नया शैक्षणिक सत्र – एक तिहाई छात्र ही लौट पाएँगे स्कूल 

आइवरी कोस्ट में स्कूल खुलने के बाद कक्षाओँ में छात्र ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र मास्क पहन रहे हैं.
© UNICEF/Frank Dejongh
आइवरी कोस्ट में स्कूल खुलने के बाद कक्षाओँ में छात्र ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र मास्क पहन रहे हैं.

नया शैक्षणिक सत्र – एक तिहाई छात्र ही लौट पाएँगे स्कूल 

संस्कृति और शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवँ सांस्कृतिक सगंठन (UNESCO) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने पर विश्व भर में कुल डेढ़ अरब छात्रों में से दो-तिहाई छात्र स्कूल बन्द होने या कक्षाओं पर मँडराती अनिश्चितता से प्रभावित हैं. यूएन एजेंसी के मुताबिक इस वर्ष एक-तिहाई छात्रों के ही स्कूल लौटने की सम्भावना है और लड़कियों की शिक्षा पर सबसे ज़्यादा संकट मँडरा रहा है. 

इस वर्ष शुरुआती शिक्षा (Pre-primary) से माध्यमिक (Secondary) शिक्षा के तहत 90 करोड़ छात्रों को अगस्त से अक्टूबर के दौरान स्कूलों में वापिस लौटना है, लेकिन यूनेस्को ने चिन्ता जताई है कि फ़िलहाल इनमें आधे से भी कम यानि 155 देशों में लगभग 43 करोड़ 30 लाख छात्रों - के कक्षाओं में लौटने की सम्भावना है.

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12 करोड़ 80 लाख छात्रों के लिये शिक्षा सत्र पहले ही शुरू हो चुका है, यानि इस वर्ष महज़ 56 करोड़ छात्र ही कक्षाओं में उपस्थित रह पाएँगे जो विश्व भर में कुल छात्रों की क़रीब एक-तिहाई संख्या है.

विश्व में कुल छात्रों की लगभग दो-तिहाई संख्या यानि लगभग एक अरब छात्र, स्कूल बन्द होने या कक्षाओं पर मँडरा रही अनिश्चितता से प्रभावित हुए हैं. 

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ोले ने कहा, “शैक्षणिक संकट अब भी गम्भीर बना हुआ है.”

“अनेक पीढ़ियों को स्कूल बन्द होने के ख़तरे का सामना करना पड़ रहा है, जिसका असर करोड़ों छात्रों पर पड़ा है और यह कई महीनों चला आ रहा है. यह वैश्विक शिक्षा के लिए आपात स्थिति है.”

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवँ सांस्कृतिक सगंठन ने दूरस्थ शिक्षा में गहराई से समाई विषमताओं की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया है जिनसे निर्बल जनसमूह सबसे अधिक प्रभावित होते हैं.

यूनेस्को के मुताबिक फ़रवरी और मार्च 2020 में तालाबन्दी और अन्य पाबन्दियाँ शुरू होने के बाद अब तक दुनिया भर के छात्र औसतन 60 दिन की स्कूली पढ़ाई से वंचित हुए हैं. 

स्कूल बन्द होने, कक्षाओं के बारे में अनिश्चितता बढ़ने, घर बैठकर पढ़ाई करने के माध्यमों की अनुपलब्धता और अन्य बाधाओं के कारण बच्चों के पढ़ाई छोड़ने, शिक्षा की गुणवत्ता घटने और नकारात्मक सामाजिक व आर्थिक प्रभाव की आशंका गहरी हो रही है.

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मौजूदा हालात का लड़कियों पर सबसे ज़्यादा असर होने का जोखिम है.  

यूएन एजेंसी के अनुसार इसलिये यह महत्वपूर्ण है कि शिक्षा प्रशासन से जुड़े सभी विभाग जल्द से जल्द यह तय करें कि किस तरह स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सकती है. इस प्रक्रिया के दौरान सभी के स्वास्थ्य की रक्षा को प्राथमकिता देनी होगी.  

इस पृष्ठभूमि में यूनेस्को ने ‘वैश्विक शिक्षा गठबन्धन’ (Global Education Coalition) के ज़रिये #LearningNeverStops नामक एक मुहिम शुरू की है ताकि स्कूल बन्द होने के दौरान भी लड़कियों की शिक्षा जारी रखी जा सके और स्कूल खुलने की स्थिति में उनकी सुरक्षित वापसी हो सके. 

यूएन एजेंसी का कहना है कि लड़कियों को कम उम्र में जबरन शादी कराए जाने, गर्भ ठहरने और घरेलू हिंसा सहित कई अवरोधों का सामना करना पड़ता है इसलिये उनकी शिक्षा के पूर्ण अवसर सुनिश्चित किया जाना ज़रूरी है.

इस साझेदारी के ज़रिये यूनेस्को ने जागरूकता फैलाने और लड़कियों को स्कूल वापिस भेजने के उद्देश्य से सामग्री और टूलकिट भी तैयार की है जिससे इस प्रक्रिया में शामिल सभी पक्षकारों को मदद मिल सके.