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कोविड-19: चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन व बिक्री में धोखाधड़ी बढ़ी

मेडागास्कर में स्वास्थ्यकर्मी लोगों का कोविड-19 परीक्षण करते हुए.
World Bank/Henitsoa Rafalia
मेडागास्कर में स्वास्थ्यकर्मी लोगों का कोविड-19 परीक्षण करते हुए.

कोविड-19: चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन व बिक्री में धोखाधड़ी बढ़ी

क़ानून और अपराध रोकथाम

संयुक्त राष्ट्र के एक ताज़ा अध्ययन में पाया गया है कि दुनिया भर में कोविड-19 महामारी का मुक़ाबला करने के लिये चिकित्सा उपकरणों की बढ़ी माँग के बीच धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं और नक़ली व ख़राब गुणवत्ता वाला सामान बेचने की बहुत कोशिशें की गई हैं. ये रिपोर्ट बुधवार को प्रकाशित की गई है.

मादक पदार्थों और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय (UNODC) की कार्यकारी निदेशक घाडा वॉली का कहना है कि आपराधिक तत्व कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति का ग़ैर-वाजिब फ़ायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं जिससे लोगों का स्वास्थ्य और ज़िन्दगियाँ ख़तरें में पड़ रही हैं.

ये तत्व लोगों के डर व चिन्ताओं और निजी सुरक्षा उपकरणों और दवाओं की बढ़ती माँग को अपने फ़ायदे के लिए इस्तेमाल करने में लगे हैं.

इस अध्ययन रिपोर्ट के निष्कर्ष पत्र में कहा गया है कि कोरोनावायरस के अनगिनत अन्य प्रभावों के अलावा, इस महामारी ने इन उत्पादों के उत्पादन और बिक्री के लिये बनाए गए नियामक व अन्य क़ानूनी ढाँचों में मौजूद कमियों को उजागर कर दिया है.

नाज़ुक हालात का शोषण

इस शोध अध्ययन में पाया गया है कि आपराधिक गुट कोरोनावायरस से जुड़ी अनिश्चितताओं और देशों की राष्ट्रीय नियम-क़ानून प्रणालियों में मौजूद ख़ामियों – दोनों का ही इस्तेमाल या शोषण अपने फ़ायदे के लिए करने में लगे हुए हैं.

यूएन एजेंसी के मुखिया ने कहा, “देशों की सीमाओं के दायरों से परे सक्रिय आपराधिक गुट देशों की नियामक और क़ानूनी प्रणालियों में मौजूद ख़ामियों का फ़ायदा अपने हित में उठाकर ख़राब व नक़ली चिकित्सा उत्पाद बेचने में लगे हैं.”

नक़ली या ख़राब चिकित्सा उपकरण बेचने के कारण लोगों के स्वास्थ्य के लिये गम्भीर ख़तरा पैदा होता है क्योंकि ये उपकरण बीमारी का सही इलाज नहीं कर सकते और दवाओं के असर को भी कम करने की स्थिति पैदाना सकते हैं.

आपराधिक गुटों ने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति नाज़ुक हालात का ग़ैर-वाजिब फ़ायदा उठाने के लिए स्वास्थ्य व आपराधिक न्याय प्रणालियों में मौजूद ख़ामियों का शोषण करने के वास्ते नए तरीक़े अपनाने में भी बहुत तेज़ी दिखाई है.

सबूतों से मालूम होता है कि नक़ली और ख़राब चिकित्सा उपकरण बनाने और उनकी बिक्री व आपूर्ति करने वाली कम्पनियों ने ऐसी धोखाधड़ी व घोटाले वायरस के फैलाव के साथ-साथ तेज़ किये हैं.

ऐसे ही एक मामले में जर्मनी के स्वास्थ्य अधिकारियों ने डेढ़ करोड़ यूरो की क़ीमत वाले फ़ेस मास्क ख़रीदने का एक ठेका स्विटज़रलैण्ड और जर्मनी में दो कम्पनियों को दिया. पता चला कि ये ठेका एक ऐसी फ़र्ज़ी वेबसाइट के ज़रिये दे दिया गया जो स्पेन की एक वैध व सही कम्पनी की नक़ल करके बनाई गई थी.

यूएनओडीसी की कार्यकारी निदेशक घाडा वॉली का कहना है, “हमें लोगों को सुरक्षित रखने के वास्ते जागरूकता बढ़ाने का अभियान चलाना होगा, और ख़ामियों को दूर करने, क़ानून लागू करने व आपराधिक न्याय की क्षमता बढ़ाने के लिये देशों को आपस में और ज़्यादा सहयोग करने के लिये प्रोत्साहित करना होगा.“

तालमेल वाला रास्ता

कोविड-19 महामारी ने डेटा आधारित धोखाधड़ी में आई तेज़ी को भी सामने ला दिया है. इनमें धोखाधड़ी वाले ईमेल व बिज़नैस ईमेल सन्देशों की जैसे बाढ़ आ गई है – ख़रीददारों को मूर्ख बनाने के लिए कॉरपोरेट वेबसाइटों की नक़ल तैयार करने के भी बहुत से मामले दर्ज किये गए हैं.

यूएन एजेंसी के शोध में ये अनुमान भी ज़ाहिर किया गया है कि कोविड-19 महामारी के बदलते स्वरूप के साथ-साथ संगठित आपराधिक गुटों के बर्ताव में भी बदलाव आएगा.

जब इस महामारी की कोई वैक्सीन बना ली जाएगी तो ध्यान निजी बचाव उपकरणों की तस्करी करने के स्थान पर वैक्सीन की तस्करी करने पर केन्द्रित होने की आशंका जताई गई है.

शोध के अनुसार महामारी का मुक़ाबला करने में लगे महत्वपूर्ण ढाँचों पर साइबर हमले जारी रहने का अनुमान है, इनमें स्वास्थ्य उपकरण ख़रीदने वाले प्राधिकरणों पर ऑनलाइन हमले शामिल होने की आशंका जताई गई है.

यूएनओडीसी के इस शोध पत्र में कहा गया है कि क़ानूनी व दण्ड प्रक्रिया को मज़बूत करने और नक़ली व ख़राब चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन व तस्करी के ख़िलाफ़ ज़्यादा एकजुटता व तालमेल बहुत अहम है. क्योंकि निजी रूप में व्यक्तियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थाओं को प्रभावित करने वाले अपराधों का मुक़ाबला करने के लिए एक साझी रणनीति ही कारगर साबित होगी.

साथ ही, चिकित्सा उपकरणों से जुड़े अपराधों को भाँपने, उनकी रोकथाम और उनसे असरदार तरीक़े से निपटने के लिये ये बहुत ज़रूरी है कि चिकित्सा उपकरण उत्पादन क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को नई या अतिरिक्त ट्रेनिंग मुहैया कराई जाए.