सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पारित – सीरिया को मदद की अवधि बढ़ी
तुर्की से सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में मानवीय राहत पहुँचाने की व्यवस्था जारी रखने के लिए एक अहम प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में शनिवार को पारित किया गया है. प्रस्ताव 2533 के ज़रिये बाब अल-हावा सीमा चौकी से होकर अगले एक वर्ष तक भोजन, दवाएँ और अन्य जीवनरक्षक सामग्री ज़रूरतमन्दों तक भेजी जानी सम्भव हो सकेगी. मानवीय राहत पहुँचाने के लिए बाब अल-हावा एक अहम पड़ाव है जहाँ से इदलिब तक सहायता सामग्री पहुँचाई जा सकती है.
सुरक्षा परिषद से सीमा-पार से राहत वितरण के लिए अनुमति लम्बी वार्ता के बाद इस वर्ष जनवरी में मिली थी लेकिन उसकी समय सीमा शुक्रवार, 10 जुलाई, को समाप्त हो गई थी. जीवनरक्षक मदद जारी रखने के लिए प्रस्ताव पारित किये जाने के प्रयास इससे पहले इस सप्ताह विफल हो गए थे.
शनिवार को पारित प्रस्ताव का मसौदा जर्मनी और बेल्जियम ने साझा रूप से तैयार किया था. जर्मनी के विदेश मन्त्री हायको माश ने मानवीय सहायता जारी रखने की समयसीमा बढ़ाए जाने पर राहत ज़ाहिर की है.
“यह सीरिया में लाखों लोगों के लिए अच्छी ख़बर है कि सुरक्षा परिषद में अन्तत: हमारे समझौते के प्रस्ताव पर सहमति बन गई.”
इस प्रस्ताव के पक्ष में सुरक्षा परिषद के 12 सदस्यों – जर्मनी, बेल्जियम, एस्टोनिया, फ़्राँस, इण्डोनेशिया, निजेर, सेंट विन्सेसेण्ट एण्ड द ग्रेनेडाइन्स, दक्षिण अफ़्रीका, ट्यूनीशिया, ब्रिटेन, अमेरिका और वियतनाम - ने मतदान किया. चीन, डोमिनिकन गणराज्य व रूस मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे.
जर्मन विदेश मंत्री ने वोटिंग के तुरन्त बाद अपने बयान में कहा कि मानवीय ज़रूरतों और ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे राहतकर्मियों की माँग को ध्यान में रखकर ही सुरक्षा परिषद में इस मुद्दे पर चर्चा हुई.
उन्होंने बताया कि प्रस्ताव अन्तत: एक समझौते के रूप में पेश किया गया ताकि मानवीय राहत जारी रखने की इस व्यवस्था को बचाया जा सके.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सुरक्षा परिषद में मतदान के बाद अपने बयान में कहा कि मानवीय राहत जारी रखने की अनुमति मिलने से पश्चिमोत्तर इलाक़ों में अगले साल जुलाई महीने तक 28 लाख ज़रूरतमन्दों तक मदद सामग्री पहुँचाना सुनिश्चित किया जा सकेगा.
सीरिया में हिंसा व अस्थिरता से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए मानवीय सहायता जीवनरेखा के समान है.
यूएन प्रमुख ने हिंसा में शामिल सभी पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अनुरूप प्रभावित लोगों तक मानवीय राहत पहुँचाने का रास्ता खुला रखने की अपील दोहराई है.
इससे पहले सुरक्षा परिषद के लिए अपनी ताज़ा रिपोर्ट में यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा था कि बाब अल-सलाम और बाब अल-हावा से होकर गुज़रने वाली मानवीय राहत अपने रिकॉर्ड स्तर पर संचालित हो रही है और वैश्विक महामारी कोविड-19 से उपजे हालात में इसका दायरा और भी बढ़ाया जाना होगा.
उन्होंने दोनों सीमा चौकियों से मानवीय राहत की अनुमति को 12 महीनों के लिए बढ़ाए जाने की सिफ़ारिश की थी.