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कोविड-19 से उबरने के लिए मज़बूत एकजुटता बेहद ज़रूरी - महासचिव

केन्या में बाज़ार में एक व्यक्ति ताज़ा सब्ज़ी खरीद रहा है.
World Bank / Sambrian Mbaabu
केन्या में बाज़ार में एक व्यक्ति ताज़ा सब्ज़ी खरीद रहा है.

कोविड-19 से उबरने के लिए मज़बूत एकजुटता बेहद ज़रूरी - महासचिव

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने आगाह करते हुए कहा है कि 2030 के सतत विकास लक्ष्य का प्रत्येक लक्ष्य कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुआ है. महासचिव की ये चेतावनी मानव और पृथ्वी के लिए एक निष्पक्ष भविष्य की दिशा में हो रही प्रगति के आकलन पर संयुक्त राष्ट्र के एक उच्च स्तरीय फ़ोरम के आयोजन के मौक़े पर आई है.

मंगलवार से औपचारिक रूप से शुरू होने वाला उच्च-स्तरीय राजनीतिक फोरम (HLPF) सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने की दिशा में दुनिया में हुई प्रगति का एक वार्षिक आकलन है.

इस वर्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस फ़ोरम में शिरकत करने वाले प्रतिनिधि दुनिया की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने के तरीक़ों पर चर्चा करेंगे, और ग़रीबी से लेकर जलवायु परिवर्तन, शान्ति व सुरक्षा व लैंगिक समानता जैसे मुद्दों पर बहस करेंगे.

सुर्ख़ियों में राष्ट्रीय योजनाएँ

यूक्रेन में कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के लिए यूएनडीपी स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा मास्क और सूट मुहैया कराने के लिए सामुदायिक समूहों के साथ मिलकर काम कर रहा है.
UNDP Ukraine/Maksym Kytsiuk
यूक्रेन में कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के लिए यूएनडीपी स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा मास्क और सूट मुहैया कराने के लिए सामुदायिक समूहों के साथ मिलकर काम कर रहा है.

स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा के रूप में जाना जाने वाला ये फ़ोरम सभी देशों को 17 लक्ष्यों को वास्तविकता में बदलने की अपनी आगे की योजनाओं के बारे में जानकारी देने का एक अवसर है. इसमें संयुक्त राष्ट्र और कई अन्य अन्तर-सरकारी निकाय भी अपने विचार प्रस्तुत करेंगे. 

कोविड-19 महामारी का समाज के विभिन्न पहलुओं और अर्थव्यवस्था पर किस हद तक असर पड़ा है,  ये वर्ष 2020 के इस 10 दिवसीय सम्मेलन में ज़्यादातर सत्रों की थीम रहेगी कि महामारी के बाद किस तरह "बेहतर तरीक़े से पुनर्निर्माण" किया जाए. इसमें ग़रीबी उन्मूलन, विकासशील देशों के लिए वित्तपोषण, पृथ्वी की रक्षा और स्थाई ऊर्जा की उपलब्धता जैसे मुद्दों पर बातचीत होगी. 

एक दशक की कार्रवाई

इस चर्चा का आधार होगी - सतत विकास लक्ष्यों पर हुई प्रगति पर महासचिव की नवीनतम रिपोर्ट, जिसमें 2020 को "सतत विकास के लिए कार्रवाई के दशक" की शुरुआत माना गया है. इस दौरान लक्ष्यों को हासिल करने की गति और मापदण्ड अधिक महत्वाकाँक्षी बनाए जाएंगे. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 से उत्पन्न वैश्विक संकट का इन लक्ष्यों पर बड़ा प्रभाव पड़ा है, स्वास्थ्य प्रणालियाँ क्षमता से अधिक काम कर रही हैं, व्यवसाय बन्द हो गए और एक अरब 60 करोड़ छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे हैं; ग़रीब व कमज़ोर लोगों को महामारी का खामियाज़ा उठाना पड़ रहा है और करोड़ों लोगों के अत्यधिक भुखमरी और ग़रीबी की गर्त में धकेले जाने की आशंका है.

