कोविड-19: 'नाज़ुक हालात का फ़ायदा उठाने' से रोकना होगा आतंकी गुटों को

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट (दाएश), अल-क़ायदा, नवनात्ज़ी और श्वेत वर्चस्ववादी समूहों सहित अन्य आतंकवादी गुट वैश्विक महामारी कोविड-19 से उपजे संकट का इस्तेमाल अपने फ़ायदे के लिए करने का प्रयास कर रहे हैं जिसे रोका जाना होगा. सोमवार को उन्होंने आतंकवाद के उभरते नए रूपों, जैसेकि डिजिटल टैक्नॉलॉजी के ग़लत इस्तेमाल, साइबर हमलों और जैविक आतंकवाद के ख़तरे के प्रति आगाह करते हुए जवाबी कार्रवाई के लिए पाँच अहम क्षेत्रों में कार्रवाई का ख़ाका भी पेश किया है.
यूएन प्रमुख ने सोमवार को आतंकवाद-निरोधक सप्ताह के वर्चुअल रूप से आयोजित आरम्भिक सत्र को सम्बोधित किया जिसकी थीम ‘वैश्विक महामारी के सन्दर्भ में रणनीतिक और व्यवहारिक चुनौतियाँ’ रखी गई है.
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय जिस तरह के संकट का सामना कर रहा है वैसा 75 वर्ष पहले संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से अब तक नहीं देखा गया.
💻People are relying more on the Internet to work & stay connected amid #COVID19. Yet technology has inherent vulnerabilities that can be exploited by terrorists.👉Stay tuned for #UNCCTExpo launch tomorrow to learn how #UNCCT is countering #CyberTerrorism. #VirtualCTWeek pic.twitter.com/yS2BluONen
UN_OCT
“कोविड-19 के कारण स्वास्थ्य प्रणालियों, अर्थव्यवस्थाओं और विश्व भर में स्थानीय समुदायों में गम्भीर व्यवधान आया है और हमारी दुनिया की गहरी ख़ामियाँ उभर कर सामने आ गई हैं.”
यूएन प्रमुख ने कहा कि आतंकवाद पर कोविड-19 के असर की समीक्षा कर पाना अभी जल्दबाज़ी होगी.
लेकिन यह स्पष्ट है कि इस्लामिक स्टेट (दाएश), अल-क़ायदा और उसके क्षेत्रीय गुट, नवनात्ज़ी और श्वेत वर्चस्ववादी समूह सहित अन्य गुट विभाजनों, विफलताओं और स्थानीय समस्याओं का अपने फ़ायदे के लिए इस्तेमाल करने का प्रयास कर रहे हैं.
महासचिव ने कहा कि वैश्विक महामारी ने आतंकवाद के उभरते नए रूपों, जैसेकि डिजिटल टैक्नॉलजी के ग़लत इस्तेमाल, साइबर हमलों और जैविक आतंकवाद के ख़तरे के प्रति भी सचेत किया है.
“वायरस की तरह आतंकवाद भी राष्ट्रीय सीमाओं का सम्मान नहीं करता. यह सभी राष्ट्रों को प्रभावित करता है और इसे सामूहिक रूप से ही हराया जा सकता है.”
यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि आतंकवाद का कारगर ढँग से मुक़ाबला करने के लिए बहुपक्षवाद की ताक़त के ज़रिये व्यवहारिक समाधानों की तलाश की जानी होगी.
महासचिव गुटेरेश ने भविष्य में आतंकवाद-निरोधक कार्रवाई के लिए पाँच महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करने की पुकार लगाई है.
- राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर आतंकवाद-निरोधक क्षमताओं में निवेश, विशेषत: ज़रूरतमन्द देशों के लिए
- आतंकवाद के ख़तरों के बदलते रूपों की निरन्तर निगरानी और अभिनव जवाबी कार्रवाई पर ज़ोर
- आतंकवाद के ख़िलाफ़ कार्रवाई में लैंगिक ज़रूरतों का ख़याल और मानवाधिकारों का संरक्षण
- आतंकवादी गुटों द्वारा फैलाई जाने वाली धारणाओं व कपोल-कथाओं के फैलाव को रोकने के लिए समग्र कार्रवाई
- कोविद-19 से उपजे सुरक्षा माहौल में अनुभवों से सबक़ लेने के लिए जानकारी साझा करने की प्रक्रिया को मज़बूत बनाना
महासचिव ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक आतंकवाद-निरोधक फ़्रेमवर्क (Global Counter-Terrorism Coordination Compact Framework) के ज़रिये आपसी समन्वय और सामंजस्य को बेहतर बनाने व सदस्य देशों को तकनीकी सहायता प्रदान करने में मदद मिली है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि सदस्य देशों को क्षमता निर्माण में गुणवत्तापरक सहायता प्रदान करना संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद-निरोधक कार्य का अहम स्तम्भ है.
यूएन प्रमुख ने कहा कि संगठन की स्थापना की 75वीं वर्षगाँठ के अवसर पर आतंकवाद-निरोध प्रयासों की समीक्षा किये जाने और उन्हें मज़बूती प्रदान करने के अवसर को लपकना होगा.
उन्होंने भरोसा दिलाया कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ साझा संघर्ष को आगे बढ़ाने और साझा मूल्यों को बरक़रार रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है.