आर्कटिक में तापमान के नए कीर्तिमान की सम्भावना
विश्व मौसम विज्ञान एजेंसी (WMO) ने उन रिपोर्टों को अपनी स्वीकृति दे दी है जिनमें आर्कटिक सर्किल में अब तक का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया है. पिछले सप्ताहान्त रूस के एक गाँव में 38 डिग्री सेल्सियस (100.4F) तापमान दर्ज किया गया जोकि एक रिकॉर्ड है, हालाँकि अन्तरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा इस आँकड़े की सटीकता की अन्तिम पुष्टि अभी किया जाना बाक़ी है.
जिनीवा में यूएन एजेंसी की प्रवक्ता क्लेअर नुलीस ने बताया कि WMO फ़िलहाल आर्कटिक सर्किल के उत्तर में तापमान के इस नए कीर्तिमान की पुष्टि करने का प्रयास कर रहा है.
Temperatures in the Arctic Circle appear to have reached a record high over the weekend.Our planet is sending us a clear warning. The need for immediate and ambitious #ClimateAction is more urgent than ever. https://t.co/OmPiim8Dal
antonioguterres
उनके मुताबिक साइबेरिया के जँगलों में आग की घटनाएँ बढ़ने और लम्बी अवधि तक गर्म हवाएँ चलने के बीच रूस के वर्खोयान्स्क से ऐसी रिपोर्टें मिली हैं.
अगर रूस में पिछले शनिवार को आँके गए तापमान की स्थानीय प्रशासन की ओर से पुष्टि कर दी जाती है तो फिर इस निष्कर्ष की विस्तृत समीक्षा अन्तरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा की जाएगी.
चर्चा में आया पूर्वी साइबेरिया का क्षेत्र अपने ग्रीष्म और शरद ऋतु में अपने चरम मौसम के लिए जाना जाता है. वहाँ जुलाई महीने में तापमान का 30 डिग्री सेल्सियस (86F) तक पहुँचना आम है.
आर्कटिक में तापमान पर इस ताज़ा रिपोर्ट से कुछ ही महीने पहले अन्टार्कटिक प्रायद्वीप के उत्तरी छोर पर अर्जेन्टीना में रीसर्च शिविर ‘एस्परआन्ज़ा’ में 6 फ़रवरी को 18.4 डिग्री सेल्सियस (65.3F) का तापमान दर्ज किया गया था जोकि एक रिकॉर्ड है.
यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक आर्कटिक में पारा चढ़ने की रफ़्तार वैश्विक औसत की तुलना में क़रीब दोगुनी है.
प्रवक्ता नुलीस ने बताया कि साइबेरिया क्षेत्र में लम्बी अवधि तक गर्म हवाओं और जँगलों में आग लगने के बाद तापमान में बढ़ोत्तरी देखी गई है.
इससे पहले वसन्त का मौसम भी असाधारण रूप से गर्म था और बर्फ़बारी कम हुई थी.
यूएन एजेंसी के आँकड़े दर्शाते हैं कि साइबेरिया के कई हिस्सों में मई महीने में तापमान औसत से 10 डिग्री सेल्सियस (18.5F) ज़्यादा था. बताया गया है कि इसी असाधारण गर्मी के कारण वहाँ सबसे गर्म मई महीने का रिकॉर्ड बना है.
संगठन के मुताबिक आर्कटिक में वर्ष 2016 से 2019 तक हवा के तापमान ने रिकॉर्ड स्थापित किया है.
पिघलती समुद्री बर्फ़
इसके साथ-साथ आर्कटिक में समुद्री बर्फ़ पिघलने के मौसम के बाद उसकी मात्रा घटने पर भी चिन्ता जताई गई है. वर्ष 1979 से 2019 तक के औसत की तुलना में सितम्बर 2019 में समुद्री बर्फ़ में 50 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई.
यूएन एजेंसी ने पुष्टिकरण प्रक्रिया के तहत रूस में स्थानीय मौसम विज्ञान एजेंसी (Roshydromet) से ज़रूरी जानकारी माँगी है. इसमें तापमान सम्बन्धी आँकड़े, उन्हें एकत्र करने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले उपकरण सहित अन्य विश्लेषण शामिल हैं.
अन्तरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान विशेषज्ञों का एक समूह इन आँकड़ों का अध्ययन करेगा जिसके बाद इस पर्यवेक्षण (Observation) की सटीकता की पुष्टि की जाएगी.
मौसम विज्ञान संगठन ने उम्मीद जताई है कि इस सम्बन्ध में जानकारी मुहैया होने से जलवायु वैज्ञानिकों को जलवायु को बेहतर ढँग से समझने में मदद मिलेगी और इन्जीनियर, डॉक्टर व आम लोग भी चरम जलवायु के ख़तरों के प्रति मज़बूती से तैयारी कर पाएँगे.