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लेबनान: विस्फोट प्रभावित समुदायों व शरणार्थियों की सहायता 'सर्वोपरि प्राथमिकता'

यूएन शरणार्थी एजेंसी प्रमुख फ़िलिपो ग्रैन्डी बेरूत में विस्फोट प्रभावित इलाक़ों के दौरे पर हैं.
© UNHCR
यूएन शरणार्थी एजेंसी प्रमुख फ़िलिपो ग्रैन्डी बेरूत में विस्फोट प्रभावित इलाक़ों के दौरे पर हैं.

लेबनान: विस्फोट प्रभावित समुदायों व शरणार्थियों की सहायता 'सर्वोपरि प्राथमिकता'

मानवीय सहायता

लेबनान का दौरा कर रहे संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के प्रमुख फ़िलिपो ग्रैन्डी ने बेरूत बन्दरगाह पर हुए विस्फोट से प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता जताई है. यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा है कि लेबनान की जनता के साथ-साथ देश में शरण लेने वाले शरणार्थियों व प्रवासियों की सहायता सुनिश्चित करना उनकी शीर्ष प्राथमिकता है. 4 अगस्त 2020 को बेरूत बन्दरगाह पर भीषण विस्फोट में 180 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी और हज़ारों लोग घायल और बेघर हो गए थे. 

 जिनीवा में मंगलवार को प्रैस वार्ता के दौरान यूएन शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता बाबर बलोच ने बताया, “लेबनानी समुदायों और शरणार्थियों की सहायता के लिए कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के लिए सर्वोपरि प्राथमिकता है.”

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लेबनान में कोविड-19 महामारी का फैलाव रोकने के लिए तालाबंदी लागू होने के बाद से यूएन एजेंसी प्रमुख का यह पहला दौरा है. प्रवक्ता ने कहा कि इस चार-दिवसीय यात्रा का उद्देश्य लेबनान के साथ यूएन एजेंसी की एकजुटता और सहायता के संकल्प को फिर से पुष्ट करना है.

दुनिया में देश की जनसंख्या के अनुपात में लेबनान में सबसे बड़ी संख्या में शरणार्थी रहते हैं.    

4 अगस्त को बेरूत बन्दरगाह पर विस्फोट से लेबनान की राजधानी में जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है जिसके तात्कालिक और दीर्घकालीन असर की व्यापकता का अंदाज़ा लगाने का प्रयास किया जा रहा है. 

साथ ही लेबनान को कोविड-19 महामारी के गम्भीर संकट का भी सामना करना पड़ रहा है जिससे हालात और विकट हो गए हैं.  

यूएन एजेंसी का कहना है कि शरणार्थियों की बड़ी संख्या, बेरूत विस्फोट और कोविड-19 महामारी तीन ऐसे कारक हैं जिनसे देश भर में निर्बलतम और निर्धनतम समूहों को सबसे ज़्यादा नुक़सान हो रहा है.

लेबनान दौरा

यूएन एजेंसी प्रमुख फ़िलिपो ग्रैन्डी विस्फोट प्रभावित इलाक़ों में राहत कार्य का जायज़ा लेने के बाद देश के अन्य हिस्सों में शरणार्थी एजेंसी के मानवीय राहत अभियानों की समीक्षा करेंगे. 

प्रवक्ता बाबर बलोच के मुताबिक बेरूत में विस्फोट प्रभावितों की मदद के लिए यूएन एजेंसी अपनी कार्रवाई का दायरा और स्तर बढ़ा रही है और सभी समुदायों को तात्कालिक राहत, शरण और संरक्षण सेवाएँ मुहैया करा रही है.

अपने साझीदार संगठनों के साथ मिलकर यूएन एजेंसी ने सबसे ज़्यादा ज़रूरतमन्दों के लिए आपात राहत के तहत रहने के लिए ज़रूरी सामग्री का भी प्रबंधन किया है और इस क्रम में दो लाख से ज़्यादा घरों को मदद पहुँचाई गई है.

इसके अलावा प्रभावितों की देखभाल के लिए मनोसामाजिक प्राथमिक चिकित्सा और अन्य उपायों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है. 

यूएन एजेंसी प्रमुख का कार्यक्रम उत्तरी लेबनान और बेका घाटी जाने का भी है जहाँ वह उन सार्वजनिक अस्पतालों का निरीक्षण करेंगे जिनमें कोविड-19 से निपटने के प्रयासों के तहत यूएन एजेंसी की ओर से बिस्तरों और आपात चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था की जा रही है. 

बताया गया है कि शरणार्थी एजेंसी के हाईकमिश्नर अपनी यात्रा के दौरान सीरियाई शरणार्थियों से भी मिलेंगे जो आर्थिक संकट और कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.