ग्रीस द्वीप में नई आग लगने से बचे-कुछे आवास भी नष्ट, हज़ारों लोग बेघर
ग्रीस के एक द्वीपीय केन्द्र लेसबॉस में नए सिरे से लगी आग ने वहाँ ठहराए गए हज़ारों शरणार्थियों व प्रसावियों के लिये आवासों को नष्ट कर दिया है. इससे पहले मंगलवार शाम को भी वहाँ आग लग चुकी है जिसमें बड़ी संख्या में इन शरणार्थियों व प्रवासियों के आवासों को नुक़सान पहुँचा था.
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने शुक्रवार को एक चेतावनी जारी करके कहा कि लेसबॉस में बुधवार और गुरूवार को आग की नई लहर के बाद हर उम्र के लोग बेघर हो गए हैं.
We are appalled by events on Lesvos island in Greece, where fire destroyed nearly all of Moria asylum centre.UNHCR is providing emergency assistance and call for more support, inc expedited relocations of unaccompanied children + other vulnerable people. https://t.co/QvsVIeMTHr
Refugees
मंगलवार, बुधवार और गुरूवार को लगी इस आग के कारणों की जानकारी नहीं मिली है.
यूएन शरणार्थी एजेंसी की प्रवक्ता शाबिया मण्टू ने बताया, “ताज़ा आग ने मोरिया पंजीकरण व पहचान केन्द्र के आसपास के स्थानों को प्रभावित किया है... जिससे वहाँ बचे-खुचे आवासों को भी नष्ट कर दिया है.”
प्रवक्ता ने कहा कि इस आग में किसी के हताहत होने कि ख़बर नहीं है लेकिन इस आग के कारण ऐसे लगभग साढ़े 11 हज़ार लोग बिना किसी आवास के रह गए हैं जो शरण की माँग करने के लिये वहाँ थे. अब उन सभी को खुले स्थानों में रहना और सोना पड़ रहा है.
रास्तों, मैदानों और तटों पर गुज़ारा
यूएनएचसीआर की प्रवक्ता शबिया मण्टू के अनुसार इस आग से प्रभावितों में लगभग 2 हज़ार 200 ऐसी महिलाएँ और 4 हज़ार बच्चे हैं जिन्हें सड़कों, खुले मैदानों और तटों पर रहना और सोना पड़ रहा है.
“इनमें बहुत नाज़ुक स्वास्थ्य हालात का सामना कर रहे लोग, बहुत छोटी उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएँ और विकलांग जन शामिल हैं.”
मोरिया पंजीकरण व पहचान केन्द्र शिविर में ज़रूरत से ज़्यादा संख्या में प्रवासी और शरणार्थी रहने को मजबूर हैं, जबकि ये केन्द्र शुरू करते समय वहाँ इतनी संख्या की अपेक्षा नहीं की गई थी.
मंगलवार को लगी शुरुआती आग के बाद अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) ने कहा था कि 12 हज़ार 600 से ज़्यादा प्रवासी और शरणार्थी विस्थापित हो गए थे और वहाँ बनाए गए आवासों में से लगभग 80 प्रतिषत राख में तब्दील हो गए थे. वो सुविधा केन्द्र केवल 3 हज़ार लोगों को ठहराने के इरादे से बनाया गया था.
प्रवासन संगठन ने कहा था कि इस आग के बाद जो लोग बेघर हो गए उनमें लगभग 400 ऐसे बच्चे भी हैं जिनको सहारा देने के लिये कोई भी उनके साथ नहीं है.
बाद में प्रवासन संगठन ने योरोपीय आयोग के उस निर्णय का भी स्वागत किया जिसमें इस द्वीपीय स्थान से लोगों को कहीं और भेजने पर आने वाला वित्तीय ख़र्च वहन करने की बात कही गई है.
बेल्जियम, नॉर्वे आए मदद के लिये
इस आग संकट में मदद करने के लिये आगे आईं यूएन एजेंसियों में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को कहा कि वो ग्रीस सरकार से अनुरोध मिलने के बाद पंजीकरण व पहचान केन्द्र के लिये दो चिकित्सा दल भेज रहा है.
संगठन प्रवक्ता फ़देला चाएब ने कहा, “हमारे पास एक टीम बेल्जियम से और दूसरी नॉर्वे से है. ये टीमें घटनास्थल पर शनिवार और सोमवार को पहुँचने की योजना पर काम कर रही हैं जो वहाँ स्वास्थ्य समन्वय प्रकोष्ठ बनाएँगे जिनमें प्रभावित लोगों की ज़रूरतों के अनुसार स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया कराई जा सकें.”
विश्व स्वास्थ्य संगठन घटनास्थलों पर ऐसी मौजूदा चिकित्सा सेवाओं की क्षमता बढ़ाने के लिये चिकित्सा सामान की आपूर्ति का भी इन्तेज़ाम कर रहा है जो या तो बाधित हुई हैं या जिन्हें कुछ ज़्यादा नुक़सान पहुँचा है.
तनाव
यूएन शरणार्थी एजेंसी ने आग से प्रभावित और बेघर हुए लोगों के साथ शुक्रवार को एकजुटता दिखाते हुए सभी से संयम बरतने और ऐसी किसी कार्रवाई या गतिविधि से बचने का आग्रह किया जिससे किसी तरह का तनाव भड़क सकता हो.
यूएनएचसीआर ने योरोपीय संघ और सम्बन्धित सरकारों से मोरिया और ग्रीस के अन्य द्वीपों में शरण चाहने वालों और शरणार्थियों की समस्याओं का दीर्घकालीन हल निकालने की अपनी अपील फिर दोहराई है.