कोविड-19: किफ़ायती वैक्सीन ‘सर्वजन को उपलब्ध करानी होगी’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि कोविड-19 से निपटा जाना अब भी वैश्विक चुनौतियों के एजेण्डे में सर्वोपरि है जिसके तहत एक असरदार व किफ़ायती वैक्सीन का विकसित होना और सभी के लिये उपलब्ध होना इस लड़ाई का अहम हिस्सा है. यूएन प्रमुख ने महासभा के 75वें सत्र में होने वाले उच्चस्तरीय सप्ताह से पहले एक प्रैस वार्ता को सम्बोधित करते हुए बताया कि कोविड-19 महामारी अब भी नियन्त्रण से बाहर है और दुनिया एक बेहद गम्भीर चरण का सामना कर रही है.
यूएन प्रमुख ने बुधवार को प्रैस वार्ता में पत्रकारों को बताया कि बहुत से लोगों ने अपनी उम्मीदें वैक्सीन पर टिकाई हुई हैं लेकिन यह स्पष्ट रूप से ध्यान रखना होगा कि किसी महामारी से निपटने की कोई चमत्कारिक औषधि (Panacea) नहीं है.
"We need a vaccine for everybody, everywhere - in affordable conditions - because we will only be safe if everybody is safe."Ahead of #UNGA, @antonioguterres discusses #COVID19, #ClimateAction & other pressing global issues. https://t.co/Q7NPz8OLXP pic.twitter.com/8DQTI53ySs
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“महज़ एक वैक्सीन इस संकट को नहीं सुलझा सकती, अल्पकाल में तो निश्चित रूप से नहीं.”
कोरोनावायरस से अब तक दो करोड़ 94 लाख से ज़्याद लोग संक्रमित हुए हैं और इसके संक्रमण से मृतकों की संख्या भी आने वाले दिनों में दस लाख से ज़्यादा हो जाने की आशंका है.
महासचिव गुटेरेश ने कहा, “हमें नए और मौजूदा औज़ार व्यापक स्तर पर बढ़ाने होंगे जिनके सहारे नए मामलों से निपटा जा सके और संक्रमणों को दबाने व लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने में महत्वपूर्ण उपचार प्रदान किये जा सके, विशेषत: अगले 12 महीनों के दौरान.”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वायरस सीमाओं की परवाह नहीं करता इसलिये वैक्सीन को सार्वजनिक रूप से सभी के लिये लाभकारी उत्पाद के रूप में देखा जाना होगा.
इस दृष्टि से वैक्सीन को किफ़ायती बनाना और सभी के लिये उपलब्ध कराना ज़रूरी है लेकिन इसे सम्भव बनाने के लिये विशाल स्तर पर धन जुटाने की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा कि लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिये तैयार रहना होगा लेकिन भ्रामक सूचनाओं की भरमार से वैक्सीन लगवाने में हिचकिचाहट अभी से दिखने लगी है, और बेसिरपैर की कपोल-कथाएँ फैल रही हैं.
महासचिव गुटेरेश ने ऐसी ख़बरों पर गहरी चिन्ता जताई है जिनमें बहुत से देशों में बड़े जनसमूहों ने नई कोरोनावायरस वैक्सीन को लगवाने में अनिच्छा ज़ाहिर की है या फिर इस सम्भावना को सिरे से नकार दिया है.
“इस जानलेवा बीमारी के सामने हमें घातक ग़लत सूचनाओं के प्रवाह को रोकने के लिये हरसम्भव प्रयास करने होंगे.”
यूएन प्रमुख ने मार्च 2020 में वैश्विक युद्धविराम की एक अपील जारी की थी जिसमें कोरोनावायरस को विश्व सुरक्षा के लिये सबसे बड़ा ख़तरा बताया था.
उन्होंने बताया कि अफ़ग़ानिस्तान से सूडान तक शान्ति की दिशा में नए प्रयास किये गए हैं और सीरिया, लीबिया, यूक्रेन व अन्य स्थानों पर लड़ाई धीमी हुई है जिससे कूटनीतिक प्रयासों के लिये अवसर पैदा हुए हैं.
यूएन प्रमुख ने बताया कि यमन में युद्धविराम के लिये प्रयास किये जा रहे हैं और गहरे अविश्वास के बावजूद शान्ति के लिये ये प्रयास जारी रखने होंगे.
महासचिव ने अन्य वैश्विक चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा, “महामारी से पहले भी दुनिया टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने से दूर थी और जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ लड़ाई में हार रही थी.”
उन्होंने ध्यान दिलाया कि उत्तरी गोलार्द्ध रिकॉर्ड स्तर की गर्मी के मौसम से उबर रहा है जबकि वर्ष 2020 में ग्रीनहाउस गैसों की सघनता नई ऊँचाइयाँ छू रही है.
महासचिव ने पत्रकारों से कहा, “दुनिया जल रही है.”
उन्होंने भरोसा दिलाया कि महामारी के बाद का काल टिकाऊ विकास के 2030 एजेण्डा और पेरिस समझौते के रास्ते पर वापिस लौटने का एक अवसर उपलब्ध कराएगा. लेकिन इसे हरित विकास की दिशा में ले जाना होगा.
प्रभावी बहुपक्षवाद, लैंगिक समानता और युवाओं की आवाज़ों को पुनर्बहाली के प्रयासों का हिस्सा बनाया जाना होगा.
उन्होंने बताया कि सोमवार को सदस्य देश एक घोषणा-पत्र पारित करेंगे जिसमें संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगाँठ पर बहुपक्षवाद को फिर से स्फूर्ति दिये जाने का संकल्प लिया जाएगा.
यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था, कार्बन उत्सर्जन की मात्रा शून्य करने, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करने, सार्वभौमिक बुनियादी आय की दिशा में आगे बढ़ने और खुली व समावेशी निर्णय प्रक्रिया के मार्ग पर चलने के लिये वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता है.
उनके मुताबिक इस लक्ष्य तक पहुँचने में 'एकला चलो' जैसे राष्ट्रवादी तरीक़ों या विभाजनकारी लोकलुभावन वाली अपीलों को ख़ारिज करना होगा.
महासचिव ने कहा कि 75वीं वर्षगाँठ के इस अवसर पर हम वर्ष 1945 जैसे लम्हे का सामना कर रहे हैं.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि मौजूदा आपात हालात पर क़ाबू पाने के लिये अभूतपूर्व एकजुटता और मज़बूत एकता के साथ प्रयास करने होंगे, दुनिया को आगे बढ़ाना होगा और यूएन चार्टर के मूल्यों को बरक़रार रखते हुए समृद्धि सुनिश्चित करनी होगी.