कोविड-19: पर्यटन सैक्टर की बेहतर पुनर्बहाली के लिये सिफ़ारिशें पेश
विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 से पर्यटन सैक्टर पर भारी असर हुआ है और 10 करोड़ से ज़्यादा लोगों के रोज़गारों के पर संकट मँडरा रहा है. कोरोनावायरस संकट से बेहतर ढँग से उबरने के लिये संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने नई सिफ़ारिशें जारी की हैं जिनमें पर्यटन क्षेत्र की मज़बूत पुनर्बहाली के लिये प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ाई को तेज़ी से आगे बढ़ाना होगा.
अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा माना जाने वाला पर्यटन क्षेत्र वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का दस फ़ीसदी है और करोड़ों लोगों के लिये आजीविका का साधन है. लेकिन कोविड-19 के कारण आवाजाही और यात्राओं पर पाबन्दियों के कारण पर्यटन सैक्टर पर भारी असर हुआ है.
महामारी के कारण वर्ष 2020 में अन्तरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में 58-78 फ़ीसदी तक की कमी होने का अनुमान है जिससे 10-12 करोड़ लोगों के प्रत्यक्ष रोज़गारों पर संकट मँडरा रहा है.
Global Tourism Plastics Initiative releases🔑recommendations for the tourism sector to continue fighting plastic pollution, while maintaining public health & hygiene in the face of the pandemic📖more from us, @UNWTO & @circulareconomy#CircularEconomyhttps://t.co/TMuEfBg6iR
UNEP
प्लास्टिक प्रदूषण पर कार्रवाई सम्बन्धी ये अनुशंसाएँ ‘वैश्विक पर्यटन प्लास्टिक पहल’ (Global Tourism Plastics Initiative) के तहत बुधवार को पेश की गईं जिसका नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO), Ellen MacArthur Foundation के सहयोग से मिलकर कर रहे हैं.
इस पहल के ज़रिये प्लास्टिक प्रदूषण की बुनियादी वजहों से निपटने के लिये पर्यटन सैक्टर को साझा रूप से एकजुट करने के प्रयास किये जा रहे हैं.
यूएन पर्यावरण एजेंसी की आर्थिक शाखा की निदेशक लिजिया नोरोन्हा ने बताया कि दस्ताने, मास्क, हैण्ड सैनिटाइज़र की बोतलों जैसे प्लास्टिक उत्पादों का सही ढँग से निस्तारण नहीं किये जाने से मुख्य पर्यटन स्थलों के आसपास पर्यावरण प्रदूषित हो जाएगा.
“हमें विज्ञान पर आधारित तरीक़ अपनाने और सरकारों, व्यवसायों व स्थानीय समुदायों को समर्थन देने की ज़रूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम साफ़-सफ़ाई और स्वास्थ्य की रक्षा के लिये सबसे असरदार उपाय कर रहे हैं, प्रदूषण फैलाए बिना और प्राकृतिक पर्यावरण को हानि पहुँचाए बिना.”
पर्यटन सैक्टर ने कोविड-19 के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई में स्वास्थ्य और साफ़-सफ़ाई पर मज़बूती से ध्यान केन्द्रित किया है लेकिन समुचित प्रबन्धन के अभाव में उनका पर्यावरण पर हानिकारक असर हो सकता है, जैसेकि अतिरिक्त कचरा उत्पादन, जल खपत में बढ़ोत्तरी और रसायनों के इस्तेमाल से होने वाला प्रदूषण.
ये सिफ़ारिशें पर्यटन सैक्टर में पक्षकारों के लिये पेश की गई हैं ताकि कोरोनावायरस संकट से उबरने के दौरान भी सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के साथ-साथ प्लास्टिक प्रदूषण के ख़िलाफ़ लड़ाई जारी रखी जा सके.
सिफ़ारिशें दर्शाती हैं कि प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने, आपूर्तिकर्ताओं के साथ सम्पर्क बढ़ाने, कचरा प्रबन्धन सेवा प्रदाताओं के साथ नज़दीकी स्तर पर काम करने और कार्रवाई में पारदर्शिता बरते जाने से किस तरह पर्यटन सैक्टर में ज़िम्मेदार ढँग से पुनर्बहाली में योगदान दिया जा सकता है.
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इस सम्बन्ध में कार्रवाई के लिये महामारी के दौरान और उसके बाद भी साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता बरते जाने और स्टाफ़ व अतिथियों के साथ पारदर्शी संवाद की अहमियत को भी रेखांकित किया गया है.
यूएन एजेंसियों द्वारा निम्न पाँच सिफ़ारिशें जारी की गईं हैं:
- अनावश्यक प्लास्टिक पैकेजिंग और वस्तुओं के इस्तेमाल में कमी लाई जाए ताकि बार-बार छूने से सतहों के दूषित होने से बचा जा सके
- साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिये ऐसे कारगर तरीक़े कसित किये जाएँ जिनसे फिर इस्तेमाल किये जाने के मानकों को प्रोत्साहन मिले
- प्लास्टिक के उन पैकेजों और वस्तुओं के इस्तेमाल की समीक्षा की जाए जिन्हें चलन से हटाना मुश्किल है; लेकिन नियमित तौर पर उनकी रीसायक्लिंग की सम्भावनाएँ तलाश की जाएँ
- आपूर्तिकर्ताओं, कचरा प्रबन्धन सेवा प्रदाताओं और स्थानीय निकायों के साथ सम्पर्क स्थापित किया जाए ताकि कार्रवाई और आपसी समन्वय को ज़्यादा सुदृढ़ बनाया जाए
- स्टाफ़ व अतिथियों के साथ खुले व पारदर्शी संवाद पर ज़ोर दिया जाए.