अन्तरराष्ट्रीय युवजन दिवस: युवा पीढ़ी की सहनक्षमता व दूरदृष्टि की सराहना

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जलवायु परिवर्तन, लैंगिक असमानता सहित अन्य विश्व चुनौतियों से निपटने के प्रयासों में योगदान के लिये युवाओं की प्रशंसा की है. यूएन प्रमुख ने बुधवार को ‘अन्तरराष्ट्रीय युवजन दिवस’ पर विश्व नेताओं का आहवान किया है कि युवाओं की सम्भावनाओं को पूर्ण रूप से साकार करने के लिये हरसम्भव प्रयास किये जाने होंगे.
Young people are resilient, resourceful & engaged. They are mobilizing for #ClimateAction, racial justice, gender equality and other #GlobalGoals.On #YouthDay I call on leaders and adults to help enable the world’s youth to enjoy lives of safety, dignity & opportunity. pic.twitter.com/OY11ft2TDw
antonioguterres
विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 से युवाओं के जीवन में भारी उथलपुथल हुई है, उनकी आकाँक्षाओं को ठेस पहुँची है और इस महामारी ने उन्हें निर्बलताओं का ऐहसास कराया है.
यूएन प्रमुख ने कोरोनावायरस संकट की पृष्ठभूमि में युवा पीढ़ी की सहनक्षमता, उपाय-कुशलता और सम्वाद के प्रति इच्छा रखे जाने की सराहना की है.
महासचिव गुटेरेश ने अन्तरराष्ट्रीय युवजन दिवस पर अपने सन्देश में कहा, ‘युवजन वो हैं जो जलवायु कार्रवाई की माँग के लिये आगे आए हैं. वे नस्लीय न्याय व लैंगिक समानता के लिये संगठित हो रहे हैं और एक ज़्यादा टिकाऊ दुनिया की मुहिम के समर्थन में हैं.”
“बहुत सी ऐसी युवा महिलाएँ हैं जो न्याय और जलवायु कार्रवाई के लिये संगठित होकर अग्रिम मोर्चे पर सक्रिय रही हैं और वे साथ ही कोविड-19 के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई में भी अग्रिम मोर्चे पर सेवारत हैं.”
महासचिव ने ज़ोर देकर कहा कि युवा पीढ़ी के साथ किये गए वायदे को साकार रूप देने के लिये उनके समावेशन, भागीदारी, संगठनों व पहलों में और ज़्यादा निवेश किये जाने की आवश्यकता है.
“मैं हर स्थान पर सभी नेताओं व वयस्कों से आग्रह करता हूँ कि विश्व के युवाओं को सक्षम बनाने के लिये हरसम्भव काम किया जाएगा ताकि वे सुरक्षा, गरिमा, अवसरों से भरा जीवन जी सकें और अपनी महान सम्भावनाओं के अनुरूप पूर्ण योगदान दे सकें.”
इस वर्ष अन्तरराष्ट्रीय युवजन दिवस की थीम वैश्विक कार्रवाई के लिये युवाओं की भागीदारी (Youth Engagement for Global Action) है.
इस दिवस पर आयोजनों के ज़रिये बताया जा रहा है कि स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर युवाओं के साथ सम्पर्क व उनकी भागीदारी बढ़ाने से राष्ट्रीय और बहुपक्षीय संस्थाओं व प्रक्रियाओं को मज़बूती दी जा रही है.
इसके अलावा औपचारिक रूप से संस्थागत राजनीतिक में उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने और भागीदारी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.
इस वर्ष #31DaysOfYOUth नामक एक सोशल मीडिया मुहिम भी शुरू हुई है जिसमें अगस्त महीने में युवाओं पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है.
इस मुहिम का लक्ष्य वैश्विक कार्रवाई में युवाओं की भागीदारी की अहमियत को रेखांकित करना, विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना और जागरूकता का प्रसार करना है.
यूएन महासभा अध्यक्ष तिजानी-मोहम्मद बाँडे ने महासचिव गुटेरेश के विचारों को आगे बढ़ाते हुए स्पष्ट किया कि युवाओं के लिये न्यायोचित व समान अवसर सुनिश्चित करना अहम है ताकि वे अपने अधिकार व आकाँक्षाएँ हासिल कर सकें.
“मानवता के लिये एक शान्तिपूर्ण व समृद्ध भविष्य के निर्माण की सम्भावना तब तक पूर्ण नहीं होगी जब तक युवाओं के ख़िलाफ़ असमानताएँ और भेदभाव सामान्य बर्ताव माना जाता रहेगा और युवाओं के पास अपनी आवाज़ बुलन्द करने का अवसर उपलब्ध नहीं होगा.”
महासभा अध्यक्ष ने दुनिया के बेहतर भविष्य के सृजन में युवाओं के शानदार योगदानों के लिये उनकी प्रशंसा की है और ध्यान दिलाया है कि उनके प्रयासों से समाज बेहतर हो रहे हैं और वैश्विक आकाँक्षाओं का दायरा व्यापक हो रहा है.
महासभा अध्यक्ष ने कहा कि नवाचार (Innovation) और आकाँक्षा के ज़रिये युवा पीढ़ी एक ज़्यादा टिकाऊ, समावेशी और न्यायोचित दुनिया के निर्माण में अपना अहम योगदान दे सकती है.