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हिंसक संघर्ष में रोकने होंगे शिक्षा पर हमले - यूएन महासचिव

अफ़ग़ानिस्तान के नांगरहार प्रांत में एक विस्फोट में स्कूल जाते समय इन दो बहनों के भाई की मौत हो गई थी.
© UNICEF/Marko Kokic
अफ़ग़ानिस्तान के नांगरहार प्रांत में एक विस्फोट में स्कूल जाते समय इन दो बहनों के भाई की मौत हो गई थी.

हिंसक संघर्ष में रोकने होंगे शिक्षा पर हमले - यूएन महासचिव

संस्कृति और शिक्षा

शिक्षा एक बुनियादी मानवाधिकार और शान्ति व विकास की दिशा को आगे बढ़ाने का एक मज़बूत पहिया है, लेकिन इसके बावजूद शिक्षकों, छात्रों और शिक्षण केन्द्रों पर हमलों की संख्या लगातार बढ़ रही है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने स्कूलों और शिक्षण केन्द्रों पर होने वाले हमलों पर क्षोभ ज़ाहिर करते हुए बताया कि वर्ष 2015 से 2019 के बीच ऐसी 11 हज़ार घटनाएँ दर्ज की गईं. 

9 सितम्बर को विश्व में पहली बार ‘हमलों से शिक्षा की रक्षा के लिये अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ मनाया जा रहा है और इस अवसर पर बुधवार को एक उच्चस्तरीय वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया.  

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यूएन प्रमुख ने कहा कि लाखों बच्चों को पढ़ाई से वंचित रखने के अलावा हिंसा के अन्य गम्भीर नतीजे होते हैं. बच्चों की पढ़ाई हमेशा के लिये छूट जाती है,

शिक्षा में लम्बा व्यवधान आता है, सशस्त्र गुटों में बाल सैनिकों के रूप में भर्ती होती है, लड़कियाँ कम उम्र में गर्भवती हो जाती हैं और उन्हें यौन हिंसा का भी शिकार होना पड़ता है.

यूएन प्रमुख ने कड़े शब्दों में कहा कि ऐसे हमले जारी रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती.  

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद-बाँडे ने चुनौती की विकरालता को बयान करते हुए बताया कि सबसे गम्भीर घटनाओं में स्कूलों पर सीधे हमले होते हैं – आगज़नी, ज़मीनी और हवाई कार्रवाई, लूटपाट और विस्फोटकों का इस्तेमाल.  

“हम स्कूलों पर सैन्य क़ब्ज़ा देख रहे हैं जिससे स्कूलों का नागरिक प्रतिष्ठान दर्जा ख़त्म हो जाता है, और इस तरह सैन्य निशाने के तौर पर हमले के ख़तरे का सामना करना पड़ता है.”

सोमालिया में एक सामाजिक कार्यकर्ता फ़ैसल नूर अली अपनी पढ़ाई जारी रखने में सफल रहे लेकिन स्कूलों को निशाना बनाए जाने से होनी वाली तबाही को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया है.  

“मैंने अपने साथी छात्रों को स्कूल की इमारत से हमले और हिंसा के डर से बाहर कूदते देखा देखा.”

“हमें कक्षाओं को सुरक्षित स्थल बनाने का संकल्प लेना होगा जहाँ पढ़ाई-लिखाई करने वाले बच्चे फल-फूल सकें और उज्ज्वल भविष्य की ओर देख सकें.”

सर्वजन के लिये शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने हर एक व्यक्ति के लिये, हिंसक संघर्ष के दौरान भी, पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिये सरकारों का आहवान किया है.

100 से ज़्यादा देशों ने सुरक्षित स्कूल घोषणापत्र को अपना समर्थन दिया है लेकिन यूएन प्रमुख के मुताबिक इस सम्बन्ध में ज़्यादा कार्रवाई की आवश्यकता है. 

“मैं संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से सभी के लिये शिक्षा के प्रावधान को सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूँ – हिंसक संघर्ष के दौरान भी और विशेषत: शरणार्थियों और विस्थापितों जैसे सबसे कमज़ोर तबकों के लिये.”

उन्होंने कहा कि शिक्षा हमलों की रोकथाम करने वाली शक्ति भी होनी चाहिये. इस दिशा में संयुक्त राष्ट्र हिंसक चरमपंथ से निपटने के लिये शिक्षा को माध्यम बना रहा है. 

महासचिव गुटेरेश ने बताया कि कट्टरपंथी सन्देशों से ऊपर उठकर शान्तिपूर्ण समाजों के निर्माण को सम्भव बनाने के लिये युवाओं की मदद की जा रही है. 

“उन्हें ज़्यादा स्वायत्ता देकर और मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाकर हम स्थायी शान्ति की नींव रख रहे हैं.”

इसके अलावा, सरकारों को शिक्षण केन्द्रों पर होने वाले हमलों के बारे में जानकारी एकत्र करनी होगी, निगरानी और जाँच का दायरा बढ़ाना होगा ताकि दोषियों की जवाबदेही तय की जा सके. 

यूएन प्रमुख ने कोविड-19 महामारी से उजागर हुई विषतमाओं और अन्यायपूर्ण वातावरण का उल्लेख करते हुए ज़ोर देकर कहा कि यह संकट एक बेहतर दुनिया के निर्माण का अवसर होना चाहिये.