कोविड-19 के प्रभावों से उबरने के लिए नई गतिशीलता की दरकार
संयुक्त राष्ट्र की एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के नाटकीय प्रभावों ने हमारे समाजों और व्यवस्थाओं की कमज़ोरियों को बिल्कुल सामने उजागर कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक व सामाजिक परिषद (ईकोसॉक) की अध्यक्ष मोना जुऊल ने मंगलवार को शुरू हुए टिकाऊ विकास पर अन्तरराष्ट्रीय फ़ोरम को सम्बोधित करते हुए कहा कि नकारात्मक प्रभावों से उबरने के लिए बिल्कुल नई गतिशीलता की ज़रूरत है.
मोना जुऊल ने टिकाऊ विकास पर उच्च स्तरीय राजनैतिक फ़ोरम को सम्बोधित करते हुए कहा, “कोविड-19 महामारी वैसे तो मुख्यतः एक स्वास्थ्य आपदा है, मगर ये बहुत जल्द ही दशकों की बहुत ख़राब मानवीय व आर्थिक संकट भी बन गई है.” ये फ़ोरम 16 जुलाई तक चलेगा.
“Our discussions today aim to firmly place the #2030Agenda at the heart of the recovery from the #COVID19 pandemic, as the guidepost to #BuildBackBetter,” says UN DESA head Liu Zhenmin at the opening of the #HLPF ➡️https://t.co/w6cBdOJaIS #SDGs pic.twitter.com/UeTqli34SA
UNDESA
उन्होंने कहा, “इस आपदा ने उन करोड़ों लोगों के लिए स्थिति और भी ज़्यादा ख़राब कर दी है जो पहले से ही ग़रीबी में जी रहे हैं.”
ये उच्चस्तरीय राजनैतिक फ़ोरम ईकोसॉक की अगुआई में देशों को इस आपदा से उबरने में मदद करने के लक्ष्य के साथ सक्रिय है.
इस रणनीति में अनुभव साझा करने, वैश्विक लक्ष्य हासिल करने में दरपेश चुनौतियों का सामना मिलजुलकर करने, महामारी से निपटने के लिये ठोस रणनीतियाँ साझा करने और देशों को 2030 तक अपने संकल्प पूरे करने में मदद करना शामिल हैं.
यूएन शक्तिग्रह
मोना जुऊल का कहना है, मौजूदा संकट के मद्देनज़र “टिकाऊ विकास लक्ष्यों हो हासिल करने में सार्थक प्रगति अब से ज़्यादा तात्कालिक और अहम नहीं हो सकती.”
उन्होंने ये भी अनुरोध किया कि फ़ोरम को ज़्यादा एकजुटता व सहयोग के लिए छलाँग लगाने वाले एक तख़्ते यानि प्रेरणा मंच के रूप में काम करना चाहिये.
इकोसॉक प्रमुख मोना जुऊल ने असाधारण रूप से महत्वाकांक्षी 2030 एजेण्डा की तरफ़ ध्यान दिलाते हुए संयुक्त राष्ट्र को विश्व में परिवर्तनकारी विचारों और वैश्विक समन्वय का एक शक्ति ग्रह क़रार दिया.
अपनी समापन टिप्पणी में उन्होंने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए ये दिखा देने के लिये कहा कि हम लोगों की ज़िन्दगियाँ बेहतर बनाने के लिए प्रेरणादायी कार्रवाई के ज़रिये आगे बढ़ते हुए बेहतर हालात बना सकते हैं.
“हमें ये विशाल कार्य पूरा करने के लिए हर हाथ के योगदान की ज़रूरत है.”
टिकाऊ विकास लक्ष्यों की दरकार
संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक व सामाजिक मामलों के मुखिया लियू झेनमिन ने टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर यूएन प्रमुख की रिपोर्ट पेश करते हुए ध्यान दिलाया कि अब जबकि विश्व इस ऐतिहासिक संकट का सामना कर रहा है तो विकास लक्ष्यों को हासिल किया जाना और भी ज़्यादा अहम व तात्कालिक हो गया है.
उन्होंने कहा, “कोविड-19 महामारी से उबरने के लिए सही मायनों में परिवर्तनकारी आर्थिक बेहतरी के लिये काम करना होगा."
"एक ऐसी आर्थिक बेहतरी जिससे भविष्य में इस तरह के संकटों के जोखिम कम किये जा सकें और जिससे हमें 2030 का विकास एजेण्डा और जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के लक्ष्य हासिल करने का बल मिले.”
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगाँठ के सन्दर्भ में कहा कि इस तरह की महामारी से निपटने के लिये अन्तरराष्ट्रीय सहयोग, एकजुटता और बहुपक्षवाद में बढ़ोत्तरी की ज़रूरत है.