म्याँमार में स्वतन्त्र व निष्पक्ष चुनाव की माँग

म्याँमार में मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के नए स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञ थॉमस एन्ड्रयूज़ ने कहा है कि देश में इस वर्ष नवम्बर में होने वाले चुनावों की निष्पक्षता और स्वतन्त्रता सुनिश्चित की जानी होगी.
बुधवार को मानवाधिकार परिषद के सत्र में विशेष रैपोर्टेयर थॉमस एन्ड्रयूज़ ने कहा कि म्याँमार की जनता निष्पक्ष चुनावों की हक़दार है और यह ज़रूरी है कि नस्ल, जातीयता, धर्म की परवाह किये बिना वोट के अधिकार का सम्मान किया जाए.
🇲🇲 #Myanmar: New UN Special Rapporteur Thomas Andrews questions whether this year’s elections scheduled for November will be free and fair.Political reform began in Myanmar 10 years ago after nearly 50 years of military rule.👉 https://t.co/Kurx23wzUG pic.twitter.com/9LHrqYUFFz
UN_SPExperts
साथ ही अभिव्यक्ति की आज़ादी, सूचना पाने, आज़ाद मीडिया और शान्तिपूर्ण ढँग से एकत्र होने के अधिकारों का भी सम्मान हो.
स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने कहा कि हिंसा प्रभावित इलाक़ों में लोगों की चुनाव में भागीदारी को सम्भव बनाने के लिये ज़रूरी क़दम उठाए जाने होंगे.
ग़ौरतलब है कि म्याँमार में लगभग पाँच दशकों के सैन्य शासन के बाद 10 वर्ष पहले राजनैतिक सुधारों की प्रक्रिया शुरू हुई थी.
विशेष रैपोर्टेयर एन्ड्रयूज़ ने अपने बयान में कहा कि आज सवाल यह है कि क्या देश में सुधार आगे भी जारी रहेंगे.
“क्या सेना राष्ट्र की सेवा के सिद्धान्त पर काम करेगी यानि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के ज़रिये स्थानीय लोगों के प्रति जवाबदेह होगी – या फिर वो नागरिक सरकार के अधिकारों और जवाबदेही की पहुँच से दूर रहेगी.”
उन्होंने राखीन प्रान्त में हिंसा तेज़ होने पर चिन्ता जताई है. लाखों रोहिंज्या शरणार्थी राखीन से विस्थापित होने के बाद बदतर हालात में शरणार्थी शिविरों में रहने के लिये मजबूर हैं जहाँ उनके पास ना तो बुनियादी अधिकार हैं और ना ही आवाजाही की आज़ादी. राखीन से अन्य लोगों को भी विस्थापित होना पड़ा है.
विशेष रैपोर्टेयर ने कहा कि उनकी पहली ज़िम्मेदारी उन लोगों के बारे में सोचना है जिनके मानवाधिकारों पर ख़तरा मंडरा रहा है. उन्होंने मानवाधिकारों के मुद्दे पर म्याँमार की सरकार के साथ सम्पर्क साधने और सरकार के पक्ष को सुनने का संकल्प लिया है.
साथ ही उन्होंने म्याँमार की सेना से महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की वैश्विक युद्धविराम की अपील पर अमल करने की पुकार लगाई है.
स्वतन्त्र विशेषज्ञ ने म्याँमार सरकार को मौजूदा अन्तरराष्ट्रीय न्यायिक तन्त्र के साथ सहयोग करने के लिये प्रोत्साहित किया है.
इनमें अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ), अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) और म्याँमार के लिए स्वतन्त्र जाँच-पड़ताल प्रणाली (Independent Investigative Mechanism for Myanmar) है ताकि कथित अन्तरराष्ट्रीय अपराधों की जवाबदेही तय की जा सके.
स्पेशल रैपोर्टेयर और वर्किंग ग्रुप संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की विशेष प्रक्रिया का हिस्सा हैं. ये विशेष प्रक्रिया संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार व्यवस्था में सबसे बड़ी स्वतन्त्र संस्था है. ये दरअसल परिषद की स्वतन्त्र जाँच निगरानी प्रणाली है जो किसी ख़ास देश में किसी विशेष स्थिति या दुनिया भर में कुछ प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करती है. स्पेशल रैपोर्टेयर स्वैच्छिक रूप से काम करते हैं; वो संयक्त राष्ट्र के कर्मचारी नहीं होते हैं और उन्हें उनके काम के लिए कोई वेतन नहीं मिलता है. ये रैपोर्टेयर किसी सरकार या संगठन से स्वतन्त्र होते हैं और वो अपनी निजी हैसियत में काम करते हैं.