कोविड-19: असरदार उपचार और कारगर वैक्सीन के लिए 31 अरब डॉलर की दरकार

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 से संक्रमित होने का ख़तरा सभी को है इसलिए उसके इलाज और रोकथाम के उपायों की उपलब्धता भी सभी के लिए सुनिश्चित की जानी होगी. यूएन एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि अगले 12 महीनों में कारगर दवाएँ विकसित करने और उन्हें सभी के लिए सुलभ बनाने में 31 अरब डॉलर से ज़्यादा धनराशि की ज़रूरत होगी.
कोविड-19 के संक्रमण के अब तक लगभग 95 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है और चार लाख 84 हज़ार से ज़्यादा मौतें हुई हैं. जल्द ही संक्रमित लोगों की संख्या एक करोड़ को पार कर सकती है जो इस बीमारी के संक्रमण के फैलाव में आई तेज़ी, उसकी गम्भीरता और व्यापकता को दर्शाती है.
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WHO
संक्रमण के लगभग 40 लाख मामले पिछले महीने ही सामने आए हैं जबकि महामारी फैलने के पहले महीने में महज़ 10 हज़ार मामलों की पुष्टि हुई थी.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने शुक्रवार को जिनीवा में एक प्रैस कान्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा, “यह स्पष्ट है कि कोविड-19 पर क़ाबू पाने के लिए असरदार निदान, वैक्सीन और उपचार की ज़रूरत है. और ऐसा अभूतपूर्व स्तर पर अभूतपूर्व गति से किया जाना होगा.”
“क्योंकि सभी लोगों पर कोविड-19 से संक्रमित होने का जोखिम है, इसलिए सभी के लिए ये औज़ार उपलब्ध होने चाहिए ताकि इसकी रोकथाम, परीक्षण और उपचार किया जा सके. ना सिर्फ़ उनके लिए जो इसका ख़र्चा उठा सकते हैं.”
कोविड-19 के उपचार और असरदार वैक्सीन विकसित करने के प्रयासों में तेज़ी लाने के लक्ष्य से अप्रैल 2020 में ‘Access to COVID-19 Tools (ACT) Accelerator’ नामक एक पहल शुरू की गई थी.
इस पहल के ज़रिये सरकारों, स्वास्थ्य संगठनों, वैज्ञानिकों, व्यवसायों, नागरिक समाज और जन-हितैषियों को एक साथ लाया गया है ताकि इन चार प्रमुख स्तम्भों पर काम को तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ाया जा सके:
निदान, उपचार, वैक्सीन, और स्वास्थ्य प्रणाली में जुड़ाव.
अभी तक इनमें से पहले तीन स्तम्भों के लिए 3 अरब 4 करोड़ डॉलर की राशि जुटाने का संकल्प लिया जा चुका है.
इस योजना के तहत निम्न और मध्य आय वाले देशों को 50 करोड़ टैस्ट किट, 24 करोड़ से ज़्यादा ट्रीटमेन्ट कोर्स, और वैक्सीन की दो अरब ख़ुराकें अगले वर्ष के अन्त तक मुहैया कराई जाएँगी.
इस पहल के समर्थन में योरोपीय संघ शनिवार को एक संकल्प शिखर वार्ता का आयोजन कर रहा है जिसके बाद ‘ग्लोबल सिटीज़न’ संगठन के साथ साझा रूप से एक कॉन्सर्ट का आयोजन किया जाएगा.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि एक सुरक्षित और असरदार वैक्सीन ही कोरोनावायरस के फैलाव और संक्रमण की रोकथाम का एकमात्र रास्ता है.
उन्होंने बताया कि आम तौर पर किसी वैक्सीन को विकसित करने और फिर उसका उत्पादन करने में दस साल तक का समय लगता है लेकिन उनके साझीदार संगठन इस अवधि को कम करने में जुटे हैं.
“हम 12, ज़्यादा से ज़्यादा 18 महीने के लक्ष्य का पीछा कर रहे हैं. और यह अभूतपूर्व होगा.”
उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि फ़िलहाल 200 वैक्सीनें तैयार करने का काम विभिन्न चरणों में चल रहा है, और 15 मामलों में तो मानव परीक्षण भी शुरू हो गए हैं.