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कोविड-19: पुनर्बहाली में भूमिबद्ध देशों का साथ देने के लिये यूएन है तैयार

माली के बामाको में एक ट्रक में प्याज़ की ढुलाई.
World Bank/Dominic Chavez
माली के बामाको में एक ट्रक में प्याज़ की ढुलाई.

कोविड-19: पुनर्बहाली में भूमिबद्ध देशों का साथ देने के लिये यूएन है तैयार

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली उन सभी विकासशील भूमिबद्ध देशों के साथ एकजुटता से खड़ी है जिनके पास अहम व्यापार मार्गों तक पहुँच का अभाव है. महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को एक कार्यक्रम में भरोसा दिलाया कि वैश्विक महामारी का दौर गुज़र जाने के बाद इन देशों के पुनर्बहाली के प्रयासों में यूएन पूरी तरह उनके लिये समर्थन सुनिश्चित करेगा.

चारों ओर भूमि से घिरे देश कई चुनौतियों से भी घिरे होते है. वहाँ परिवहन सेवाओं और सम्पर्क मार्गों का अभाव होता है; सड़क, रेलसेवा और इंटरनेट जैसी बुनियादी ज़रूरतें पूरा करने के लिये आधारभूत ढाँचा नहीं होता और वैश्विक व क्षेत्रीय बाज़ारों तक पहुँच सम्भव नहीं होती है.

अफ़ग़ानिस्तान, बुर्किना फ़ासो, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, मलावी, माली, दक्षिण सूडान, यूगाण्डा, बुरुण्डी, चाड और बोत्सवाना ऐसे ही कुछ देशों के  उदाहरण हैं. 

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को इस समूह के देशों के विदेश मन्त्रियों की एक वर्चुअल बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि व्यापार, परिवहन और वितरण में आए भारी व्यवधान के साथ-साथ अब क़र्ज़ संकट भी मंडरा रहा है. 

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“कोविड-19 के असर के कारण, वैश्विक क़र्ज़ अभूतपूर्व ऊँचाई पर पहुँच गया है. कुछ सबसे निर्बल देशों में एक चौथाई से ज़्यादा सार्वजनिक राजस्व अब सार्वजनिक ऋण अदायगी में इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे वित्तीय संसाधन गम्भीर रूप से सीमित हो रहे हैं.”

इन जटिल चुनौतियों से ना सिर्फ़ आर्थिक वृद्धि और आजीविकाओं के लिये ख़तरा पैदा हुआ है बल्कि टिकाऊ विकास के 2030 एजेण्डा और जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते को लागू करने में देशों की क्षमताएँ भी प्रभावित हो रही हैं. 

समाधान के लिये साझीदारी

इस पृष्ठभूमि में यूएन महासचिव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र आपके साथ समाधानों की तलाश करने के लिये यहाँ पर है.

इनमें कम-उत्सर्जन, परिवहन और बुनियादी ढाँचे के सुरक्षित ज़रिये, संगठित निजी और सार्वजनिक निवेश, जीवाश्म ईंधनों से नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों की दिशा में बढ़ना और ग़ैरक़ानूनी वित्तीय लेनदेन से निपटना है. 

यूएन प्रमुख ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि संसाधन और क़र्ज़ से राहत उन सभी देशों तक पहुँचे जिन्हें इसकी आवश्यकता है ताकि पुनर्बहाली और टिकाऊ विकास लक्ष्यों में निवेश करने के लिये जगह बने.”

महासचिव गुटेरेश ने भूमिबद्ध देशों (Landlocked countries) से जलवायु पुनर्बहाली के लिये छह मुख्य सिद्धान्तों को लागू करने का आग्रह किया है. 

- हरित रोजग़ारों और सैक्टरों में निवेश

- प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को मदद पर रोक

- जीवाश्म ईंधनों को मिलने वाली सब्सिडी का अन्त

- जलवायु जोखिमों और अवसरों का नीतिगत व वित्तीय निर्णयों में समावेशन

- एकजुट और समन्वित प्रयासों पर ज़ोर

- किसी को भी पीछे ना छूटने देना

संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर ने अपने सन्देश में सभी विदेश मन्त्रियों से टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने के लिये सामूहिक प्रयासों में फिर ऊर्जा भरने का आहवान किया है.

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उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अनुरोध किया कि भूमिबद्ध देशों के सन्दर्भ में प्रासंगिक परिस्थितियों का ध्यान रखना होगा और उसी के अनुरूप वैश्विक व टिकाऊ पुनर्बहाली में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी. 

कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में जनरल एसेम्बली के उच्चस्तरीय सत्र के दौरान इस वर्चुअल बैठक का आयोजन 2014-2025 दशक के लिये वियेना कार्ययोजना (Vienna Programme of Action) को लागू करने में हुई प्रगति की समीक्षा के लिये किया गया था. 

यह एक ऐसा फ़्रेमवर्क है जिसके ज़रिये भूमिबद्ध देशों के विशेष हालात को ध्यान में रखते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था में उनके एकीकरण को सम्भव बनाने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं.