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बेरूत: विस्फोट से शरणार्थियों पर भी असर, राहत कार्य में तेज़ी

बेरूत में 4 अगस्त 2020 को हुए विस्फोट से इमारतों को भारी नुक़सान हुआ है.
Houssam Yaacoub
बेरूत में 4 अगस्त 2020 को हुए विस्फोट से इमारतों को भारी नुक़सान हुआ है.

बेरूत: विस्फोट से शरणार्थियों पर भी असर, राहत कार्य में तेज़ी

मानवीय सहायता

लेबनान की राजधानी बेरूत के बन्दरगाह पर एक सप्ताह पहले हुए भीषण विस्फोट में अनेक शरणार्थी भी हताहत हुए हैं. शरणार्थी मामलों की संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNHCR) ने मंगलवार को बताया कि अब तक कम से कम 34 शरणार्थियों की मौत होने की पुष्टि हो चुकी है लेकिन यह संख्या और बढ़ने की आशंका है. 124 शरणार्थी घायल हुए हैं जिनमें 20 की हालत गम्भीर बताई गई है जबकि सात अन्य लापता हैं.

पिछले मंगलवार को हुए इस विस्फोट में 200 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई थी और बेरूत शहर के कईं इलाक़ों को भारी नुक़सान हुआ है. 

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यूएन एजेंसी के प्रवक्ता बाबर बलोच ने जिनीवा में बताया, “हमने बचाव टीमों और अन्य मानवीय साझीदार संगठनों के साथ काम करना जारी रखा है ताकि पीड़ितों की शिनाख़्त हो सके और अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों को सहारा मुहैया करा रहे हैं.”

ग़ौरतलब है कि लेबनान में लगभग दो लाख शरणार्थी रहते हैं जिनमें अधिकाँश सीरिया और फ़लस्तीन से हैं. बाबर बलोच ने पत्रकारों को बताया कि इस विपत्ति से सभी लोग प्रभावित हुए हैं.

लाखों लोग बेघर

एक अनुमान के मुताबिक इस विस्फोट में पाँच हज़ार से ज़्यादा लोग ज़ख़्मी हुए हैं जबकि लाखों लोगों के घर को नुक़सान पहुँचा है.

मानवीय राहत मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय (UNOCHA) के अनुसार 55 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की त्वरित समीक्षा की गई है जो दर्शाती है कि लगभग 40 फ़ीसदी केंद्रों को मध्यम से गम्भीर क्षति पहुँची है. आधे से भी कम स्वास्थ्य केंद्रों पर नियमित स्वास्थ्य सेवाएँ सुचारू रूप से चल पा रही हैं. 

यूएन एजेंसी के उपप्रवक्ता येन्स लार्क ने बताया, “हज़ारों प्रभावितों को, जिनमें से अनेक अब बेघर हैं, विस्फोट के बाद भोजन की सहायता की आवश्यकता है.”

“चिन्ता जताई गई है कि बेरूत बन्दरगाह को हुई क्षति से खाद्य असुरक्षा और गहरा जाएगी, जोकि पहले ही लेबनान में सामाजिक-आर्थिक संकट और कोविड-19 से ख़राब थी.”

बेरूत के सबसे अधिक प्रभावित इलाक़ों में घर-घर जाकर ज़रूरतों की समीक्षा का काम चल रहा है, वहीं राहत सामग्री का वितरण रविवार को शुरू हो गया था.   

इसके अलावा मातृत्व स्वास्थ्य सम्बन्धी मदद को सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं. यूएन एजेंसी का अनुमान है कि आने वाले दिनों में लगभग 400 बच्चों का जन्म होने की सम्भावना है जिसके लिए पर्याप्त सेवाओँ की व्यवस्था करनी होगी. 

राहत अभियान तेज़

इस विस्फोट में हताहत होने वाले बच्चों की सही संख्या का अभी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन कम से कम तीन बच्चों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष के मुताबिक 31 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

राहत संगठनों से मिली जानकारी के अनुसार लगभक एक हज़ार बच्चे घायल हुए हैं. 

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ऐहतियात के लिए यूनीसेफ़ की ओर से घायलों को टिटनैस के इंजेक्शन दिए जा रहे हैं और बन्दरगार पर काम में जुटे कर्मचारियों, पहली पाँत में खड़े राहतकर्मियों और पीड़ितों तक पीने के पानी सहित अन्य सेवाओं को पहुँचाया जा रहा है.

कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए निजी बचाव सामग्री, जैसेकि मास्क, दस्तानों व अन्य उपकरणों को लेबनान भेजा गया है और उनके वहाँ बुधवार तक पहुँचने की सम्भावना है.

यूएन एजेंसी ने 300 युवा स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं को संगठित किया है जो साफ़-सफ़ाई, खाना पकाने, जल वितरण करने और घरों व दुकानों की मरम्मत के काम में मदद कर रहे हैं. 

उधर संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवँ सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने चेतावनी जारी की है कि विस्फोट से शिक्षा सत्र की शुरुआत में व्यवधान आने का जोखिम है.

बेरूत और आसपास के इलाक़ों में लगभग 70 सार्वजनिक स्कूलों व 50 निजी स्कूलों को आंशिक या पूर्ण रूप से नुक़सान पहुँचा है और 55 हज़ार से ज़्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं. 

यूनेस्कों ने साझीदार संगठनों के साथ मिलकर क्षतिग्रस्त स्कूलों की मरम्मत कराने और पुनर्बहाली सुनिश्चित करने की बात कही है. साथ ही कोविड-19 महामारी से बचाव के ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र घर बैठकर ऑनलाइन पढ़ाई के लिए शिक्षा मंत्रालय को तकनीकी व वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.