पाकिस्तान: पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काये जाने पर चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने पाकिस्तान में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, विशेषत: महिलाओं व अल्पसंख्यकों, के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काये जाने के बढ़ते मामलों पर चिन्ता जताई है. यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने कथित ईशनिन्दा के आरोपों को ख़ास तौर पर चिन्ताजनक क़रार दिया है और हिंसा के लिये ज़िम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय किये जाने का आग्रह किया है.
मंगलवार को जिनीवा में यूएन मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता रूपर्ट कोलविल ने पत्रकारों को बताया, “हमने तत्काल, प्रभावी, पूर्ण और निष्पक्ष जाँच की ज़रूरत को रेखांकित किया है जिसमें हिंसा और लोगों की मौत के मामलों में जवाबदेही सुनिश्चित की जाए.”
#Pakistan: Increasing concern about incitement to violence against journalists & #humanrights defenders, in particular against women & minorities. Especially worrying are accusations of blasphemy. https://t.co/oReYBA3VqS #JournoSafe #PressFreedom #StandUp4HumanRIghts pic.twitter.com/lLhooEoS0w
UNHumanRights
उन्होंने कहा कि पीड़ितों और उनके परिवारजनों को न्याय पाने, सच जानने और मुआवज़े का अधिकार है.
ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान में महिला पत्रकारों ने क्षोभ ज़ाहिर किया कि सरकारी नीतियों की आलोचना करने वालों के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर समन्वित ढँग से अभियान चलाया जा रहा है.
ऐसे ही एक मामले में पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता मार्वी सिरमद को सोशल मीडिया पर अपमानजनक और हिंसक भाषा भरे अनेक सन्देश मिले हैं जिसमें उन पर लिंग अधारित कथित लाँछन लगाए गये और मौत की धमकियाँ दी गई हैं.
सोशल मीडिया पर ईशनिन्दा के आरोपों के बाद मार्वी सिरमद के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई और उनसे जुड़ी निजी जानकारी को ट्विटर पर उजागर किया गया है.
पिछले वर्ष रिपोर्टिंग में जुटे कम से कम चार पत्रकारों और ब्लॉगर को जान से मार दिया गया था. इनमें अरूज इक़बाल नामक एक महिला भी हैं जिनकी लाहौर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
अरूज इक़बाल अपना एक स्थानीय अख़बार निकालने की तैयारी कर रही थीं. शनिवार, 5 सितम्बर, को बलूचिस्तान के केख़ ज़िले में अज्ञात लोगों ने पत्रकार शाहीना शाहीन की गोली मारकर हत्या कर दी.
अधिकाँश मामलों में घटना के ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ जाँच, अदालत में मुक़दमे की कार्रवाई और जवाबेदही तय नहीं हो पाई है.
प्रवक्ता रूपर्ट कोलविल ने बताया कि इन घटनाओं के सिलसिले में संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान सरकार को अपनी चिन्ताओं से अवगत कराया है. साथ ही उन पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है जिन्हें धमकियाँ दी गई हैं.
शाहीना शाहीन की मौत के मामले में अनेक उच्च-पदस्थ सरकारी अधिकारियों ने हत्या की निन्दा की है और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने का संकल्प लिया है जिसका यूएन कार्यालय ने स्वागत किया है.
यूएन प्रवक्ता ने पाकिस्तान सरकार से धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा और निजी दुश्मनी निकालने के लिये ईशनिन्दा के बढ़ते इस्तेमाल की बिना किसी लाग-लपेट के निन्दा करने की अपील है.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि विचारों और राय की विविधता को प्रोत्साहन और सम्मान दिये जाने की आवश्यकता है. साथ ही अभिव्यक्ति की आज़ादी को सुनिश्चित करने के रास्ते में मौजूद अवरोधों को दूर करने का आहवान किया गया है.
रूपर्ट कोलविल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति और अन्य अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार तन्त्रों और प्रक्रियाओं के अनुरूप न्यायिक सुधारों को लागू किया जाना होगा.