लेबनान में नेताओं को राजनीति से हटकर लोगों की बेहतरी को महत्व देना होगा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि लेबनान में तमाम नेताओं को अगस्त में बेरूत बन्दरगाह पर हुए भीषण विस्फोट के बाद की चुनौतियों का सामना करने के लिये राजनीति को पीछे छोड़कर आम लोगों की भलाई को ऊपर रखना होगा.
बुधवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि लगभग एक साल से जारी अस्थिरता व सभी मोर्चों पर सुधारों की माँग के बीच इस मौक़े को एक नीन्द से जगाने वाली घण्टी के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिये.
“Aside from my injury, I’m emotionally scarred. My wife & I built our house together & now it’s completely gone.”The #Beirut blast left a heavy toll on Bassam, damaging his house & injuring his leg. Through WFP’s cash support, he will continue to meet his family’s daily needs. pic.twitter.com/rpg52Bz3cj
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महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को लेबनान के लिये अन्तरराष्ट्रीय सहायता समूह की एक उच्चस्तरीय बैठक में देश के लिये अपना समर्थन जताते हुए कहा कि लेबनान इस समय एक भीषण तूफ़ानी दौर से गुज़र रहा है, जिसमें लम्बे समय से जारी आर्थिक व सामाजिक संकट के साथ-साथ बेरोज़गारी में असाधारण वृद्धि, ग़रीबी जैसी समस्याएँ जारी थीं, इस स्थिति को कोविड-19 महामारी ने और भी ज़्यादा विकट बना दिया.
महासचिव ने कहा कि 4 अगस्त को हुए भयावह विस्फोट ने राजधानी को बुरी तरह तबाह कर दिया जिसमें कम से कम 200 लोगों की मौत हुई और हज़ारों अन्य घायल हुए, देश के लिये ये हादसा, नीन्द से झिंझोड़ने वाली घण्टी के रूप में साबित होना चाहिये.
उन्होंने कहा, “लगभग 11 महीने पहले बहुत से लोग देश में परिवर्तन की माँग के साथ सड़कों पर उतरे थे, अब हमें उम्मीद है कि आर्थिक, सामाजिक व राजनैतिक सुधार करने के लिये कुछ ठोस क़दम उठाए जाएँगे.”
महासचिव ने एक नए प्रधानमन्त्री मुस्तफ़ा अदीब की नियुक्ति को “सही दिशा में उठाया गया एक क़दम” क़रार दिया है.
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि एक ऐसी सरकार का तेज़ी से गठन बहुत ज़रूरी है जो तमाम लेबनानियों की माँगों, ज़रूरतों और आकाँक्षाओं को पूरा कर सके और सुधार लागू कर सके, नहीं तो पुनर्निर्माण व पुनर्बहाली की योग्यता ख़तरे में पड़ जाएगी.
उन्होंने कहा, “यही सटीक समय है – बहुत से क्षेत्रों में बदलाव करने का, जिनमें वित्तीय, बैंकिंग, ऊर्जा के साथ-साथ कस्टम, सार्वजनिक क्रय और सरकारी उद्यमों में."
"तमाम लेबनानी लोगों की बेहतरी सुनिश्चित करने के लिये सामाजिक सुधार भी ज़रूरी हैं जिसमें सामाजिक संरक्षा भी शामिल है, ख़ासतौर से बहुत कमज़ोर हालात वाले लोगों के लिये.”
4 अगस्त को बेरूत में हुए विस्फोट के बाद संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में तात्कालिक मानवीय सहायता उपलब्ध कराई गई है,
साथ ही देश में स्थिरता और विकास का रास्ता साफ़ करने के दीर्घकालीन उपायों पर भी काम किया जा रहा है. इसके लिये तीन सूत्री रास्ता अपनाया गया है जो राहत, शीघ्र पुनर्बहाली, और उसके बाद सुधार व पुनर्निर्माण पर आधारित है.
यूएन प्रमुख ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ़ से सहायता में इज़ाफ़ा बहुत अहम रहा है.
लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के देश प्रतिनिधि और मानवीय सहायता संयोजक के साथ-साथ, सरकारों, दानदाताओं और मानवीय तथा विकास सहयोगकर्ताओं के साथ निकट तालमेल बहुत ज़रुरी है.
लेबनान के सशस्त्र बलों का राहत सामग्री वितरण में बहुत अहम योगदान रहा है, उनके साथ भी निकट सहयोग स्थापित करने की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा कि लेबनान के नेतृत्व के लिये अब बिल्कुल सही समय है कि राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी जाए और राजनीति से हटकर लोगों की बेहतरी को सर्वोपरि प्राथमिकता पर रखा जाए.
ज़्यादा अन्तरराष्ट्रीय सहयोग और लेबनान सरकार की प्रतिबद्धता की बदौलत, देश का बेहतर भविष्य बनाने के प्रयासों में हर किसी की अहम भूमिका हो सकती है.