असमानता व जलवायु परिवर्तन पर ध्यान

निजेर भी ऐसे देशों में है जहाँ खाद्य असुरक्षा व निम्न आय के हालात हैं..
WFP/Simon Pierre Diouf
निजेर भी ऐसे देशों में है जहाँ खाद्य असुरक्षा व निम्न आय के हालात हैं..

इस फ़ोरम में होने वाली चर्चाओं में यूएन महासचिव की एक अन्य रिपोर्ट की जानकारी भी मुहैया कराई जाएगी, जिसमें बताया गया है कि महामारी के हालात में सतत विकास लक्ष्य कैसे हासिल किए जाएँ.

इसमें संयुक्त राष्ट्र प्रमुख दो अतिव्यापी विषयों को रेखांकित करेंगे: असमानताओं में कमी, अर्थव्यवस्थाओं को अधिक टिकाऊ और न्यायपूर्ण बनाना; व  कार्बन डाइऑक्साइड की कटौती के लिए "तेज़ी से और निरन्तर" प्रतिबद्धता.

इसका पहला विषय वैश्विक ग़रीबी को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीति के रूप में दिया गया है. हाल के वर्षों में ग़रीबी उन्मूलन के क्षेत्र में प्रगति धीमी हो गई है और यह अनुमान लगाया गया है कि 2020 में इस महामारी के कारण 4 करोड़ 90 लाख लोग ग़रीबी का शिकार हो सकते हैं. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि आय वितरण में सुधार के ज़रिये न केवल लोगों को ग़रीबी रेखा से ऊपर रखने में, बल्कि आर्थिक विकास में तेज़ी लाने में भी योगदान मिलेगा क्योंकि इससे समाज के ग़रीब तबके को अधिक ख़र्च करने की क्षमता प्राप्त होगी.

अगर अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को समग्र वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री के भीतर रखने का लक्ष्य हासिल करना है, तो कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करना आवश्यक होगा. रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि वर्तमान नीतियाँ और रणनीतियाँ पर्याप्त नहीं हैं और लक्ष्य पूरा न हो पाने की पूरी आशंका है.

महासचिव ने रिपोर्ट में कहा है कि महत्वाकांक्षी और तत्काल जलवायु कार्रवाई करना ही एकमात्र व्यवहारिक रास्ता है जिससे जलवायु परिवर्तन से निपटते हुए लोगों, उनकी आजीविकाओं और प्राकृतिक पारिस्थितिकी प्रणालियों की रक्षा कर पाना सम्भव है.

इस कार्रवाई से एक ठोस आर्थिक लाभ भी होगा, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को खरबों डॉलर की बचत होगी.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की प्रगति रिपोर्ट में संकट से उबरने में अन्तरराष्ट्रीय सहयोग और एकजुटता के महत्व पर प्रकाश डाला गया है - "बड़े पैमाने पर, समन्वित और व्यापक बहुपक्षीय प्रतिक्रिया", जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का कम से कम 10 प्रतिशत हो.

महासचिव ने महामारी के बाद एक ऐसी वैश्विक अर्थव्यवस्था की परिकल्पना की है जिसमें "बेहतर तरीक़े से निर्माण हो",  जिसमें ऐसे उपाय हों जो भविष्य में संकट के जोखिम को कम करें और दुनिया को 2030 एजेण्डा हासिल करने के क़रीब ले जा सके.

HLPF क्या है?

  • उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच (HLPF), सतत विकास के लिए 2030 एजेण्डा की जाँच और समीक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र का एक प्रमुख मंच है.
  • 2020 का सत्र, 7 जुलाई और 16 जुलाई के बीच होगा, जिसमें 14 जुलाई से 16 जुलाई तक तीन दिवसीय मन्त्रिस्तरीय बैठकें शामिल हैं.
  • इस फो़ोम में भाग लेने वाले अधिकारी इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे कि कोविड-19 महामारी के प्रभाव के परिपेक्ष्य में दुनिया टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने में किस स्थिति में है, और आने वाले दशक में अन्तरराष्ट्रीय समुदाय इस प्रगति को किस तरह तेज़ कर सकता है.