लेबनान: भीषण विस्फोट के पीड़ितों के लिये मानवीय सहायता के संगठित प्रयास

लेबनान की राजधानी बेरूत के बन्दरगाह में भीषण विस्फोट से हुई तबाही की व्यापकता जैसे-जैसे स्पष्ट हो रही है, प्रभावितों तक मदद पहुँचाने के प्रयास भी तेज़ हो रहे हैं. संकट की इस घड़ी में लेबनान में स्वास्थ्य सुविधाओं की क्षमता मज़बूत करने के उद्देश्य से 20 टन मेडिकल सामग्री व आपूर्ति से भरा विमान बेरूत पहुँचा है. लेबनान में मानवीय राहत समन्वयक व यूएन प्रतिनिधि ने कहा है कि इस तबाही से उबरने के लिये लेबनान को वैश्विक समर्थन की ज़रूरत है.
लेबनान में यूएन की प्रतिनिधि नजत रोश्दी ने यूएन महासचिव के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि उन्होंने मानवीय राहत कोष से 90 लाख डॉलर की सहायता राशि जारी की है.
The @UN is supporting the Gov & people of Lebanon following Tuesday's horrific explosion.Medical supplies are being delivered, search & rescue teams are on the ground & psychological support provided to families.Our hearts remain with #Beirut. https://t.co/LgdvupFwKC pic.twitter.com/EBxXF12Dkd
antonioguterres
“लेबनान में हाल ही में हुई विनाशकारी घटना के कारण नई चुनौतियों के उभरने के साथ संयुक्त राष्ट्र और साझीदार संगठन देश की की जनता तक तत्काल मानवीय सहायता पहुँचाने के लिये संगठित हो रहे हैं और इस त्रासदी में सरकारी कार्रवाई में मदद कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि लोगों ने ज़रूरतमन्द लोगों की सहायता करने के लिये जिस तरह से एकजुटता व दयाभाव का प्रदर्शन किया है वह मन को छू लेने वाला है.
यूएन अधिकारी ने लेबनान के मानवीय राहत कोष से 90 लाख डॉलर की रक़म उपलब्ध कराने की बात कही है और संयुक्त राष्ट्र मानवीय राहत समन्वयक मार्क लोकॉक भी केंद्रीय आपात कार्रवाई कोष (CERF) से अतिरिक्त धनराशि मुहैया कराएँगे.
वित्तीय मदद से तात्कालिक ज़रूरतें पूरी करने, मौजूदा अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने, गहन देखभाल सेवाओं का दायरा बढ़ाने और वेण्टिलेटर व दवाओं सहित अन्य ज़रूरी मेडिकल सामग्री का इन्तज़ाम करना सम्भव होगा.
इस क्रम में लेबनान में ग़ैरसरकारी संगठनों व यूएन एजेंसियों की एक बैठक बुलाई गई है ताकि मानवीय सहायता ज़रूरतों की समीक्षा और आने वाले दिनों के लिये रणनीति बनाई जा सके.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के मुताबिक बेरूत में हुए विस्फोट से लगभग तीन लाख लोग विस्थापित हुए हैं जिनमें 80 हज़ार बच्चे हैं. यूएन एजेंसी का कहना है कि प्रभावित परिवारों तक जल्द सहायता पहुँचाने की ज़रूरत है.
इस विस्फोट में अब तक 140 लोगों की मौत होने, पाँच हज़ार लोगों के घायल होने की ख़बरें हैं जबकि सैकड़ों अन्य लोग अब भी लापता बताए गए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि विस्फोट से शहर के तीन अस्पतालों में काम बुरी तरह ठप हो गया है जबकि दो अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों को भारी क्षति पहुँची है. बताया गया है कि अस्पतालों में लगभग 500 बिस्तर इस आपदा से प्रभावित हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र के उपप्रवक्ता फ़रहान हक़ ने पत्रकारों को बताया कि लेबनान के स्वास्थ्य मन्त्रालय के सहयोग से स्वास्थ्य सैक्टर में मौजूदा क्षमताओं, ज़रूरतों व कमियों का आकलन किया जा रहा है.
स्वास्थ्य संगठनों ने मेडिकल उपकरण व अन्य सामान जुटाने शुरू कर दिये हैं, और यूएन एजेंसी एक हज़ार से ज़्यादा घायलों के उपचार के लिये मदद दे रही है.
लेबनान पहले से ही नागरिक असन्तोष, आर्थिक संकट, बड़ी संख्या में शरणार्थियों की मौजूदगी के अलावा कोविड-19 का सामना कर रहा है, और मंगलवार को हुए भीषण विस्फोट ने हालात को और भी जटिल बना दिया है.
इस सन्दर्भ में लेबनान में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि इमान शानकिती ने ज़ोर देकर कहा है कि कोविड-19 के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई में कोताही नहीं बरतनी होगी और सबसे ज़रूरतमन्दों व निर्बलों को सहायता सुनिश्चित करनी होगी.
हालात के मद्देनज़र विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपात और मानवीय राहत ज़रूरतों को पूरा करने के लिये तत्काल डेढ़ करोड़ डॉलर की अपील जारी की है.
यूएन एजेंसी के मुताबिक धनराशि उपलब्ध होने से कोविड-19 के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई को भी जारी रखने में मदद मिल सकेगी.
डॉक्टर इमान शनकिती ने बताया कि पहले से बोझ सम्भाल रहे अस्पतालों व स्वास्थ्यकर्मियों की क्षमता, दवाओं व मेडिकल सामग्री की क़िल्लत के बारे में ख़ासतौर पर चिन्ता है.
इसके अलावा रासायनिक धुएँ का लोगों पर दुष्प्रभाव पड़ने की भी आशंका जताई गई है, विशेषत: उन लोगों पर, जो पहले से ही बीमार हैं.
बेरूत अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा यात्रियों और सामान ढुलाई विमानों के लिए खुला है लेकिन बेरूत के बन्दरगाह को फ़िलहाल बन्द कर दिया है जो विस्फोट से तबाह हो गया था.
यह बन्दरगाह देश के लिये ज़रूरी सामान की आपूर्ति, दवाओं की जीवनरेखा होने के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों का भी केन्द्र था.
यूएन प्रवक्ता फ़रहान हक़ ने कहा कि बन्दरगाह बन्द होने के बाद अब संयुक्त राष्ट्र और साझीदार संगठन राहत अभियान जारी रखने के लिये नए नैटवर्कों की तलाश कर रहे हैं.
इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के अन्तरिम बल (UNIFIL) ने बताया है कि उसकी टास्क फ़ोर्स के जहाज़ को पहुँची क्षति का आकलन किया जा रहा है.
इस विस्फोट में घायल हुए बांग्लादेश के शान्तिरक्षकों के साथ यूएन मिशन के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुलाक़ात की है.
बांग्लादेश के कुल 23 शान्तिरक्षकों को अस्पताल में दाखिल कराया गया था जिनमें से 18 को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है जबकि दो शान्तिरक्षकों की हालत गम्भीर लेकिन स्थिर बनी हुई है.