व इस समय तेज़ ज्वर से पीड़ित है और जल रहा है. उन्होंने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगर दुनिया मौजूदा पथ पर ही आगे बढ़ती रही तो जलवायु व्यवधान से होने वाली पीड़ा का स्तर हमारी कल्पना से भी परे होगा, इसलिये तात्कालिक रूप से ठोस जलवायु कार्रवाई किये जाने की आवश्यकता है.

 महासभा के ऐतिहासिक 75वें सत्र के दौरान यूएन महासचिव ने यह गोलमेज़ बैठक बुलाई है जिसमें उन्होंने बताया कि जलवायु व्यवधान अब हर रोज़ की ख़बर बन गया है.

Tweet URL

पिछले एक दशक ने सबसे ज़्यादा गर्म होने का रिकॉर्ड बनाया है, ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा बढ़ रही है, जंगलों में विनाशकारी आग धधक रही है और पृथ्वी व लोगों के जीवन को अस्तव्यस्त कर देने वाली बाढ़ आ रही हैं. 

“विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की हालिया United in Science रिपोर्ट स्पष्ट रूप से ज़ाहिर करती है. हमें जल्द से जल्द अपनी दिशा बदलने की आवश्यकता है.”

इस पृष्ठभूमि में उन्होंने सभी से तीन तात्कालिक प्राथमिकताओं के तहत क़दम उठाने का आग्रह किया जिनकी शुरुआत कोविड-19 से टिकाऊ पुनर्बहाली की योजनाओं में जलवायु कार्रवाई को समाहित करने के साथ करनी होगी. 

यूएन प्रमुख ने कहा कि इस महामारी से उबरते समय हर किसी को साथ मिलकर काम करने और जीवाश्म ईंधन पर दी जाने वाली सब्सिडी को समाप्त किये जाने की ज़रूरत है.   

उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्बन की क़ीमत तय की जानी होगी और जलवायु सम्बन्धी जोखिमों को वित्तीय व नीतिगत निर्णयों में शामिल करना होगा. “और सबसे अहम बात ये है कि किसी को भी पीछे नहीं छूटने देना होगा.”

कार्रवाई का ख़ाका

महासचिव गुटेरेश ने उन विशेष कार्रवाई बिन्दुओं का उल्लेख किया जिन्हें उनके मुताबिक तत्काल शुरू किये जाने की ज़रूरत है. 

इनमें वैश्विक अर्थव्यवस्था की कोविड-19 से पुनर्बहाली के पैकेजों में कार्बन पर निर्भरता को घटाना और कार्बन उत्सर्जन में कटौती की योजनाओं वाली नीतियाँ लागू करना शामिल है ताकि वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को 1.5 डिग्री सैल्सियस तक सीमित रखा जा सके. 

“नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में बढ़ने से...जीवाश्म ईंधनों की तुलना में तीन गुणा नए रोज़गार पैदा होंगे.” 

उन्होंने कहा कि एक टिकाऊ और समुद्री संसाधनों के संरक्षण को सुनिश्चित करने वाली अर्थव्यवस्था (Blue economy) की सम्भावनाओं का पूर्ण रूप से अभी इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. 

महासचिव गुटेरेश ने बैठक में कहा कि अर्थव्यवस्थाओं व समाजों की रक्षा करते समय विज्ञान की मदद से दिशा तय करनी होगी. वर्ष 1990 के स्तर की तुलना में 2030 तक वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 45 फ़ीसदी कटौती करनी होगी.  

पैरिस समझौते के पाँच साल 

यूएन प्रमुख के मुताबिक पैरिस समझौते के पारित होने की दिसम्बर 2020 में पाँचवी वर्षगाँठ है जो जलवायु महत्वाकाँक्षाओं को निरन्तर बढ़ाने का एक अहम लम्हा है. 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने ज़ोर देकर कहा कि सभी समाधान प्राथमिकता के तौर पर सबसे निर्बल देशों व समुदायों तक पहुँचाने होंगे – इस प्रक्रिया को अन्तरराष्ट्रीय सहयोग, एकजुटता व न्यायसंगत नीतियों के ज़रिये सम्भव बनाया जाएगा. 

ये भी पढ़िये: 12 दिसम्बर 2020 को ब्रिटेन में होगा वर्चुअल जलवायु सम्मेलन

उन्होंने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगर दुनिया मौजूदा पथ पर आगे बढ़ती रही तो जलवायु व्यवधान से होने वाली पीड़ा का स्तर हमारी कल्पना से भी परे होगा. इसके मद्देनज़र उन्होंने ठोस योजनाओं व महत्वाकाँक्षी जलवायु कार्रवाई को  वास्तविक बनाने का आहवान किया है. 

महासचिव गुटेरेश के बाद ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन ने इस बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि उनका देश अपने जलवायु संकल्पों को पूरा करने के प्रयासों में जुटा है. 

साथ ही उन्होंने विश्व नेताओं के साथ संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु सम्मेलन, कॉप-26, को सफल बनाने की इच्छा ज़ाहिर की है जिसे कोविड-19 के कारण अब नवम्बर 2021 तक के लिये टाल दिया गया है. 

ग़ौरतलब है कि पैरिस जलवायु समझौते के पाँच वर्ष पूरे होने पर संयुक्त राष्ट्र और ब्रिटेन ने 12 दिसम्बर 2020 को एक वर्चुअल जलवायु शिखर बैठक के आयोजन की घोषणा की है.