सीरिया में ग़रीबी और ज़रूरतों का बढ़ता दायरा

हिंसा प्रभावित सीरिया में मानवीय सहायता अभियान के ज़रिये एक महीने में 68 लाख लोगों तक राहत सामग्री पहुँचाई जा रही है लेकिन बदहाल आर्थिक हालात से ग़रीबी गहरी हो रही है जिससे देश में ज़रूरतमन्दों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मानवीय राहत मामलों में समन्वय के लिये संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNOCHA) के प्रमुख मार्क लोकॉक ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को देश में हालात से अवगत कराते हुए यह जानकारी दी है.
सुरक्षा परिषद ने 11 जुलाई को एक निर्णय लिया था जिसके बाद अब एक सीमा क्रॉसिंग के ज़रिये ही तुर्की से में भोजन, दवाएँ और अन्य प्रकार की सहायता सामग्री पुहँचाई जा सकती है.
We’re helping millions of people in #Syria, thanks to donors. But more and more people need humanitarian aid. Food is unaffordable, children are out of school, civilians are still being killed+ #COVID19 looms. My statement to the Security Council today: https://t.co/PmnYMJVI4m pic.twitter.com/aUQ81V9cgG
UNReliefChief
यूएन अधिकारी मार्क लोकॉक ने कहा कि सुरक्षा परिषद के इस निर्णय के बाद संयुक्त राष्ट्र और साझीदार संगठनों के लिये नई चुनौतियाँ पैदा हुई हैं.
यूएन सीरिया में वैश्विक महामारी कोविड-19 के फैलाव पर क़ाबू पाने के प्रयासों में भी जुटा है जहाँ संक्रमित जन की संख्या सैकड़ों में है लेकिन वास्तविक आँकड़ा इससे कहीं ज़्यादा हो सकता है.
सीरिया में वर्ष 2011 में हिंसक संघर्ष शुरू हुआ था जिसके बाद से अब तक देश अस्थिरता और हिंसा से जूझ रहा है.
मानवीय राहत मामलों के प्रमुख ने सुरक्षा परिषद को बताया कि पिछले एक दशक से चले आ रहे संघर्ष से देश की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है और बेहद गम्भीर हालात में पहुँच गई है.
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के सात फ़ीसदी से ज़्यादा सिकुड़ने का ख़तरा है, बेरोज़गारी 50 फ़ीसदी के पास है जबकि 2019 में यह आँकड़ा 42 प्रतिशत था.
जून 2019 के मुक़ाबले खाद्य पदार्थों की क़ीमत में 240 प्रतिशत का उछाल आया है.
“इसका अर्थ यह है कि पूरे देश में परिवार अपनी बुनियादी ज़रूरतें पूरी नहीं कर पा रहे हैं.”
उन्होंने बताया कि सीरिया में 93 लाख से ज़्यादा लोग खाद्य असुरक्षा का शिकार हैं और 20 लाख लोगों पर इसका जोखिम मंडरा रहा है.
आम नागरिकों की सुरक्षा व गरिमा के मुद्दे पर मार्क लोकॉक ने कहा कि पश्चिमोत्तर सीरिया में यदाकदा गोलाबारी, हवाई कार्रवाई और बम हमलों के बावजूद युद्धविराम का काफ़ी हद तक पालन हो रहा है.
इस सम्बन्ध में मार्च महीने में रूस और तुर्की के बीच सहमति बनी थी.
सीरिया में अन्य स्थानों पर नियमित मानवीय राहत के अभाव में जॉर्डन की सीमा के पास रुकबान में 12 लाख आम लोग विकट हालात में जीवन गुज़ार रहे हैं.
साथ ही उन्होंने चिन्ता जताई है कि दक्षिणी शहर डराआ में हिंसा में तेज़ी आ रही है.
मार्क लोकॉक ने कहा है कि सीरिया में मानवीय राहत योजना के लिये इस वर्ष तीन अरब 40 करोड़ डॉलर की रक़म की ज़रूरत है और अब तक इसके लिये 32 फ़ीसदी धनराशि का इन्तेज़ाम हो गया है.
लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया है कि इसके अलावा कोविड-19 जवाबी कार्रवाई के तहत 38 करोड़ डॉलर की धनराशि की आवश्यकता होगी.