वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

कोविड-19: अस्थाई बुनियादी आय से ‘संक्रमितों की संख्या में कमी लाना सम्भव’ 

दक्षिण सूडान के जूबेक प्रांत में खेतों में काम करती महिलाएँ. विश्व खाद्य कार्यक्रम यहाँ टिकाऊ कृषि को बढ़ावा दे रहा है.
WFP/Giulio d'Adamo
दक्षिण सूडान के जूबेक प्रांत में खेतों में काम करती महिलाएँ. विश्व खाद्य कार्यक्रम यहाँ टिकाऊ कृषि को बढ़ावा दे रहा है.

कोविड-19: अस्थाई बुनियादी आय से ‘संक्रमितों की संख्या में कमी लाना सम्भव’ 

आर्थिक विकास

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि विश्व के निर्धनतम लोगों को अस्थाई रूप से बुनियादी आय (Temporary basic income) मुहैया कराने से विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 संक्रमण मामलों में आ रही तेज़ी को कम किया जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक बुनियादी आय का इन्तज़ाम होने से लगभग तीन अरब लोगों को रोज़गार की तलाश में घर से बाहर नहीं जाना पड़ेगा जिससे उनके संक्रमित होने का ख़तरा कम होगा.    

कोविड-19 के कारण मौजूदा वैश्विक व राष्ट्रीय विषमताएँ और ज़्यादा गहरी हुई हैं, व निर्बल समुदायों के लिये हालात और भी विकट हो गए हैं. 

वर्ष 2020 में 10 करोड़ से ज़्यादा लोगों के चरम ग़रीबी का शिकार बनने की आशंका है. एक अरब 40 करोड़ बच्चे स्कूल बन्द होने से प्रभावित हुए हैं, बेरोज़गारी चरम पर है और लोगों की आजीविका के साधन ख़त्म हो गए हैं. 

Tweet URL

गुरुवार को जारी रिपोर्ट, Temporary Basic Income: Protecting Poor and Vulnerable People in Developing Countries, में अनुमान लगाया गया है कि ग़रीबी रेखा से नीचे या ठीक ऊपर रहने वाले लोगों को समयबद्ध ढँग से बुनियादी आय की गारण्टी देने के लिए हर महीने 199 अरब डॉलर की धनराशि की आवश्यकता होगी.

बुनियादी आय को सम्भव बनाने से 132 विकासशील देशों में दो अरब 70 करोड़ लोगों को राहत मिलेगी. 

यूएनडीपी के प्रशासक एखिम श्टाईनर ने कहा, “अभूतपूर्व वक़्त में अभूतपूर्व सामाजिक और आर्थिक उपायों की ज़रूरत होती है. अस्थाई बुनियादी आय के ज़रिये दुनिया के निर्धनतम लोगों के लिए एक विकल्प उभरा है. कुछ महीने पहले यह असम्भव प्रतीत हुआ होगा.”

रिपोर्ट के मुताबिक इन उपायों की तत्काल आवश्यकता है और इन्हें लागू करना मुश्किल नहीं होगा.

हर हफ़्ते कोरोनावायरस के संक्रमण के 15 लाख से ज़्यादा नए मामलों का पता चल रहा है जिनमें अधिकाँश लोग विकासशील देशों से हैं, जहाँ हर 10 में से सात कामगार अनौपचारिक बाज़ारों के ज़रिये अपनी आजीविका कमाते हैं और उनके लिये घर बैठकर धन कमाना सम्भव नहीं है.

कोविड-19 से उपजे हालात से प्रभावितों में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जो सामाजिक बीमा कार्यक्रमों के दायरे से बाहर हैं. इनमें अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत कामगार, कम वेतन पाने वाले लोग, महिलाएँ, युवा, शरणार्थी व प्रवासी और विकलाँग भी हैं जिनपर इस संकट का सबसे अधिक असर हुआ है. 

यूएन एजेंसी ने पिछले कुछ महीनों में 60 से ज़्यादा देशों में कोविड-19 के सामाजिक-आर्थिक प्रभावों का अध्ययन किया है और तथ्य दर्शाते हैं कि सामाजिक संरक्षा के दायरे से बाहर रह गए लोग आय के बिना केवल घरों तक सीमित नहीं रह सकते. 

एक बुनियादी आय अस्थाई रूप से दिये जाने से उनके पास खाने-पीने का इन्तज़ाम करने के साथ-साथ स्वास्थ्य व शिक्षा सम्बन्धी ख़र्च उठा पाना भी सम्भव होगा. 

धनराशि का इन्तज़ाम

अध्ययन के मुताबिक ऐसे प्रावधानों का इन्तज़ाम करने में वित्तीय रूकावट नहीं आनी चाहिये: छह महीने के लिये अस्थाई बुनियादी आय का इन्तज़ाम करने के लिये कोविड-19 पर जवाबी कार्रवाई के प्रयासों में अपेक्षित कुल वित्तीय रक़म के 12 फ़ीसदी की ज़रूरत होगी. 

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि अस्थाई बुनियादी आय के लिये इस साल क़र्ज़ अदायगी में इस्तेमाल होने वाली धनराशि का उपयोग किया जा सकता है.

आँकड़ों के मुताबिक विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाएँ इस वर्ष क़र्ज़ अदागयगी में तीन ट्रिलियन डॉलर की रक़म ख़र्च करेंगी. 

इस अदायगी पर इस वर्ष व्यापक रूप से विराम लगाने से देशों को इस धनराशि का इस्तेमाल आपात उपायों के लिये कर पाने में आसानी होगी, ताकि कोविड-19 की चुनौतियों से निपटा जा सके. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने भी हाल ही में इस समाधान की पुकार लगाई थी.  

ये भी पढ़ें - बढ़ती विषमता से निपटने के लिये सार्वभौमिक बुनियादी आय की पुकार

कुछ देशों ने पहले ही अस्थाई बुनियादी आय की दिशा में क़दम उठाए हैं. उदाहरण के तौर पर, टोगो सरकार ने देश की आबादी के 12 फ़ीसदी हिस्से को नक़दी हस्तान्तरण कार्यक्रम के तहत मासिक एक करोड़ 90 लाख डॉलर की राहत प्रदान की है. 

स्पेन ने साढ़े आठ लाख निर्बल परिवारों और 23 लाख लोगों की न्यूनतम ज़रूरतों को पूरा करने के इरादे से 25 करोड़ यूरो का मासिक बजट मंज़ूर किया है. 

लेकिन महामारी से उपजे आर्थिक संकट से प्रभावी ढँग से निपटने के लिये अस्थाई बुनियादी आय कोई चमत्कारिक समाधान नहीं है.  

रोज़गारों की रक्षा करना, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को सहारा प्रदान करना, व डिजिटल समाधानों के ज़रिये ज़रूरतमन्दों की शिनाख़्त करना और उन तक पहुँचना भी अहम होगा.