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पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की पुकार

जियॉर्ज फ़्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका और अन्य देशों में नस्लीय भेदभाव का अन्त किए जाने की माँग के समर्थन में प्रदर्शन हुए हैं.
UN Photo/Evan Schneider
जियॉर्ज फ़्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका और अन्य देशों में नस्लीय भेदभाव का अन्त किए जाने की माँग के समर्थन में प्रदर्शन हुए हैं.

पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की पुकार

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की महानिदेशक ऑड्री अज़ोले ने विरोध प्रदर्शनों की कवरेज कर रहे पत्रकारों के ख़िलाफ़ हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर चिन्ता जताई है. यूनेस्को प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा है कि अभिव्यक्ति की आज़ादी लोकतन्त्र का एक बेहद अहम अंग है और पत्रकारों द्वारा ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग प्रैस की आज़ादी और सूचना के अधिकार के लिए अतिआवश्यक है. इसलिए उनके काम करने की आज़ादी और सुरक्षा सुनिश्चित किया जाना ज़रूरी है.

दुनिया के अनेक देशों में हाल के दिनों में विभिन्न कारणों से प्रदर्शनों की लहर उठी है. लेकिन उनसे क़ानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ज़िम्मेदार एजेंसियों द्वारा पत्रकारों पर अत्यधिक बल प्रयोग की समस्या की ओर भी ध्यान गया है.

रिपोर्टों के अनुसार प्रदर्शनों की कवरेज में जुटे पत्रकारों की मौतें हुई हैं, वे रबड़ की गोलियों से घायल हुए हैं, और अनेक पत्रकारों को हिरासत में लिए जाने और उनके उपकरण तोड़े जाने या ज़ब्त किए जाने के मामले भी सामने आए हैं.

यूनेस्को महानिदेशक ऑड्री अज़ोले ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की पीड़ाओं और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जवाबी कार्रवाई को जानना-समझना पत्रकारों के काम के मूल में है. साथ ही घटनाओं का सीधा प्रसारण करने की उनकी क्षमता भी.

यूएन एजेंसी और अन्य साझीदार संगठन इस सम्बन्ध में नियमित रूप से पत्रकारों से सम्पर्क रखने वाले अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करते हैं ताकि वे लोकतन्त्र में मीडिया के योगदान का सम्मान और अभिव्यक्ति की आज़ादी के बुनियादी मानवाधिकार को समझ सकें, उसका सम्मान कर सकें. 

यूनेस्को ने वर्ष 2013 से 17 देशों में क़ानून-व्यवस्था से जुड़ी एजेंसियों के 3 हज़ार 400 से ज़्यादा अधिकारियों और अफ़्रीका और लातिन अमेरिका में 17 हज़ार से ज़्यादा जजों और न्यायपालिका के सदस्यों को अभिव्यक्ति की आज़ादी पर ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया है. 

इन ट्रेनिंग पाठ्यक्रमों में पत्रकारों के साथ बातचीत के बारे में भी समझाया जाता है. प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अधिकारियों का कहना है कि इससे उन्हें आपसी समझ विकसित करने और शान्तिपूर्ण ढँग से बातचीत को सम्भव बनाने में मदद मिली है. 

यूनेस्को ने विरोध प्रदर्शनों के मौजूदा दौर और हिंसा की घटनाओं के मद्देनज़र ऐसे पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने और उन्हें वैश्विक स्तर पर वितरित किए जाने की ज़रूरत रेखांकित की है. 

इसी क्रम में जुलाई महीने में यूनेस्को की ओर से प्रदर्शनों, मार्चों और दंगों में पत्रकारों के संरक्षण पर एक विशेष रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी.

अभिव्यक्ति की आज़ादी यूनेस्को के संविधान में प्रतिष्ठापित है.

पत्रकारों की सुरक्षा और दण्डमुक्ति के मुद्दे पर यूएन की कार्ययोजना के फ़्रेमवर्क में यूएन एजेंसी मीडियाकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और वैश्विक स्तर पर जागरूकता के प्रसार को बढ़ावा देती है ताकि मीडिया और न्यायपालिका अपना काम बेहतर हालात में कर पाने में सक्षम हों.